ETV Bharat / city

कृषि उपज मंडियों को वाई-फाई से जोड़ेगी सरकार, 5 गौण अनाज मण्डियों को स्वतंत्र मंडी बनाने को भी स्वीकृति

कृषि विपणन तंत्र को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई निर्णय किए हैं. जहां मुख्यंत्री ने 38 कृषि उपज मंडियों को वाई-फाई से जोड़कर ऑनलाइन करने तथा विभिन्न मंडियों में विकास कार्य करवाने के लिए 34 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. वहीं 5 गौण अनाज मण्डियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा देने की भी बात कही है.

यपुर न्यूज, jaipur news
कृषि विपणन तंत्र को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण निर्णय
author img

By

Published : Jan 23, 2020, 11:27 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषि विपणन तंत्र को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं. उन्होंने 38 कृषि उपज मंडियों को वाई-फाई से जोड़कर ऑनलाइन करने तथा विभिन्न मंडियों में विकास कार्य करवाने के लिए 34 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. साथ ही 5 गौण अनाज मण्डियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा देने की भी स्वीकृति दी है.

कृषि विपणन तंत्र को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण निर्णय

मुख्यमंत्री के इन निर्णयों से किसानों को उनके नजदीकी स्थान पर उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा. साथ ही वे वाई-फाई सिस्टम के जरिए अपनी उपज को देश की विभिन्न मण्डियों में ई-नाम योजना के तहत अच्छे से अच्छे दाम पर बेच सकेंगे. कृषि उपज मंडियों में लगभग 34 करोड़ रुपए से वाई-फाई सिस्टम और विद्युत लाइन के कार्य तथा नए प्लेटफॉर्म, मजदूरों के लिए शेड, चारदीवारी, कार्यालय भवन और शौचालय आदि के निर्माण कार्य शामिल हैं.

गहलोत ने ई-नाम (ई-राष्ट्रीय कृषि मंडी) योजना के तहत प्रदेश की 38 कृषि उपज मंडियों को ऑनलाइन करने के लिए वाई-फाई नेटवर्क की व्यवस्था और उच्च तकनीक की विद्युत अर्थिंग के लिए लगभग 22.82 करोड़ रूपए के निर्माण कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी है. इसी प्रकार श्रीगंगानगर के अनूपगढ़, जैतसर और रावला मंडी परिसरों में निर्माण कार्यों के लिए भी 6.08 करोड़ रूपए के प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं.

पढ़ेंः सड़क निर्माण के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की जगह दस गुणा पेड़ लगाए सरकार : हाईकोर्ट

इस राशि में से 1.67 करोड़ रुपए अनूपगढ़ मंडी और 2.82 करोड़ रुपए रावला मंडी में नीलामी प्लेटफॉर्म, फुटपाथ, सड़क, शौचालय, मजदूरों के लिए शेड और अन्य निर्माण कार्यों के लिए खर्च होंगे. साथ ही, जैतसर मंडी परिसर में लगभग 1.57 करोड़ रुपए की लागत के निर्माण कार्यों के लिए भी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई है.

मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर और झालरापाटन मंडी परिसरों में नवीन निर्माण कार्यों के साथ-साथ टीनशेड, चारदीवारी, टॉयलेट, कार्यालय भवन आदि के निर्माण और जीर्णोद्धार कार्यों के लिए भी क्रमशः 3.56 करोड़ रुपए एवं 1.21 करोड़ रुपए के ब्याज रहित ऋण मंडी विकास निधि से उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है.

पांच गौण मंडियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा

सीएम गहलोत ने किसानों को कृषि विपणन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य के तीन जिलों में स्थित पांच गौण मंडी यार्डों को स्वतंत्र मंडियों के रूप में क्रमोन्नत करने को मंजूरी दी है. उन्होंने अलवर जिले के बहरोड़, किशनगढ़बास और तिजारा, झालावाड़ के मनोहर थाना और पाली के सोजत सिटी में स्वतंत्र मंडियां बनाने के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है. ये सभी गौण मंडी यार्ड स्वतंत्र मंडी की स्थापना के लिए निर्धारित मंडी शुल्क के रूप में न्यूनतम 40 लाख रुपए वार्षिक आय के मापदंड को पूरा करते हैं.

