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राजस्थान में जल्द शुरू हो सकता वैध बजरी खनन, 8 लीजों को मिली एनओसी...SC के आदेश का इंतजार

राजस्थान में वैध बजरी खनन जल्द शुरू हो सकता है. मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट्री ने राजस्थान की आठ लीजों को एनओसी जारी कर दी है. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का इंतजार है, जिसके बाद से प्रदेश में वैध बजरी खनन की राह खुल सकेगी.

मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट्री, Gravel Mining in Rajasthan, Gravel Mining Ban Rajasthan
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Published : Jan 9, 2021, 8:51 AM IST

जयपुर. प्रदेश में 16 नवंबर 2017 से बंद पड़े वैध बजरी खनन के अब दोबारा शुरू होने के आसार बन गए हैं. दरअसल जिस मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट्स की एनओसी नहीं मिलने के चलते वैध खनन पर रोक लगी थी, उसी विभाग ने राजस्थान की आठ खनन लीजो कों अब एनओसी जारी कर दी है.

पढ़ेंः बाड़मेर के सिवाना में अवैध खनन पर कार्रवाई, हिताची मशीन व डंपर को जब्त किया

अब एनओसी जारी होने के बाद प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का इंतजार कर रही है. जिन आठ लीजो को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट ने स्वीकृति दी है उनमें देवली, कोटरी, शाहपुरा, सायला, रायपुर, राजसमंद और नाथद्वारा शामिल है. कोर्ट के आदेश मिलते के साथ ही यहां खनन शुरू हो जाएगा. जिससे प्रदेश में अवैध खनन के जरिए महंगी दरों पर मिल रही बजरी की कीमतों में कमी आएगी और आम जनता को राहत मिलेगी.

पढ़ेंः अवैध बजरी खनन पर एंपावर्ड कमेटी ने SC को सौंपी रिपोर्ट, माना- सरकार और मंत्रालय स्तर पर रही कमियों का नतीजा

आपको बता दें, इससे पहले बजरी खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई सेंट्रल एंपावर्ड कमिटी ने भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी. एंपावर्ड कमेटी ने जो रिपोर्ट दी थी उसमें अवैध बजरी खनन करने वाले वाहन पर 10 लाख प्रति वाहन जुर्माने के साथ-साथ उस वाहन में मौजूद बजरी पर 5 लाख अतिरिक्त प्रति मीटर जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी. गौरतलब है कि प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नवंबर 2017 से प्रदेश में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है.

जयपुर. प्रदेश में 16 नवंबर 2017 से बंद पड़े वैध बजरी खनन के अब दोबारा शुरू होने के आसार बन गए हैं. दरअसल जिस मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट्स की एनओसी नहीं मिलने के चलते वैध खनन पर रोक लगी थी, उसी विभाग ने राजस्थान की आठ खनन लीजो कों अब एनओसी जारी कर दी है.

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अब एनओसी जारी होने के बाद प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का इंतजार कर रही है. जिन आठ लीजो को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट ने स्वीकृति दी है उनमें देवली, कोटरी, शाहपुरा, सायला, रायपुर, राजसमंद और नाथद्वारा शामिल है. कोर्ट के आदेश मिलते के साथ ही यहां खनन शुरू हो जाएगा. जिससे प्रदेश में अवैध खनन के जरिए महंगी दरों पर मिल रही बजरी की कीमतों में कमी आएगी और आम जनता को राहत मिलेगी.

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आपको बता दें, इससे पहले बजरी खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई सेंट्रल एंपावर्ड कमिटी ने भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी. एंपावर्ड कमेटी ने जो रिपोर्ट दी थी उसमें अवैध बजरी खनन करने वाले वाहन पर 10 लाख प्रति वाहन जुर्माने के साथ-साथ उस वाहन में मौजूद बजरी पर 5 लाख अतिरिक्त प्रति मीटर जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी. गौरतलब है कि प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नवंबर 2017 से प्रदेश में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है.

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