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जयपुर : सहकारी समितियों के माध्यम से ही वितरित होंगे सरकारी बीज - जयपुर खबर

किसानों को सरकारी बीज का वितरण केवल ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से ही किया जाएगा. यह घोषणा सहकारिता के रजिस्ट्रार और प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने की.

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सहकारी समितियों के माध्यम से ही वितरित होंगे सरकारी बीज
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Published : Feb 15, 2020, 9:47 PM IST

जयपुर. सहकारिता के रजिस्ट्रार गंगवार ने शनिवार को सहकार भवन में सहकारिता और कृषि विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. उन्होंने निर्देश दिए, कि राजस्थान बीज निगम के माध्यम से बीज की आपूर्ति सहकारी संस्थाओं को की जाए.

उन्होंने बताया, कि बीज उत्पादन के लिए भी ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय विक्रय सहकारी समितियों को तैयार किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए, कि इसके लिए बीज निगम और सहकारी समितियों के मध्य एमओयू किया जाएगा.

सहकारी समितियों के माध्यम से ही वितरित होंगे सरकारी बीज

रजिस्ट्रार ने कहा कि बदलते दौर में सहकारी समितियों के कार्यों में विविधता लाना आवश्यक है. नए तरीके से सोचते हुए ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को आपस में लिंक कर नई कार्ययोजना के साथ इन्हें आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवस्था और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति वर्ष 2019 में जारी की है. जिसका फायदा ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों को मिलना चाहिए. ऑर्गेनिक उत्पादों को सहकारी समितियों से लिंक कर किसान को वास्तविक फायदा दिलाया जाए.

यह भी पढ़ें- कैसे संवरेगा भारत का भविष्यः CM के विधानसभा क्षेत्र में ही गड़बड़झाला, 1 कमरे में चला रहे प्राइमरी स्कूल, खुले में शौच

उन्होंने कहा, कि सहकारी समितियों को खाद बीज के व्यवसाय से ऊपर उठाना होगा. उन्हें व्यवसायिक खरीद के रूप में विकसित कर वेयर हाउस को मंडी सबयार्ड के रूप में दर्जा दिलाने के लिए समितियों को आगे लाना होगा. गंगवार ने कहा किसान को उपज बेचान की खेत और गांव के पास नजदीक नजदीक व्यवस्था मिल सके, इसके लिए केवीएसएस को वेयरहाउस से लिंक किया जाएगा.

उन्होंने कहा, कि राज्य के जीएसएस और केवीएसएस को बड़े कस्टम हायरिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए, कि सहकारी समितियों में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए जिलेवार ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समिति का चयन किया जाए, ताकि सरकार की ओर से दिए जा रहे अनुदान का लाभ मिल सके और कृषि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके.

यह भी पढ़ें- श्रीगंगानगर: 11 सूत्री मांगों को लेकर दूसरे दिन भी जारी रहा सफाई कर्मचारियों का धरना

गंगवार ने बताया, कि किसानों द्वारा उत्पादन किया जा रहा है लेकिन उत्पादन अनुरूप आय में अंतर होने से किसानों को उनके द्वारा किए जा रहे उत्पादन का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. कृषि प्रोसेसिंग में योगदान कम होने के कारण किसान पूर्णतया लाभान्वित होने से वंचित हैं.

गंगवार ने कहा कि सहकारी भर्ती बोर्ड ने सीनियर मैनेजर के 6, मैनेजर के 114, कंप्यूटर प्रोग्रामर के 10 और स्टेनोग्राफर के 3 पदों पर परिणाम घोषित कर दिया है. उन्होंने निर्देश दिए, कि संबंधित बैंकों को निर्देशित किया जाए कि चयनित 133 अभ्यर्थियों शीघ्र नियुक्ति दी जाए.

जयपुर. सहकारिता के रजिस्ट्रार गंगवार ने शनिवार को सहकार भवन में सहकारिता और कृषि विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. उन्होंने निर्देश दिए, कि राजस्थान बीज निगम के माध्यम से बीज की आपूर्ति सहकारी संस्थाओं को की जाए.

उन्होंने बताया, कि बीज उत्पादन के लिए भी ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय विक्रय सहकारी समितियों को तैयार किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए, कि इसके लिए बीज निगम और सहकारी समितियों के मध्य एमओयू किया जाएगा.

सहकारी समितियों के माध्यम से ही वितरित होंगे सरकारी बीज

रजिस्ट्रार ने कहा कि बदलते दौर में सहकारी समितियों के कार्यों में विविधता लाना आवश्यक है. नए तरीके से सोचते हुए ग्राम सेवा सहकारी समितियों और क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को आपस में लिंक कर नई कार्ययोजना के साथ इन्हें आगे बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवस्था और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति वर्ष 2019 में जारी की है. जिसका फायदा ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों को मिलना चाहिए. ऑर्गेनिक उत्पादों को सहकारी समितियों से लिंक कर किसान को वास्तविक फायदा दिलाया जाए.

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उन्होंने कहा, कि सहकारी समितियों को खाद बीज के व्यवसाय से ऊपर उठाना होगा. उन्हें व्यवसायिक खरीद के रूप में विकसित कर वेयर हाउस को मंडी सबयार्ड के रूप में दर्जा दिलाने के लिए समितियों को आगे लाना होगा. गंगवार ने कहा किसान को उपज बेचान की खेत और गांव के पास नजदीक नजदीक व्यवस्था मिल सके, इसके लिए केवीएसएस को वेयरहाउस से लिंक किया जाएगा.

उन्होंने कहा, कि राज्य के जीएसएस और केवीएसएस को बड़े कस्टम हायरिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा. उन्होंने निर्देश दिए, कि सहकारी समितियों में प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए जिलेवार ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समिति का चयन किया जाए, ताकि सरकार की ओर से दिए जा रहे अनुदान का लाभ मिल सके और कृषि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके.

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गंगवार ने बताया, कि किसानों द्वारा उत्पादन किया जा रहा है लेकिन उत्पादन अनुरूप आय में अंतर होने से किसानों को उनके द्वारा किए जा रहे उत्पादन का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. कृषि प्रोसेसिंग में योगदान कम होने के कारण किसान पूर्णतया लाभान्वित होने से वंचित हैं.

गंगवार ने कहा कि सहकारी भर्ती बोर्ड ने सीनियर मैनेजर के 6, मैनेजर के 114, कंप्यूटर प्रोग्रामर के 10 और स्टेनोग्राफर के 3 पदों पर परिणाम घोषित कर दिया है. उन्होंने निर्देश दिए, कि संबंधित बैंकों को निर्देशित किया जाए कि चयनित 133 अभ्यर्थियों शीघ्र नियुक्ति दी जाए.

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