जयपुर. शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में उर्दू, सिंधी और पंजाबी भाषा की पढ़ाई बंद नहीं होगी. ईटीवी भारत से बात करते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि अभी तक हमारी सरकार ने इस तरह का कोई फैसला नहीं किया है.
सरकारी स्कूलों में पहले की तरह ही उर्दू, सिंधी, पंजाबी और संस्कृत तृतीय भाषा के रूप में पढ़ाई जाती रहेगी. डोटासरा ने कहा कि हम लोगों ने विधानसभा में भी कहा है कि उर्दू पढ़ने वाले बच्चों को उर्दू और पंजाबी पढ़ने वाले बच्चों को पंजाबी के टीचर उपलब्ध करवाएंगे. हाल ही में 40 पंजाबी भाषा के टीचरों को श्रीगंगानगर और आस-पास के क्षेत्रों में पोस्टिंग भी दी गई है.
पढ़ें- बाड़मेर: स्कूटी चालक युवक पर गिरा 11 हजार KV विद्युत तार, जिंदा जला
पिछली सरकार में दूसरे विषयों को पढ़ाने के लिए जो उर्दू टीचर लगे हुए थे. उनकी जगह 200 से ढाई सौ टीचरों को लगाया गया है. विशेष बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर जो अन्य जगहों पर लगे हुए थे, उन्हें वापस विशेष बच्चों को ही पढ़ाने के लिए लगाया गया है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस तरह की बातें पिछली सरकार में होती थी. हमारी सरकार में जो संसाधन उपलब्ध हैं, चाहे भौतिक संसाधन हो या टीचर के रूप में, इन संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करने का प्रयास हमारी सरकार की ओर से किया जा रहा है. इस मुद्दे पर सरकार में बहुत कुछ काम भी हुआ है, चाहे विशेष बच्चों की पढ़ाई की बात हो या उर्दू शिक्षकों को लगाने की बात हो या फिर कॉमर्स के टीचरों को कॉमर्स के विषय की पढ़ाई के लिए लगाने की बात हो.
पढ़ें- जैसलमेर की बेटी की गुजरात में संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया दहेज के लिए हत्या का आरोप
इसके लिए हमने पूरी तरह से काम किया है और इसका लाभ प्रदेश को जरूर मिलेगा. बता दें कि शुक्रवार को मीडिया में इस तरह की खबरें आई थी कि सरकारी स्कूलों में उर्दू, सिंधी और पंजाबी भाषा की पढ़ाई बंद होगी. तृतीय भाषा के रूप में केवल संस्कृत ही सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाएगी. जिन स्कूलों में संस्कृत के साथ उर्दू पढ़ाई जा रही है, वहां उर्दू के शिक्षकों का पद भी समाप्त किए जाएंगे. जिसके बाद अब शिक्षा मंत्री ने ये बात कही है.