जयपुर. ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने शहर में डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर संचालकों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. निगम कमिश्नर यादव ने हूपर में वजन बढ़ाने के लिए डाले जा रहे बिल्डिंग मटेरियल को नहीं लाने और कचरा कलेक्ट करने के लिए फेरे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही शहर में जगह-जगह जेडीए और हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बने डंपिंग यार्ड की जमीन को अलॉट कराने का प्रयास कर, यहां शेड और दूसरी व्यवस्थाएं करने की भी बात कही.
राजधानी में न्यू आतिश मार्केट, कालवाड रोड, करणी विहार, हसनपुरा पुलिया और 22 गोदाम पर बने डंपिंग यार्ड क्षेत्रीय आम जनता के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. इसे लेकर मिल रही शिकायतों पर ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने तमाम डंपिंग यार्ड का जायजा लिया. जिसमें शिकायतों के कारणों का भी खुलासा हो गया. जहां न्यू आतिश मार्केट में बड़े भूखंड पर कचरा ट्रांसफर स्टेशन ओपन डंपिंग यार्ड में बदल गया.
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वहीं, कालवाड़ रोड और करणी विहार के डंपिंग यार्ड को छुपाने के लिए महज पर्दा लगा कर इतिश्री कर ली गई. यही नहीं यहां जो हूपर डोर टू डोर कचरा कलेक्ट कर के कचरा डंप करने पहुंचते हैं, उनमें भी भारी संख्या में बिल्डिंग मटेरियल की मौजूदगी देखने को मिली. इस पर ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने चिंता व्यक्त करते हुए बीवीजी कंपनी और उनके वेंडर्स को दो टूक नसीहत दे डाली.
दिनेश यादव ने बताया कि शहर में जगह-जगह बने डंपिंग स्टेशन को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी. पहले ये स्टेशन बतौर कचरा ट्रांसफर इस्तेमाल किए जाते थे. लेकिन धीरे-धीरे ये स्थाई डंपिंग यार्ड में तब्दील हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनमें से बहुत सी जमीन नगर निगम के अंडर में भी नहीं है. ऐसे में पहले जेडीए और हाउसिंग बोर्ड से इन जमीनों को अलॉट कराने या लीज पर लेने का प्रयास किया जाएगा. ताकि इन्हें साफ सुथरा कर, शेड और दूसरी व्यवस्थाएं की जा सके.
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उन्होंने डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर में बिल्डिंग मैटेरियल लाए जाने पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि, ऐसा करने से कचरे का वजन बढ़ता है. उन्होंने दो टूक ऐसा ना करने की नसीहत दी और वेंडर्स का सिस्टम इंप्रूव करने की जरूरत बताई. साथ ही हूपर्स के चक्कर बढ़ाने और कमियों को दूर करने के निर्देश दिए.
बहरहाल, बीते दिनों बीवीजी कंपनी और उनके वेंडर आपस में भुगतान को लेकर उलझे हुए थे. जिसका खामियाजा शहर की आम जनता को उठाना पड़ रहा था, और ठीकरा निगम के सिर फूट रहा था. लेकिन मंगलवार को हुए निगम कमिश्नर के दौरे में कचरा संग्रहण में हो रही अनियमितताएं भी सामने आ गई, और अब इस पर नियमित निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं.