जयपुर. प्रदेश में 16 नवंबर 2017 से बंद पड़े वैध बजरी खनन के अब दोबारा शुरू होने के आसार बन गए हैं. दरअसल जिस मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट एंड फॉरेस्ट्स की एनओसी नहीं मिलने के चलते वैध खनन पर रोक लगी थी, उसी विभाग ने राजस्थान की आठ खनन लीजो कों अब एनओसी जारी कर दी है.
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अब एनओसी जारी होने के बाद प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का इंतजार कर रही है. जिन आठ लीजो को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट एंड फॉरेस्ट ने स्वीकृति दी है उनमें देवली, कोटरी, शाहपुरा, सायला, रायपुर, राजसमंद और नाथद्वारा शामिल है. कोर्ट के आदेश मिलते के साथ ही यहां खनन शुरू हो जाएगा. जिससे प्रदेश में अवैध खनन के जरिए महंगी दरों पर मिल रही बजरी की कीमतों में कमी आएगी और आम जनता को राहत मिलेगी.
आपको बता दें, इससे पहले बजरी खनन को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई सेंट्रल एंपावर्ड कमिटी ने भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी. एंपावर्ड कमेटी ने जो रिपोर्ट दी थी उसमें अवैध बजरी खनन करने वाले वाहन पर 10 लाख प्रति वाहन जुर्माने के साथ-साथ उस वाहन में मौजूद बजरी पर 5 लाख अतिरिक्त प्रति मीटर जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी. गौरतलब है कि प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से नवंबर 2017 से प्रदेश में बजरी खनन पर रोक लगा रखी है.