जयपुर. प्रदेश में बुधवार को कलराज मिश्र राजभवन से श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के तीसरे दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे. जिसमें राज्यपाल व कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि कृषि उद्यमों में कृषि शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ाई जाने की जरूरत है. उन्होंने भारतीय खेती को अधिक उत्पादक, आकर्षक व रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों को शिक्षण, अनुसंधान और प्रसार शिक्षा के जरिए प्रभावी प्रयास किए जाने का भी आह्वान किया है.
कलराज मिश्र बुधवार को राजभवन से श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के तीसरे दीक्षान्त समारोह में संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों को नई शिक्षा नीति की मंशा के अनुरूप अद्यतन करते हुए उसमें ज्ञान विज्ञान व तकनीकी के नए आयामों को सम्मिलित करें. उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों को अपने ‘एग्री-बिजनेस सेंटर’ की ओर से युवाओं को नेटवर्किंग और कृषि आधारित स्टार्टअप स्थापित करने के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित करना चाहिए.
उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालयों को अपने कृषि विज्ञान केन्द्रों और कृषि विस्तार शिक्षा की ओर से मार्गदर्शन सेवाओं को समयानुकूल और प्रभावी किए जाने पर भी जोर दिया. राज्यपाल ने कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों और वैज्ञानिकों को कृषकों के परम्परागत और अनुभव आधारित ज्ञान का कृषि विकास में समुचित उपयोग किए जाने का भी आह्वान किया है. उन्होंने खेतों में फसल उगाने वाले किसानों को ‘कृषि वैज्ञानिक’ बताते हुए कहा कि पुरखों से सीखे उनके ज्ञान, खेती आधारित व्यावहारिक अनुभवों का लाभ कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को खेतों में जाकर लेना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय इस तरह के व्यावहारिक पाठ्यक्रम बनाए जिससे खेतों मे काम करने वाले किसानों से संवाद कर उनके परम्परागत ज्ञान को शिक्षण में लागू किया जा सके. राज्यपाल ने खेती के तरीकों को सुगम व लाभदायक बनाने के लिए कृषि में आधुनिकतम तकनीकों और सेवाओं का अधिकाधिक इस्तेमाल किए जाने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि कृषक वर्ग तक फसल उत्पादन के आधुनिक तरीकों, मौसम पूर्वानुमान और किसान मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. परन्तु उन्हें वैश्विक चुनौतियों को देखते हुए और अधिक गति देने की आवश्यकता है.
मिश्र ने जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय में आत्म निर्भरता की ओर बढ़ते हुए अपशिष्ट पदार्थों से कम्पोस्ट खाद बनाने, 10 करोड़ लीटर की क्षमता के नौ तालाब और 364 के.वी. क्षमता के सौर ऊर्जा प्लान्ट लगाए जाने की सराहना करते हुए कहा कि इससे विश्वविद्यालय को एक नई पहचान मिलेगी. उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से विकसित आयरन व जिंक की बाजरे की जैव दृढ़ (बायोफोर्टिफाइड) किस्मों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसी और भी फसलें विश्वविद्यालय अपने स्तर पर विकसित करे.
ताकि कुपोषण से छुटकारा मिलने के साथ ही कोरोना जैसी महामारी के इस दौर में लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ सके. राज्यपाल ने दीक्षान्त समारोह में विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधियां प्रदान करने के साथ ही विषय विशेष में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया. उन्होंने इस दौरान प्रदेश के श्रेष्ठ कृषि वैज्ञानिक पद्मभूषण डॉ. आर.एस. परोदा को डॉक्टरेट आफ साइंस की मानद उपाधि भी प्रदान की.