पढ़ेंः विधानसभा सत्र को लेकर भाजपा विधायक दल की बैठक में रणनीति तय, कटारिया ने जारी किया व्हिप

उल्लेखनीय है कि जन-घोषणा पत्र में प्रदेश की सभी गौण कृषि उपज मंडियों को यथासंभव स्वतंत्र मंडियों के रूप में क्रमोन्नत करने की बात कही गई थी, इसी क्रम में ये पांच स्वतंत्र मंडियां स्थापित की जा रही हैं. इन निर्णयों से प्रदेश के विभिन्न मंडी परिसरों में किसानों, व्यापारियों और मजदूरों को सुविधा होगी. साथ ही, किसानों को उनकी कृषि जिन्सों का उचित मूल्य मिल सकेगा और व्यापार बढ़ने से मंडी समिति तथा राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषि विपणन तंत्र को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं. उन्होंने 38 कृषि उपज मंडियों को वाई-फाई से जोड़कर ऑनलाइन करने तथा विभिन्न मंडियों में विकास कार्य करवाने के लिए 34 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी है. साथ ही 5 गौण अनाज मण्डियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा देने की भी स्वीकृति दी है.

कृषि विपणन तंत्र को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण निर्णय

मुख्यमंत्री के इन निर्णयों से किसानों को उनके नजदीकी स्थान पर उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा. साथ ही वे वाई-फाई सिस्टम के जरिए अपनी उपज को देश की विभिन्न मण्डियों में ई-नाम योजना के तहत अच्छे से अच्छे दाम पर बेच सकेंगे. कृषि उपज मंडियों में लगभग 34 करोड़ रुपए से वाई-फाई सिस्टम और विद्युत लाइन के कार्य तथा नए प्लेटफॉर्म, मजदूरों के लिए शेड, चारदीवारी, कार्यालय भवन और शौचालय आदि के निर्माण कार्य शामिल हैं.

गहलोत ने ई-नाम (ई-राष्ट्रीय कृषि मंडी) योजना के तहत प्रदेश की 38 कृषि उपज मंडियों को ऑनलाइन करने के लिए वाई-फाई नेटवर्क की व्यवस्था और उच्च तकनीक की विद्युत अर्थिंग के लिए लगभग 22.82 करोड़ रूपए के निर्माण कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी है. इसी प्रकार श्रीगंगानगर के अनूपगढ़, जैतसर और रावला मंडी परिसरों में निर्माण कार्यों के लिए भी 6.08 करोड़ रूपए के प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं.

पढ़ेंः सड़क निर्माण के लिए काटे जाने वाले पेड़ों की जगह दस गुणा पेड़ लगाए सरकार : हाईकोर्ट

इस राशि में से 1.67 करोड़ रुपए अनूपगढ़ मंडी और 2.82 करोड़ रुपए रावला मंडी में नीलामी प्लेटफॉर्म, फुटपाथ, सड़क, शौचालय, मजदूरों के लिए शेड और अन्य निर्माण कार्यों के लिए खर्च होंगे. साथ ही, जैतसर मंडी परिसर में लगभग 1.57 करोड़ रुपए की लागत के निर्माण कार्यों के लिए भी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई है.

मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर और झालरापाटन मंडी परिसरों में नवीन निर्माण कार्यों के साथ-साथ टीनशेड, चारदीवारी, टॉयलेट, कार्यालय भवन आदि के निर्माण और जीर्णोद्धार कार्यों के लिए भी क्रमशः 3.56 करोड़ रुपए एवं 1.21 करोड़ रुपए के ब्याज रहित ऋण मंडी विकास निधि से उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है.

पांच गौण मंडियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा

सीएम गहलोत ने किसानों को कृषि विपणन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य के तीन जिलों में स्थित पांच गौण मंडी यार्डों को स्वतंत्र मंडियों के रूप में क्रमोन्नत करने को मंजूरी दी है. उन्होंने अलवर जिले के बहरोड़, किशनगढ़बास और तिजारा, झालावाड़ के मनोहर थाना और पाली के सोजत सिटी में स्वतंत्र मंडियां बनाने के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है. ये सभी गौण मंडी यार्ड स्वतंत्र मंडी की स्थापना के लिए निर्धारित मंडी शुल्क के रूप में न्यूनतम 40 लाख रुपए वार्षिक आय के मापदंड को पूरा करते हैं.

पढ़ेंः विधानसभा सत्र को लेकर भाजपा विधायक दल की बैठक में रणनीति तय, कटारिया ने जारी किया व्हिप

उल्लेखनीय है कि जन-घोषणा पत्र में प्रदेश की सभी गौण कृषि उपज मंडियों को यथासंभव स्वतंत्र मंडियों के रूप में क्रमोन्नत करने की बात कही गई थी, इसी क्रम में ये पांच स्वतंत्र मंडियां स्थापित की जा रही हैं. इन निर्णयों से प्रदेश के विभिन्न मंडी परिसरों में किसानों, व्यापारियों और मजदूरों को सुविधा होगी. साथ ही, किसानों को उनकी कृषि जिन्सों का उचित मूल्य मिल सकेगा और व्यापार बढ़ने से मंडी समिति तथा राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी.

