जयपुर. गहलोत सरकार वार्डो के परिसीमन के बाद राजधानी में दो निगम बनाने जा रही है, यानी कि अब जयपुर में दो महापौर होंगे. दिल्ली के बाद जयपुर ऐसा दूसरा शहर होगा जहां दो निगम होंगे. पहला महापौर सांगानेर विद्याधर नगर, सिविल लाइंस, बगरू और झोटवाड़ा विधानसभा सभा के वार्ड को मिलाकर बनने वाले निगम से होगा, तो वहीं दूसरा महापौर हवा महल, किशनपुर, आदर्श नगर, मालवीय नगर और आमेर के वार्डों को मिलाकर बनने वाले निगम का महापौर होगा.
दरअसल, लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद अब कांग्रेस की नजर सीधे तौर पर नवंबर में होने वाले निकाय और निगम के चुनाव पर है. इसमें भी सबसे महत्वपूर्ण कांग्रेस के लिए राजधानी जयपुर का नगर निगम है. बात करें जयपुर नगर निगम की तो जहां पहले राजधानी जयपुर में परिसीमन के बाद नगर निगम के वार्डों की संख्या 91 से बढ़ाकर 150 की गई तो अब एक और निर्णय जयपुर नगर निगम को लेकर राजस्थान की गहलोत सरकार करने जा रही है. कांग्रेस सरकार जयपुर में अब दो महापौर बनाने की तैयारी कर ली हैं. इसके लिए कार्यवाही भी अंतिम चरण पर चल रही है. दरअसल आबादी और जयपुर के वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल होने के बाद अब राजस्थान सरकार ने यह निर्णय लिया है कि राजधानी जयपुर में दो महापौर होंगे.
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इसके लिए जयपुर की 8 विधानसभाओं को चार-चार विधानसभा में बांटा गया है. झोटवाड़ा और आमेर जिनके कुछ वार्ड भी जयपुर नगर निगम का हिस्सा है वह भी इसमें शामिल होंगे. राजधानी जयपुर में जो दो निगम बनने जा रहे है उनमें से एक के क्षेत्र में सिविल लाइंस, सांगानेर, विद्याधर नगर, बगरू और झोटवाड़ा के वार्ड शामिल होंगे.
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वहीं दूसरे निगम के क्षेत्र में हवामहल, किशनपोल, आदर्श नगर, मालवीय नगर और आमेर के वार्ड शामिल होंगे. प्रदेश की गहलोत सरकार के निर्णय के बाद अब स्वायत शासन विभाग भी जयपुर में दो निगम बनाने की तैयारियों में जुट गयी है और राजधानी जयपुर के वार्डों के परिसीमन पूरा होने के बाद इस पर अंतिम निर्णय भी ले लिया जाएगा.