भरतपुर: मानव सेवा के लिए देश दुनिया में विख्यात अपना घर आश्रम में आने वाले वरिष्ठ नागरिक युगल (पति-पत्नी) अब एक साथ रह सकेंगे. अपना घर आश्रम परिसर में अब ऐसे वरिष्ठ नागरिक युगलों के लिए अलग से मांजी-बाबूजी का घर तैयार कराया है. इसमें एक साथ 23 युगल यानी 46 वरिष्ठ युगल साथ रह सकेंगे. इससे जहां बुजुर्ग युगल अपने जीवन की अंतिम अवस्था साथ गुजार सकेंगे, वहीं बुजुर्गों को प्रेम और अपनेपन के बीच जल्दी स्वास्थ्य लाभ भी हो सकेगा.
अपना घर आश्रम के संस्थापक बी. एम. भारद्वाज ने बताया कि कई बार अपना घर आश्रम में ऐसे बेसहारा वरिष्ठ नागरिक युगल आते थे, जिन्हें हमें मजबूरन अलग-अलग महिला-पुरुष वार्डों में रखना पड़ता था. बुजुर्गावस्था में जहां महिला-पुरुषों को जहां एक साथ रहना चाहिए था वो कई कई दिन में मिल पाते थे. अलग-अलग रहने की वजह से सुख दुख की बातें भी नहीं बतिया पाते. इसलिए हमारे मन में ऐसे बुजुर्ग युगलों को साथ रखने का खयाल मन में आया.
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि इसी विचार को ध्यान में रखते हुए हमने 46 बेड की क्षमता वाला मांजी-बाबूजी का घर तैयार कराया है. यह जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा. संभवतः दिसंबर प्रथम सप्ताह में ऐसे वरिष्ठ युगलों को मांजी बाबूजी का घर में शिफ्ट कर देंगे. इसकी लागत करीब 80 लाख रुपये आई है.
डॉ. भारद्वाज ने बताया कि मांजी बाबूजी का घर में जब वरिष्ठ युगल साथ रहना शुरू कर देंगे तो उनकी देखभाल के लिए अलग से सेवा साथी भी लगा दिए जाएंगे, जो उनकी दैनिक जरूरतों और दवाइयों का ध्यान रखेंगे.
साथ रखने के कई फायदे : डॉ. भारद्वाज ने बताया कि परिजनों द्वारा दुत्कारे गए वरिष्ठ नागरिक जब आश्रम में आकर भी अलग-अलग रहते थे तो हमारा मन कचोटता था. मांजी-बाबूजी का घर में जब ऐसे बुजुर्ग युगल साथ रहेंगे तो वो आपस में अच्छी तरह मन की बातें कर सकेंगे. सुख-दुख बांट सकेंगे. एक दूसरे का खयाल रख सकेंगे. साथ रहने से ऐसे बुजुर्ग युगल ज्यादा खुश रह सकेंगे और खुश रहने की वजह से उनकी बीमारी भी जल्दी रिकवर हो सकेंगी.