Intro:कृषि विपणन तंत्र को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री के महत्वपूर्ण निर्णय
38 मण्डियां होंगी वाई-फाई, विकास कार्यों के लिए 34 करोड़ रूपए मंजूर
बहरोड़, किशनगढ़बास, तिजारा, मनोहरथाना और
सोजत सिटी में अब स्वतंत्र कृषि उपज मंडियां

एंकर:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कृषि विपणन तंत्र को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं। उन्होंने 38 कृषि उपज मंडियों को वाई-फाई से जोड़कर ऑनलाइन करने तथा विभिन्न मंडियों में विकास कार्य करवाने के लिए 34 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। साथ ही 5 गौण अनाज मण्डियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा देने की भी स्वीकृति दी है।
मुख्यमंत्री के इन निर्णयों से किसानों को उनके नजदीकी स्थान पर उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। साथ ही वे वाई-फाई सिस्टम के जरिए अपनी उपज को देश की विभिन्न मण्डियों में ई-नाम योजना के तहत अच्छे से अच्छे दाम पर बेच सकेंगे। कृषि उपज मंडियों में लगभग 34 करोड़ रूपए से वाईफाई सिस्टम एवं विद्युत लाइन के कार्य तथा नए प्लेटफॉर्म, मजदूरों के लिए शेड, चारदीवारी, कार्यालय भवन एवं शौचालय आदि के निर्माण कार्य शामिल हैं।
गहलोत ने ई-नाम (ई-राष्ट्रीय कृषि मंडी) योजना के तहत प्रदेश की 38 कृषि उपज मंडियों को ऑनलाइन करने के लिए वाईफाई नेटवर्क की व्यवस्था और उच्च तकनीक की विद्युत अर्थिंग के लिए लगभग 22.82 करोड़ रूपए के निर्माण कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी है।
इसी प्रकार श्रीगंगानगर के अनूपगढ़, जैतसर और रावला मंडी परिसरों में निर्माण कार्याें के लिए भी 6.08 करोड़ रूपए के प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं। इस राशि में से 1.67 करोड़ रूपए अनूपगढ़ मंडी और 2.82 करोड़ रूपए रावला मंडी में नीलामी प्लेटफॉर्म, फुटपाथ, सड़क, शौचालय, मजदूरों के लिए शेड और अन्य निर्माण कार्याें के लिए खर्च होंगे। साथ ही, जैतसर मंडी परिसर में लगभग 1.57 करोड़ रूपए की लागत के निर्माण कार्यों के लिए भी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति दी गई है।
मुख्यमंत्री ने डूंगरपुर एवं झालरापाटन मंडी परिसरों में नवीन निर्माण कार्यों के साथ-साथ टीनशेड, चारदीवारी, टॉयलेट, कार्यालय भवन आदि के निर्माण और जीर्णोद्धार कार्याें के लिए भी क्रमशः 3.56 करोड़ रूपए एवं 1.21 करोड़ रूपए के ब्याज रहित ऋण मंडी विकास निधि से उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है।

पांच गौण मंडियों को स्वतंत्र मंडी का दर्जा

सीएम गहलोत ने किसानों को कृषि विपणन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य के तीन जिलों में स्थित पांच गौण मंडी यार्डों को स्वतंत्र मंडियों के रूप में क्रमोन्नत करने को मंजूरी दी है। उन्होंने अलवर जिले के बहरोड़, किशनगढ़बास और तिजारा, झालावाड़ के मनोहर थाना और पाली के सोजत सिटी में स्वतंत्र मंडियां बनाने के प्रस्तावों को स्वीकृति दी है। ये सभी गौण मंडी यार्ड स्वतंत्र मंडी की स्थापना के लिए निर्धारित मंडी शुल्क के रूप में न्यूनतम 40 लाख रूपए वार्षिक आय के मापदंड को पूरा करते हैं।
उल्लेखनीय है कि जन-घोषणा पत्र में प्रदेश की सभी गौण कृषि उपज मंडियों को यथासंभव स्वतंत्र मंडियों के रूप में क्रमोन्नत करने की बात कही गई थी। इसी क्रम में ये पांच स्वतंत्र मंडियां स्थापित की जा रही हैं।
इन निर्णयों से प्रदेश के विभिन्न मंडी परिसरों में किसानों, व्यापारियों और मजदूरों को सुविधा होगी। साथ ही, किसानों को उनकी कृषि जिन्सों का उचित मूल्य मिल सकेगा और व्यापार बढ़ने से मंडी समिति तथा राज्य सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।Body:वीConclusion:Vi
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.