जयपुर. राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति के अनुरूप (Governor Kalraj Mishra instructions to universities) अद्यतन और एक समान विषयवार पाठ्यक्रम 30 अक्टूबर तक तैयार करने के निर्देश दिए हैं. सभी विश्वविद्यालयों में संविधान पार्क आगामी संविधान दिवस (26 नवम्बर) से पहले ही बनकर तैयार करने के भी निर्देश दिए.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को राजभवन में प्रदेश के राज्य वित्तपोषित विश्वविद्यालयों की कुलपति संवाद बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने विश्वविद्यालयों में च्वॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) और क्रेडिट ट्रांसफर सहित नई शिक्षा नीति को समग्र रूप में लागू करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों को पूरी गंभीरता से प्रयास करने के निर्देश दिए. संविधान पार्क को लेकर राज्यपाल मिश्र ने कुछ विश्वविद्यालयों में संविधान पार्कों के निर्माण में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए कार्यकारी एजेंसी आरएसआरडीसी से बात करने के निर्देश भी दिए.
कुलाधिपति ने कहा कि जिन विश्वविद्यालयों का रेडक्रॉस से अनुबन्ध हो चुका है. वे अपने यहां विद्यार्थियों की रेडक्रॉस गतिविधियों से जुड़े प्रशिक्षण शीघ्र शुरू करवाएं. साथ ही, शेष विश्वविद्यालय भी रेडक्रॉस से जल्द अनुबंध कर विद्यार्थियों को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने विश्वविद्यालयों के गोद लिए गांवों में विद्यार्थियों की गतिविधियां बढ़ाए जाने का भी आह्वान किया.
पढ़ें. नई शिक्षा नीति पर बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत- शिक्षकों को प्रशिक्षित करना जरूरी
उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थियों में सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना जगाने में मदद मिलेगी. राज्यपाल मिश्र ने विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली को लागू किए जाने और शैक्षणिक कलेण्डर व्यवस्थित करने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय प्रवेश प्रक्रिया को समय पर पूरा करें ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय मिल सके. विश्वविद्यालयों में एकीकृत प्रबन्ध व्यवस्था (एसयूएमएस) लागू की जाए, इससे पूरी पारदर्शिता के साथ विश्वविद्यालयों में प्रभावी प्रबंधन को सभी स्तरों पर सुनिश्चित किया जा सकेगा.
कुलपति संवाद में विश्वविद्यालयों के केन्द्रीय पुस्तकालयों को ई-लाइब्रेरी में तब्दील कर और समृद्ध करने के निर्देश भी प्रदान किए गए. विश्व स्तरीय शोध से जुड़े सन्दर्भ जर्नल, पुस्तकें संग्रहीत किए जाने के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी सामग्री के लिए भी विश्वविद्यालयों में पृथक से वाचनालय, पुस्तकालय कोना रखे जाने के सुझाव भी आए.
राज्यपाल ने कहा कि ई-लाइब्रेरी के अंतर्गत प्राचीन परम्परागत ज्ञान के साथ आधुनिक ज्ञान के समावेश से जुड़ी पुस्तकों का संग्रह किया जाए. वहीं विश्वविद्यालय सामाजिक सहभागिता के अंतर्गत गांव गोद लेकर राजस्थान में हुए बेहतरीन कार्य पर चर्चा की गई. संवाद के दौरान कई कुलपतियों ने कहा कि देशभर में राजस्थान पहला राज्य है, जहां विश्वविद्यालयों की ओर से सामाजिक सरोकार के तहत इस तरह का नवाचार किया गया है.
पढ़ें. राज्यपाल कलराज मिश्र पहुंचे माउंट आबू, 30 जून तक यहां से संपादित होंगे राजभवन के कार्य
इस दौरान महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी) को प्रदेश के राजकीय विश्वविद्यालयों में उत्कृष्टता के लिए कुलाधिपति सम्मान प्रदान किया. राज्यपाल की पहल पर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में शैक्षिक उत्कृष्टता और नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के उद्देश्य से नवम्बर 2019 में कुलाधिपति सम्मान दिए जाने की घोषणा की गई थी. बता दें कि एमपीयूएटी को आईसीएआर की रैंकिंग में प्रदेश के कृषि एवं पशुचिकित्सा विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है.
राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में शोध की मौलिक स्थापनाओं से जुड़ी संस्कृति विकसित करने का आह्वान किया. उन्होंने विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम आधारित ज्ञान ही नहीं, निरन्तर जो नया घट रहा है उससे भी विद्यार्थियों को जोड़ने पर जोर दिया. उन्होंने शिक्षा के सभी स्तरों पर प्रौद्योगिकी का उचित उपयोग कर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में विश्व स्तरीय डिजिटल बुनियादी ढांचा विकसित करने का आह्वान किया.
इस दौरान राज्यपाल सलाहकार टास्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. एके गहलोत ने विश्वविद्यालयों में ईआरपी आधारित एकीकृत प्रबन्ध व्यवस्था (एसयूएमएस), नई शिक्षा नीति, ई-रिसोर्स के विकास और सामाजिक सहभागिता के कार्यों पर जानकारी दी. कुलपति संवाद' में राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, विश्वविद्यालयों के कुलपति आदि मौजूद रहे.