जयपुर. राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने वाराणसी के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की तरफ से हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित किया. जिसमें राज्यपाल ने कहा कि, हिंदी सहज और सबसे सरल भाषा है. इसे आसानी से सीखा जा सकता है.
राज्यपाल कलराज मिश्र कहा कि, किसी भी राष्ट्र की संस्कृति, धर्म, दर्शन और गौरवशाली परंपराओं को समाझने के लिए उनकी अपनी भाषा ही सशक्त माध्यम हो सकती है. भाषाओं के बूते पर ही भारत महान राष्ट्र बना और विश्व गुरु तक का दर्जा हासिल किया. ये ऐतिहासिक सच्चाई है. जिस पर हमें स्वभाविक रूप से गर्व की अनुभूति होनी चाहिए. हिंदी भारतीय दर्शन को मुखरित करने वाली भाषा है. हिंदी लोकप्रिय भाषा है. हिंदी के विकास का वाहक बनने का दायित्व हमारी जिम्मेदारी है.
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राज्यपाल ने कहा कि, हिंदी भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है. लेकिन रोजगार प्राप्त करने के लिए अन्य भाषा का विकल्प ढूंढना पड़ता है. हालांकि, वैश्विक जगत में हिंदी का तेजी से प्रचार हो रहा है. एक सौ से अधिक विश्वविद्यालय में हिंदी के केंद्र हैं और सबसे अधिक हिंदी समाचार पत्र सबसे ज्यादा पढ़ा जामे वाला समाचार पत्र है. सन 2021 तक लगभग 14.05 करोड़ लोग हिंदी को इंटरनेट पर पढ़ेंगे. देश के प्रधानमंत्रियों ने भी विश्व मंच पर हिंदी का मान बढ़ाया है. देश के विकास के लिए स्वभाषा का होना आवश्यक है. सभी मिलकर हिंदी का मान बढ़ाएं. वर्तमान प्रयासों में तेजी लाते हुए नवीन प्रयोगों का सहारा लेकर जीवन के प्रत्येक कर में हिंदी की प्रतिष्ठा हमारा लक्ष्य होना चाहिए.