जयपुर. कोरोना वायरस मामले में सरकार राजनीति नहीं करे. ऐसे प्रयास करे कि कम से कम इस वायरस का संक्रमण हो. यह कहना है पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ का. कालीचरण सराफ बुधवार को विधानसभा कार्यवाही में शामिल होने के लिए विधानसभा पहुंचे थे.
अस्पताल प्रशासन की सामने आई लापरवाही
पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कहा कि इटली के व्यक्ति के कोरोना वायरस पॉजिटिव आने के बाद भी लापरवाही बरती गई. उसे आइसोलेशन वार्ड में नहीं रखा गया. पहले उसे इमरजेंसी आईसीयू और उसके बाद में मेडिकल आईसीयू में रखा. वहां जितने भी मरीज थे, उनमें कोरोना को लेकर दहशत का माहौल है. यह संक्रमण उनमें भी फैल सकता है.
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सराफ ने कहा, कि कोरोना वायरस खतरनाक वायरस है और यदि कोई विदेशी व्यक्ति आता है, तो उसकी एयरपोर्ट पर ही स्क्रीनिंग की जाए. यदि व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा जाना चाहिए. केंद्रीय और डब्ल्यूएचओ की भी एडवाइजरी यही है कि यदि कोई पॉजिटिव व्यक्ति पाया जाता है, तो उसे 14 दिन तक आइसोलेशन वार्ड में रखा जाना चाहिए.
पॉजिटिव दंपति को एसएमएस हॉस्पिटल में रखना गलत : वासुदेव देवनानी
वहीं कोरोना को लेकर भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी कहा कि यह वायरस राजस्थान में दस्तक दे चुका है. जितनी तैयारी राज्य सरकार को करनी चाहिए थी, उसमें ढिलाई बरती गई. जिस तरह से इटली के पॉजिटिव दंपति को एसएमएस अस्पताल में भर्ती किया गया, यह सरकार की गलती थी. उसके बाद यह डर है कि यह महामारी के रूप में ना फैल जाए. चिकित्सा मंत्री और चिकित्सा विभाग को कोरोना के मामले को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
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वासुदेव देवनानी ने कहा कि आज यह जयपुर में है, कल प्रदेश के अन्य जिलों में भी जा सकता है. उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू और कोरोना वायरस के लक्षण एक जैसे हैं, इसलिए गलतफहमी में ना रहकर, इसके प्रॉपर किट मंगवाए जाए और मरीजों का इलाज किया जाए.