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भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच पारित हुई अनुदान मांगें

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच शेष बचे विभागों की अनुदान मांगें पारित करवा दी गई. निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा को अधिक समय तक बहस में बोलने देने से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि दो सभापति के साथ स्पीकर सीपी जोशी से भी व्यवस्था नहीं संभली.

भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच पारित हुई अनुदान मांगें
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Published : Jul 26, 2019, 11:52 PM IST

जयपुर. विधानसभा में शुक्रवार का दिन हंगामे के नाम रहा. हंगामे के दौरान भाजपा विधायक इतने उग्र हो गए कि उन्हें ना सभापति राजेंद्र पारीक व डॉ. जितेंद्र सिंह शांत करवा पाए और ना ही स्पीकर सीपी जोशी. मामला विधायक संयम लोढ़ा के अनुदान मांगों पर अधिक समय तक बोलने से शुरू हुआ. जिसका भाजपा विधायकों ने विरोध किया. हंगामा बढ़ने पर स्पीकर ने आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच पारित हुई अनुदान मांगें

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा विधायकों ने फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया. स्पीकर जोशी ने कई बार अपनी बात कहने की कोशिश की. लेकिन भाजपा विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे और धरने पर बैठ गए. ऐसे में स्पीकर ने मजबूरन सिंचाई और भूमि संरक्षण से जुड़ी अनुदान मांगों पर जवाब के लिए मंत्री बीडी कल्ला को निर्देश दिए. हंगामे के बीच कल्ला ने सदन में जवाब दिया और उसके बाद शेष बचे हुए विभागों की अनुदान मांगें मुख बंद का प्रयोग कर पारित कर दी गई.

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नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का आरोप था कि सरकार की सांठगांठ से संयम लोढ़ा को निर्दलीय होने के बाद भी अधिक समय तक बोलने की इजाजत दी गई. जबकि भाजपा विधायकों को बहस में 2 से 3 मिनट बाद ही घंटी बजाकर रोकने की कोशिश की जाती है. कटारिया के अनुसार कांग्रेस में भाजपा के खिलाफ बोलने में कोई एक्सपर्ट नहीं है. तो उन्होंने संयम लोढ़ा को आगे कर दिया जो नियमानुसार गलत है.

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वहीं भाजपा विधायकों के आरोप को परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सिरे से खारिज कर दिया. खाचरियावास के अनुसार नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष चाहते हैं कि सदन उनके अनुसार चले और विपक्ष जिसे चाहे वह बोले और जिसे विपक्ष नहीं चाहे उसे नहीं बोलने दिया जाए. लेकिन सदन तो स्पीकर की व्यवस्था से ही चलता है.

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बहरहाल हंगामे के बीच अनुदान मांगे पारित हो गई और उसके बाद सदन की कार्यवाही भी सोमवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या सोमवार को भी भाजपा विधायकों का यही रुख रहेगा जो शुक्रवार को रहा.

जयपुर. विधानसभा में शुक्रवार का दिन हंगामे के नाम रहा. हंगामे के दौरान भाजपा विधायक इतने उग्र हो गए कि उन्हें ना सभापति राजेंद्र पारीक व डॉ. जितेंद्र सिंह शांत करवा पाए और ना ही स्पीकर सीपी जोशी. मामला विधायक संयम लोढ़ा के अनुदान मांगों पर अधिक समय तक बोलने से शुरू हुआ. जिसका भाजपा विधायकों ने विरोध किया. हंगामा बढ़ने पर स्पीकर ने आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.

भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच पारित हुई अनुदान मांगें

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भाजपा विधायकों ने फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया. स्पीकर जोशी ने कई बार अपनी बात कहने की कोशिश की. लेकिन भाजपा विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे और धरने पर बैठ गए. ऐसे में स्पीकर ने मजबूरन सिंचाई और भूमि संरक्षण से जुड़ी अनुदान मांगों पर जवाब के लिए मंत्री बीडी कल्ला को निर्देश दिए. हंगामे के बीच कल्ला ने सदन में जवाब दिया और उसके बाद शेष बचे हुए विभागों की अनुदान मांगें मुख बंद का प्रयोग कर पारित कर दी गई.

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नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का आरोप था कि सरकार की सांठगांठ से संयम लोढ़ा को निर्दलीय होने के बाद भी अधिक समय तक बोलने की इजाजत दी गई. जबकि भाजपा विधायकों को बहस में 2 से 3 मिनट बाद ही घंटी बजाकर रोकने की कोशिश की जाती है. कटारिया के अनुसार कांग्रेस में भाजपा के खिलाफ बोलने में कोई एक्सपर्ट नहीं है. तो उन्होंने संयम लोढ़ा को आगे कर दिया जो नियमानुसार गलत है.

