जयपुर. राज्यपाल एवं विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के निर्माण में पत्रकारिता एवं जनसंचार की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसे ध्यान में रखते हुए पत्रकारिता एवं जनसंचार के ऐसे पाठयक्रम विकसित करने चाहिए, जिनसे विद्यार्थियों को जीवन मूल्यों की शिक्षा मिल सके. उन्होंने पत्रकारिता के साथ ही तमाम दूसरे विषयों के भी अध्ययन पत्रकारिता शिक्षण में करवाने पर जोर दिया.
मिश्र ने कहा कि पत्रकार को अपने विषय के साथ दूसरे विषयों की भी संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए. इसी अनुरूप पत्रकारिता शिक्षण होना चाहिए. राज्यपाल कलराज मिश्र ने नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कुलपतियों से संवाद करते हुए यह बात कही. राज्यपाल मिश्र ने शुक्रवार को प्रदेश के 17 विश्वविद्यालयों को मिलाकर पिछले तीन दिनों में राज्य के सभी 26 विश्वविद्यालयों के कुलपति से ऑनलाइन संवाद किया.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्किल डेवलपमेंट पर विशेष जोर दिया गया है. इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में स्किल यूनिवर्सिटी को ढंग से क्रियान्वित किए जाने की जरूरत है. इसके लिए आवश्यक कानूनी प्रावधान करने के साथ ही इससे शासकीय महाविद्यालयों की संबद्धता करने की कार्रवाई भी आवश्यकतानुसार की जाएगी.
राज्यपाल मिश्र ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के सुदृढ़ीकरण पर खास ध्यान दिया गया है. प्रदेश के विश्वविद्यालय अपने यहां चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, तकनीकी दक्षता, संस्कृत, विधि और पुलिसिंग के ऐसे नए पाठयक्रम विकसित करें जिनका व्यवहार में विद्यार्थियों को लाभ हो. उन्होंने नवाचारों को अपनाते विश्वविद्यालयों द्वारा अपने यहां उत्कृष्ट शोध केंद्र विकसित करने, सभी विषयों की बुनियादी समझ वाले कोर्सेज विकसित करने और स्किल डेवलपमेंट के जरिए युवाओं के भविष्य निर्माण पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता जताई.
राज्यपाल ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मूल भावना को समझते हुए उसे अपने यहां लागू करने का प्रारूप जल्द से जल्द प्रस्तुत करें ताकि समग्र रूप में नई शिक्षा नीति को व्यवहार में राजस्थान में लागू किया जा सके.
स्किल मेपिंग के आधार पर विषयवार विद्यार्थियों में विशेषज्ञता विकसित किए जाने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालय ऐसी तकनीक और प्रोद्योगिकी के पाठयक्रम अपने यहां विकसित करें, जिनसे विद्यार्थी अपने स्वयं के रोजगार के साथ दूसरों को भी रोजगार देने में सक्षम हो सके. उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों को अपने यहां इन्फॉर्मेशन सेंन्टर की स्थापना करने और वहां पर रोजगारपरक सूचनाएं विद्यार्थियों को दिए जाने पर भी जोर दिया.
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी तकनीक और व्यावसायिक शिक्षा के जरिए कैसे आत्मनिर्भर बने, इस सोच के साथ विश्वविद्यालय अपने यहां कार्ययोजना बनाएं. उन्होंने शिक्षा के साथ संस्कार निर्माण और विद्यार्थियों के संपूर्ण व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान देने की आवश्यकता जताई.
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राज्यपाल मिश्र ने स्वास्थ्य शिक्षा को प्रदेश में सुदृढ़ करने के लिए शिक्षण में सभी चिकित्सा पद्धतियों की बुनियादी समझ के पाठयक्रम तैयार करने, वैश्विक स्तर पर हो रहे शोध-अनुसंधानों के जरिए स्थानीय चिकित्सा पद्धतियों के विकास के लिए भी विशेष रूप से कार्य किये जाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि प्री और पैरा क्लीनिकल विषयों में पीजी पाठयक्रमों के साथ चरणबद्ध तरीके से क्लीनिकल विभागों में भी पीजी पाठयक्रम शुरू किए जाएं.
नर्सिंग, पैरा मेडिकल के स्व-वित्तपोषित पाठयक्रमों में समयानुरूप उन्होंने विद्यार्थियों में विशिष्ट विशेषज्ञता विकसित किए जाने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय में पारम्परिक भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के अध्ययन को बढ़ावा देते हुए एलोपैथी, आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी आदि चिकित्सा के समन्वय से उत्कृष्ट स्वास्थ्य शिक्षा का वातावरण बनाया जाए.
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को अपने यहां वास्तु एवं ज्योतिष, संविधान पार्क आदि बनाए जाने के साथ ही सामाजिक उत्तरदायित्व का बोध कराने वाली शिक्षा देने पर भी जोर दिया. मिश्र ने नई शिक्षा नीति की भावना के अनुरूप शिक्षा में मानवीय मूल्यों के साथ स्वावलम्बन पर विशेष जोर देते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों में स्वयं के ससाधन कैसे विकसित हों और वे आत्मनिर्भर कैसे बनें, इस पर कुलपति खासतौर से विचार करें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के शोध कार्य का समाज को वृहद स्तर पर लाभ मिलना चाहिए.
राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने उच्च शिक्षा को रोजगारपरक बनाने वाले पाठयक्रमों को लागू करने, स्किल डवलपमेंट पर विशेष जोर देने की आवश्यकता जताई. उन्होंने बताया कि राज्यपाल द्वारा नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए विश्वविद्यालयों की माइक्रो टास्क फोर्स गठित की गई है. इसके तहत विश्वविद्यालयों के उप समूह बनाकर सुझाव मांगे गए. इस संबंध में महत्वपूर्ण अनुशंषाएं मिली है. इस आधार पर नई शिक्षा नीति को व्यवहार में लागू करने की कार्रवाई राज्यपाल के निर्देशानुसार लागू की.
राज्यपाल की दुर्गाष्टमी पर शुभकामनाएं
राज्यपाल कलराज मिश्र ने दुर्गाष्टमी की प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है. मिश्र ने जारी संदेश में दुर्गाष्टमी पर मां भगवती से प्रदेशवासियों के सुख और समृद्धि की कामना की है.
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत को दी श्रद्धांजलि
राज्यपाल कलराज मिश्र ने देश के पूर्व उपराष्ट्रपति एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे भैरोसिंह शेखावत को उनकी जयंती पर याद किया. उन्होंने कहा कि देश के वह ऐसे महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने सभी को साथ लेकर चलते राजनीति में आदर्श जीवन मूल्यों की स्थापना की.
मिश्र ने कहा कि उनसे उनकी निकटता रही. उन्होंने शेखावत द्वारा प्रारंभ की गई अन्त्योदय, काम के बदले अनाज आदि योजनाओं को स्मरण करते हुए कहा कि राजनीति के वह ऐसे पुरोधा थे जिन्होंने जनकल्याण को सर्वोपरी रखते हुए इमानदारी और प्रामाणिकता के साथ काम करने की मिशाल कायम की.