जयपुर. राजस्थान में गहलोत कैबिनेट बैठक (Gehlot Cabinet Meeting) में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) और मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के बीच हुए विवाद पर डोटासरा सीधे तौर पर बोलने से बचे. लेकिन, जयपुर के प्रभारी मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के शुक्रवार को जयपुर में नहीं रहने पर कटाक्ष जरूर किया.
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डोटासरा ने कहा कि प्रोटोकॉल (Protocol) की पालना कांग्रेस पार्टी में हमारे सीनियर लोग ज्यादा करते हैं. शांति धारीवाल को लगा कि जब प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) राज्यपाल को ज्ञापन देंगे तो वे प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) भी करेंगे और प्रेस कॉन्फ्रेंस जयपुर में एक ही हो सकती है. ऐसे में शांति धारीवाल ने प्रोटोकॉल का पालन करते हुए यह स्पेस दिया है कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अपनी बात रखेंगे.
वहीं, कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में हुए विवाद पर डोटासरा ने कहा कि कैबिनेट की बैठक में भी प्रोटोकॉल का पूरा पालन हुआ था. कांग्रेस (Congress) में सब एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. डोटासरा ने कहा कि राजस्थान एक ऐसा उदाहरण है, जहां सत्ता और संगठन मिलकर राजस्थान की भाजपा और केंद्र सरकार (Central Government) को बेनकाब कर रहे हैं और कोरोना में लोगों की सेवा कर रहे हैं.
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सत्ता और संगठन का इतना समन्वय जिसमें लोगों को लाभ मिल रहा है, वह भाजपा के पेट में पच नहीं रही है. कैबिनेट की बैठक में किसी ने किसी को चैलेंज नहीं किया. उन्होंने कहा कि किसी की अथॉरिटी को चैलेंज करने का उदाहरण देखना हो तो भाजपा (BJP) में होता है, जब एक बार के एमएलए को मुख्यमंत्री का दावेदार बना दिया जाता है और दो बार के मुख्यमंत्री को कोने में बैठा दिया जाता है.
डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में सत्ता और संगठन एक है, सत्ता और संगठन मिलकर राजस्थान के लोगों की सेवा कर रहे हैं और कोरोना से लोगों की जान बचा रहे हैं. कांग्रेस में पारदर्शिता है. उन्होंने कहा कि हमारे पास छुपाने को कुछ नहीं है. राजस्थान में सत्ता और संगठन के बीच फेविकॉल का जोड़ है.