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वहीं भाजपा विधायकों के आरोप को परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सिरे से खारिज कर दिया. खाचरियावास के अनुसार नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष चाहते हैं कि सदन उनके अनुसार चले और विपक्ष जिसे चाहे वह बोले और जिसे विपक्ष नहीं चाहे उसे नहीं बोलने दिया जाए. लेकिन सदन तो स्पीकर की व्यवस्था से ही चलता है.

जयपुर: तेज बारिश से जमवारामगढ़ में कई गांव जलमग्न, पहाड़ियों से बहे झरने, नदियों में उफान

बहरहाल हंगामे के बीच अनुदान मांगे पारित हो गई और उसके बाद सदन की कार्यवाही भी सोमवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई. लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या सोमवार को भी भाजपा विधायकों का यही रुख रहेगा जो शुक्रवार को रहा.

Intro:भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच पारित हुई अनुदान मांगे
संयम लोढ़ा के जरिए हमें गाली बकवा रही है सरकार -गुलाब चंद कटारिया
बीजेपी चाहती है सदन उनके अनुसार चले लेकिन ऐसा नहीं होगा -खाचरियावास

जयपुर (इंट्रो)
राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच शेष बचे विभागों की अनुदान मांगे पारित करवा दी गई। निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा को अधिक समय तक बहस में बोलने देने से शुरू हुआ यह विवाद इतना विकराल हो गया की दो सभापति के साथ स्पीकर सीपी जोशी से भी व्यवस्था नहीं समझ पाई।

Body:(Vo1)
शुक्रवार का दिन विधानसभा में हंगामे का नाम रहा और हंगामा करने वाले भाजपा विधायक इतने उग्र हो गए किना सभापति राजेंद्र पारीक व डॉ जितेंद्र सिंह इन्हें संभाल पाए और ना ही स्पीकर सीपी जोशी सदन को चला पाए। मामला विधायक संयम लोढ़ा के अनुदान मांगों पर अधिक समय तक बोलने से शुरू हुआ जिसका भाजपा विधायकों ने विरोध किया। हंगामा बड़ा तो स्पीकर ने आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी लेकिन फिर जब कार्रवाई शुरू हुई तब भी स्पीकर सीपी जोशी के काबू में भाजपा विधायक नहीं आए। जोशी ने कई बार अपनी बात कहने की कोशिश की लेकिन भाजपा विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे और धरने पर बैठ गए। ऐसे में मजबूरन जोशी ने सिंचाई और भूमि संरक्षण से जुड़ी अनुदान मांगो पर रिप्लाई के लिए मंत्री बीडी कल्ला को निर्देश दिए। हंगामे के बीच कल्ला ने सदन में रिप्लाई दिया और उसके बाद शेष बचे हुए विभागों की अनुदान मांगे मुख् बंद का प्रयोग कर पारित कर दी गई।....

(विसुअल्स- अनुदान मांगे पारित करते हुए)

(Vo2)
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का आरोप था कि सरकार की सांठगांठ से संयम लोढ़ा को निर्दलीय होने के बावजूद अधिक समय तक बोलने की इजाजत दी गई जबकि भाजपा विधायकों को बहस में दो से 3 मिनट बाद ही घंटी बजाकर रोकने की कोशिश की जाती है। कटारिया के अनुसार कांग्रेस में तो भाजपा के खिलाफ बोलने में कोई एक्सपर्ट है नहीं लिहाजा संयम लोढ़ा को उन्होंने आगे कर दिया जो नियमानुसार गलत है.....

बाईट- गुलाबचंद कटारिया ,नेता प्रतिपक्ष

(Vo3)
वहीं भाजपा विधायकों के आरोप को परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने सिरे से खारिज कर दिया। खाचरियावास के अनुसार नेता प्रतिपक्ष और उप नेता चाहते हैं कि सदन उनके अनुसार चले और वह जिसे चाहे वह बोले और जिसे वह नहीं चाहे उसे नहीं बोलने दिया जाए लेकिन सदन तो स्पीकर की व्यवस्था से ही चलता है।

बाईट- प्रताप सिंह खाचरियावास, परिवहन मंत्री

(Vo4)
बहराल हंगामे के बीच अनुदान मांगे तो पारित हो गई और सदन की कार्यवाही भी सोमवार सुबह 11:00 बजे तक स्थगित कर दी गई लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या सोमवार को भी भाजपा विधायकों का यही रुख रहेगा जो शुक्रवार को रहा।

(Edited vo pkg_hangama anudaan maange parit)
Conclusion:
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