जयपुर. कोविड-19 महामारी के कारण टूरिज्म सेक्टर को बड़ी क्षति हुई है. इस कठिन समय में टूरिज्म इंडस्ट्री के सभी स्टेकहोल्डर्स को साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है. टूरिज्म डवलपमेंट फंड के तहत हाल ही में टूरिज्म इंडस्ट्री के लिए की गई 500 करोड़ रुपए की बजट घोषणा, राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण और नए टूरिज्म स्पॉट के विकास के द्वारा पर्यटन को पुनर्जीवित करने में मददगार साबित होगी. इस बजट में से 200 करोड़ रुपए मार्केटिंग और प्रमोशन के लिए अलग रखें गए हैं. यह बात पर्यटन राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कही.
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राजस्थान टूरिज्म द्वारा फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के सहयोग से 'राजस्थान पर्यटन: अवसर एवं संभावनाएं' विषय पर आयोजित वेबिनार में मंत्री डोटासरा ने कहा कि राजस्थान की समृद्ध संस्कृति, परंपरा और विरासत का उपयोग 'ग्रामीण पर्यटन' के रूप में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए किया जाना चाहिए. इसे सोशल मीडिया के माध्यम से भी बढ़ावा देना चाहिए. हाल ही में आयोजित शेखावटी उत्सव का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि शेखावटी क्षेत्र में सालासर बालाजी और खाटुश्यामजी के साथ-साथ फोर्ट और बावड़ियों जैसे पर्यटकों के लिए कई आकर्षण के केंद्र हैं. इस क्षेत्र को टूरिज्म सर्किट के रूप में विकसित किया जाएगा. डोटासरा ने राज्य में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों की सुरक्षा और स्वच्छता की जरूरत पर जोर दिया.
वही हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के कर्मचारियों के टीकाकरण की आवश्यकता पर बात करते हुए चेयरपर्सन, फिक्की ट्रैवल, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी कमेटी और सीएमडी, द ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप, डॉ. ज्योत्सना सूरी ने कहा कि कोविड-19 में फिर से वृद्धि होने से टूरिज्म सेक्टर कमजोर पड़ रहा है और आने वाले अगले 2 सालों तक डोमेस्टिक टूरिज्म पर फोकस रखना होगा. उन्होंने मंत्री से अपील की कि होटल और रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में पहचान मिले और उनके टीकाकरण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.