जयपुर. प्रदेश चल रहे सियासी घमासान के बीच एनएसयूआई की ओर से बीजेपी मुख्यालय पर किए गए प्रदर्शन को भाजपा ने जहां दुर्भाग्यपूर्ण परिपाटी करार दिया है, तो वहीं भाजपा ने सरकार पर पीसीसी चीफ के पदभार ग्रहण समारोह में कोरोना से जुड़ी एडवाइजरी की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया. साथ ही मांग की है कि जिन लोगों से एडवाइजरी की अवहेलना पर जुर्माना वसूल किया गया था, अब सरकार उन्हें जुर्माना राशि को वापस लौटाए.
प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि जिस प्रकार एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय के बाहर आ कर प्रदर्शन किया, वह एक नई परंपरा को जन्म दे रहे हैं. राजनीतिक दलों के कार्यालय पर इस प्रकार का प्रदर्शन करके उनके कामकाज को बाधित करने की परंपरा राजस्थान में कभी नहीं रही है. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होगा तो यह संघर्ष को बढ़ाने वाली बात होगी. राठौड़ ने कहा कि इस प्रकार की परिपाटी को मैं दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं.
'मुख्यमंत्री गंभीर होती है तो शायद यह नौबत नहीं आती
आगामी विधानसभा क्षेत्र जल्द आहूत करने को लेकर और राजभवन व सरकार के बीच चल रहे गतिरोध को लेकर राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही गंभीर होते तो शायद आज इस टकराव की नौबत नहीं आती. राठौड़ ने कहा कि राज्यपाल से चर्चा करके वह उनकी शंकाओं का समाधान कर देते तो सत्र आहूत हो जाता, लेकिन मुख्यमंत्री भी केवल जनता को भ्रमित करने का ही काम कर रहे हैं.
'पीसीसी चीफ पदभार ग्रहण समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां'
पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा के पदभार ग्रहण समारोह में जुटी भीड़ पर भी भाजपा ने सवाल उठाए हैं. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ने एडवाइजरी जारी की है. सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना पर जनता से भी जुर्माना लिया जा रहा है. ऐसे में इस समारोह में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी और एडवाइजरी को सरकार और उससे जुड़े मंत्रियों और विधायकों ने ही नहीं माना. ऐसी स्थिति में सरकार को उन तमाम लोगों को जुर्माना राशि वापस लौटानी चाहिए, जो एडवाइजरी की अवहेलना पर उनसे वसूल की गई थी.