जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण बिंदुओं का समावेश कर 'च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम' (CBCS) के अनुसार पाठ्यक्रमों का जल्द निर्माण करने का आह्वान किया है. उन्होंने छात्रों का हर साल मूल्यांकन कर उनकी रूचि के अनुसार कोर्स चुनने में मदद करने और विश्वविद्यालय में विशेष योग्यता प्राप्त प्राध्यापकों का चयन कर सलाहकार समितियों का गठन करने के भी निर्देश दिए हैं.
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राज्यपाल मिश्र गुरूवार को राजभवन में राज्य के वित्तपोषित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की समीक्षा-संवाद बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों के कौशल निर्माण के लिए प्रभावी प्रयास जरूरी है. उन्होंने विश्वविद्यालय में छात्र समूहों का गठन करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल का गठन करें. जिसके जरिए विद्यार्थियों को पढ़ाई के बाद आसानी से रोजगार मिल सके.
हर विश्वविद्यालय में 'इंडस्ट्री इंस्टिट्यूट इंटरेक्शन' सेल के साथ ही पेटेंट डेवलपमेंट, शोध एवं अनुसंधान और विचार आधारित नवाचार से जुड़े केंद्र खोलने का भी सुझाव दिया. इससे विद्यार्थियों में उद्योग लगाने के लिए रूचि पैदा होगी. उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के इस दौर में जरूरी है कि विश्वविद्यालय उद्योगों से प्रोजेक्ट लेकर उन्हें छात्रों से पूरे करवाए ताकि विश्वविद्यालय और उद्योगों के बीच रिश्ता कायम हो. औषधीय प्लांट्स से दवाएं बनाने के लिए उद्योगों को बढ़ावा देने के दिए निर्देश.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने गांवों में विभिन्न औषधीय प्लांट्स से दवा बनाने के उद्योगों का विश्वविद्यालयों की मदद से विकास किए जाने पर भी जोर दिया. विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता विश्लेषण के लिए भी कार्य करने पर जोर दिया. उन्होंने सभी विश्वविद्यालय से 'इंटरनल क्वालिटी एश्योरेन्स' सेल, बहुभाषी प्रयोगशालाओं की स्थापना करने, विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति और धरोहर से परिचित करवाने से जुड़ी गतिविधियां क्रियान्वित करने पर भी जोर दिया.
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सकल नामांकन अनुपात 2035 तक 50 फीसदी करने पर दिया जोर कुलपतियों से संवाद के दौरान राज्यपाल ने उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान और विकासात्मक अध्ययनों को बढ़ावा दिए जाने, उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 26.3 प्रतिशत से बढ़ाकर साल 2035 तक 50 प्रतिशत करने के लिए भी काम करने पर भी जोर दिया. व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के एकीकरण के साथ ही विश्वविद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता वृद्धि के लिए भी निरन्तर प्रयास करने पर जोर दिया.