जयपुर. गत वर्ष 6 नवंबर से चल रहा कांग्रेस डिजिटल सदस्यता अभियान राजस्थान में इतना सुस्त चाल चल रहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को यह स्वीकार करना पड़ा कि प्रदेश में जिस रफ्तार से सदस्यता अभियान चलना चाहिए था, उस रफ्तार में नहीं चल रहा है. इसके लिए डोटासरा ने मंत्री-विधायकों की सदस्यता अभियान से दूरी को भी जिम्मेदार ठहराया. डोटासरा ने कहा कि विधानसभा सत्र के चलते मंत्री, विधायकों को समय नहीं मिला, लेकिन हकीकत यही है कि सदस्यता अभियान को चलते हुए साढ़े 4 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है. विधानसभा का सत्र पिछले 1 महीने से ही चल रहा है. ऐसे में मंत्रियों-विधायकों की बेरुखी के चलते सदस्यता अभियान सुस्त चल चल रहा है.
...अगर कम रही मेंबरशिप, तो ठीकरा फूटेगा मेरे सिर पर: राजस्थान में कांग्रेस पार्टी सत्ताधारी दल है. इसके बावजूद मेंबरशिप जिस धीमी रफ्तार से चल रही है, उससे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी नाराज (Dotasra fumes over slow progress of membership campaign) हैं. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई कांग्रेस पदाधिकारियों, चेयरमैन और निवर्तमान जिला अध्यक्षों की बैठक में डोटासरा ने कहा कि अब तक इस अभियान की रफ्तार कमजोर रही है. अगर इसी रफ्तार से काम हुआ, तो 50 लाख मेंबर्स कैसे बन सकेंगे. डोटासरा ने कहा कि अगर मेंबरशिप का टारगेट पूरा नहीं होता है, तो इसका ठीकरा मेरे सिर पर ही फूटेगा.
तकनीकी खामियों को बताया कम मेंबरशिप के लिए जिम्मेदार: डोटासरा जब प्रदेश में कम मेंबरशिप पर पदाधिकारियों से नाराजगी जताने लगे, तो पदाधिकारियों ने ऑनलाइन सदस्यता अभियान में चल रही तकनीकी खामियों को भी सदस्यता कमजोर रहने के पीछे जिम्मेदार जताया. पदाधिकारियों ने कहा कि पहली बार ऐप के जरिए मेंबरशिप हो रही है और इसमें तकनीकी दिक्कतें भी आ रही है. आपको बता दें कि मेंबरशिप कमजोर होने के पीछे विधायकों और मंत्रियों का इसमें रूचि न लेना तो कारण है ही, इसके साथ ही जो नेता राजनीतिक नियुक्तियों या किसी पद को पाने से महरूम रह गए हैं, वे भी अब इस अभियान के साथ नहीं जुड़ रहे हैं. यही कारण है कि कांग्रेस की ऑनलाइन सदस्यता अभी सुस्त चाल से चल रही है.