जयपुर. आमेर एक विश्व प्रसिद्ध पर्यटनस्थल है. आमेर में रोजाना हजारों की संख्या में सैलानी घूमने के लिए पहुंचते हैं. सिर्फ राजस्थान या भारत से ही नहीं बल्कि पूरे विश्व से लोग आमेर घूमने आते है. यहां आने वाले पर्यटकों में आस-पास के स्थानों को भी देखने की उत्सुकता रहती है, लेकिन यही उत्सुकता कई बार दुर्घटना का कारण भी बन जाती है.
जिसका ताजा उदाहरण रविवार 11 जुलाई 2021 की देर शाम को देखने को मिला. जब आमेर महल के सामने पहाड़ी पर स्थित वॉच टावर पर आकाशीय बिजली गिरने से लोगों की जान आफत में पड़ गई. करीब 30 लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए. जिनमें से 11 लोगों की मौत हो गई है तो वहीं, करीब 15 से अधिक लोग घायल हो गए.
आमेर में वॉच टावर के अलावा भी ऐसी कई जगह है, जहां पर टूरिस्ट घूमने के लिए पहुंचते हैं और उनकी जान जोखिम में पड़ जाती है. आमेर के सामने स्थित वॉच टावर पर रविवार को आकाशीय बिजली गिरने से बड़ा हादसा हुआ. यह एक प्राकृतिक आपदा था, लेकिन देर शाम ऊंची पहाड़ी पर जहां चारों तरफ जंगल है ऐसी जगह लोगों का घूमना एक बड़ी लापरवाही है. जंगल में पैंथर समेत अन्य खतरनाक वन्यजीवों का भी विचरण रहता है. ऐसी जगह पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने चाहिए. रात के अंधेरे में यहां पर वन्यजीवों का भी खतरा रहता है, ऐसे में लोगों को घूमने के लिए समय निर्धारित होना चाहिए.
इसके साथ ही आमेर मावठा झील, सागर बांध, पन्ना मीना कुंड, नाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला, भूतेश्वर महादेव मंदिर समेत अनेक स्थल है, जहां पर पर्यटकों की जान को खतरी है. आमेर मावठा में भी कई बार लोगों के गिरने से हादसे हो चुके हैं, सागर झील में भी पर्यटक की जान को जोखिम रहता है. हालांकि मावठा झील और पन्ना मीना कुंड पर होमगार्ड और गोताखोर तैनात किए जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी कई बार हादसे हो जाते हैं.
पढ़ेंः जयपुर वज्रपात का LIVE वीडियो, 45 से 50 सैलानियों पर ऐसे गिरी थी आकाशीय बिजली
इसी तरह सागर बांध, नाहरगढ़ के जंगलों में स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर नाहरगढ़ किला, जयगढ़ किला और आमेर के सभी वॉच टावरों पर सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता होने चाहिए. ताकि पर्यटकों की जान जोखिम में नहीं पड़े. ऐसी जगहों पर पर्यटक ज्यादा पहुंचते है और यहां पर सुरक्षा गार्ड भी तैनात नहीं होते, ऐसे में पर्यटकों की लापरवाही और प्राकृतिक आपदाओं से दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है.
इस स्थिति में प्रशासन को भी ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि लोगों की जान की सुरक्षा हो सके. स्थानीय निवासी महेश कुमार ने बताया कि आमेर क्षेत्र पहाड़ियों से घिरा हुआ है. आमेर में जलाशय, वाल और मॉन्यूमेंट्स है. इसके साथ ही बहुत सारे प्राचीन मंदिर और ऐतिहासिक जगह भी है.
जलाशय में आमेर मावठा झील और सागर बांध समेत वाल काफी रिस्की है. कई लोग पहाड़ियों पर ट्रैकिंग करने के लिए भी पहुंचते हैं, लेकिन कई लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं और पहाड़ियों पर स्थित प्राचीन दीवारों पर चढ़कर फोटो और वीडियो शूट करते हैं, जो काफी जोखिमपूर्ण रहता है.
कई लोग स्टंट भी करके अपनी जान जोखिम में डालते हैं. पहले कई लोग आमेर मावठा झील, सागर बांध और पन्ना मीना केंद्र में सुसाइड भी कर लेते थे, जिसके बाद गोताखोरों को तैनात किया गया है. जिसके बाद ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है. इसी तरह अन्य जगहों पर भी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है.
आमेर के वार्ड नंबर 1 के कांग्रेस पार्षद हनुमान गुर्जर ने बताया कि आमेर में मावठा झील, पन्ना मीना कुंड समेत कई जगह पर सिविल डिफेंस के कर्मचारी तैनात किए गए हैं. जिन जगहों पर सुरक्षा व्यवस्थाएं नहीं है उन जगहों पर सुरक्षा कर्मी तैनात करने के प्रयास किए जाएंगे. प्रशासन के सहयोग से सुरक्षा व्यवस्थाओं को मजबूत किया जाएगा. पुलिस के जवान भी तैनात किए जाएंगे. ताकि रात के समय ऐसी जोखिम पूर्ण जगहों पर लोगों का आवागमन नहीं हो.