जयपुर. शहर के आमेर स्थित निजी विश्वविद्यालय में 11वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. जिसमें बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर पर 853 विद्यार्थियों को डिग्री वितरित की गई. साथ ही इस अवसर पर पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया केजी बालाकृष्णन भी मौजूद रहे. वहीं डिग्रियां पाकर विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे.
जानकारी के अनुसार भारतीय संविधान की उद्देशिका में मूलभूत कर्तव्य की पालना की विद्यार्थियों को सीख दी गई और उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें शुभकामनाएं भी दी गई. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया केजी बालाकृष्णन को विधिक सेवा क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया. वहीं यूनिवर्सिटी के बेस्ट ऑलराउंडर स्टूडेंट का अवार्ड दीपिका शर्मा को दिया गया है.
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इसके साथ ही भूतपूर्व डायरेक्टर जनरल ऑफ मैट्रोलोजी लक्ष्मण सिंह राठौड़ को मेट्रोलॉजी के क्षेत्र में और संजीव शर्मा को आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया. 39 स्कॉलर्स को इंजीनियरिंग मैनेजमेंट, मास कम्युनिकेशन, होटल मैनेजमेंट, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, और माइक्रोबॉयल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का युग शिक्षा और विज्ञान का युग है. रिसर्च और इनोवेशन पर जोर देने की जरूरत है. साथ ही कहा कि लीडरशिप का मतलब यह नहीं कि राजनेता की तरह भाषण दो, बल्कि लीडरशिप का मतलब यह है कि आपका नेतृत्व सभी को प्रेरणा देने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाला होना चाहिए.
राज्यपाल ने कही कि नवाचार और इनोवेशन के युग में आर्थिक परिप्रेक्ष्य के अनुसार बदलाव का समय है. आज के समय हर किसी को टेक्नोलॉजी की जानकारी होनी चाहिए. साथ ही बताया कि उद्यमिता के क्षेत्र में किया गया काम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है.
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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद अपना दायित्व बनता है कि आप सोसाइटी के लिए भी अपना योगदान दें. वहीं विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ असीम चौहान की ओर से राज्यपाल कलराज मिश्र का स्वागत कर धन्यवाद ज्ञापित किया गया.