जयपुर. प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 211 नए राजकीय कॉलेज खोले हैं. वर्तमान वित्तीय वर्ष में 88 कॉलेज शुरू किए हैं, जिनमें से 60 गर्ल्स कॉलेज हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इसमें से 87 कॉलेजों की सूची जारी की है. इन कॉलेजों के पास अभी तक (Government Colleges in Rajasthan) भवन नहीं हैं. कुछ सरकारी स्कूलों में संचालित हो रहे हैं, तो कुछ पुरानी जर्जर इमारतों में. बात करें राजधानी की तो यहां 10 सरकारी कॉलेज हैं. इनमें से पांच पहले से संचालित हैं और पांच इस सत्र से शुरू हुए, लेकिन एक भी कॉलेज के पास अपना भवन नहीं है.
प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया का दूसरा चरण जारी है, लेकिन राजधानी के सरकारी कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को इस बार भी (Admission Process in State Government Colleges) सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाई करनी होगी. कारण है कि जयपुर में संचालित सरकारी कॉलेजों के पास अपने भवन तक नहीं हैं. किसी कॉलेज को अभी तक जमीन नहीं मिली है, तो किसी कॉलेज के भवन का निर्माण अधूरा है. राजधानी के 10 कॉलेजों में से एकमात्र राजकीय महाविद्यालय कंवर नगर के भवन का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन इसे पूरा होने में अभी कुछ महीने का समय और लगेगा. इसके बाद ही छात्रों को कॉलेज का नया भवन मिलेगा.
इन कॉलेजों के पास नहीं है अपना भवन :
- राजकीय महिला महाविद्यालय, किशनपोल
- राजकीय महाविद्यालय, गणगौरी बाजार
- राजकीय महाविद्यालय, कंवर नगर ब्रह्मपुरी (निर्माणाधीन)
- राजकीय महिला महाविद्यालय, गंगापोल
- राजकीय महाविद्यालय, सांगानेर
- राजकीय महिला महाविद्यालय, सांगानेर
- राजकीय महाविद्यालय, जामडोली
- राजकीय मूक-बधिर महाविद्यालय
- राजकीय महाविद्यालय, विद्याधर नगर
- राजकीय महाविद्यालय, जयपुर
जयपुर में साल 2013 में शुरू हुआ था पहला सरकारी कॉलेज : जयपुर में पहला सरकारी कॉलेज वर्ष 2013 में गांधी सर्किल स्थित (Students in Jaipur Colleges) पोद्दार स्कूल से शुरू हुआ. 9 साल से ये कॉलेज स्कूल में ही चल रहा है. 4 वर्ष पहले पोद्दार स्कूल के पास की जमीन पर कॉलेज भवन निर्माण शुरू हुआ. इस बीच सरकार ने पोद्दार परिसर में एजुकेशन हब बनाने की घोषणा कर दी. यहां चार संस्थान संचालित होंगे. ऐसे में कॉलेज भवन का निर्माण अटक गया. इसी कॉलेज में मूक-बधिर छात्रों का कॉलेज भी संचालित था, जिन्हें अब त्रिमूर्ति सर्किल स्थित मूक-बधिर स्कूल में शिफ्ट किया जा रहा है.
2019 में शुरू हुआ था पहला राजकीय महिला महाविद्यालय, अब है तीनों स्ट्रीम : राजकीय कन्या महाविद्यालय किशनपोल 2019 में स्थापित हुआ. वर्तमान में ये कॉलेज महाराजा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में संचालित है. यहां दूसरी पारी में कॉलेज संचालित होता है. इसी सत्र से यहां कला संकाय के साथ-साथ वाणिज्य और विज्ञान संकाय भी शुरू किया गया है. कॉलेज प्राचार्य डॉ. संतोष बांगड़ ने बताया कि शुरुआत में परेशानी आई थी. लेकिन यहां विकास समिति गठित करने से कुछ परेशानियां दूर हो गईं. चूंकि अब यहां विज्ञान संकाय भी खोल दिया, लेकिन लैब नहीं है.
ऐसी स्थिति में दोबारा स्कूल प्रशासन से संपर्क करना होगा. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने स्कूल के जमीन आवंटित कर दी है, जल्द ही नया भवन भी तैयार हो जाएगा, जो दरबार स्कूल के पास होगा. किशनपोल राजकीय महाविद्यालय गणगौरी कॉलेज और विद्याधर नगर कॉलेज का नोडल कॉलेज है. गणगौरी बाजार गर्ल्स कॉलेज फिलहाल (Bad Condition of Rajasthan College Buildings) सीनियर सेकेंडरी स्कूल में संचालित है. जबकि विद्याधर नगर कॉलेज मुरलीपुरा स्कूल में संचालित है. डॉ. बांगड़ ने बताया कि विद्याधर नगर कॉलेज की जमीन के लिए जेडीए को लिखा गया है, जबकि गणगौरी बाजार कॉलेज के लिए अब भूमि आवंटित हो चुकी है.
कॉलेज में एडमिशन्स के लिए करनी पड़ रही जद्दोजहद : राज्य सरकार ने सत्र 2022-23 की बजट घोषणा में जो नए कॉलेज खोले हैं. गणगौरी बाजार कॉलेज इनमें से एक है. इस कॉलेज में कला और विज्ञान संकाय शुरू किया गया है. कॉलेज में एडमिशन के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. फ्लेक्स विज्ञापन और मोबाइल से संपर्क किया जा रहा है. कॉलेज का काम देख रहे प्रभारी डॉ. प्रहलाद सहाय बुनकर ने बताया कि आसपास के महाविद्यालयों में प्रतीक्षारत छात्राओं से भी संपर्क करने की कोशिश की जा रही है.
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जयपुर का एकमात्र सरकारी कॉलेज जिसका भवन निर्माणाधीन : राजकीय महाविद्यालय कंवर नगर ब्रह्मपुरी मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के बाद 2020 में स्थापित हुआ था. ये छात्र-छात्राओं का कोएड कॉलेज है. ये कॉलेज का तीसरा साल है. ऐसे में यहां बीए पार्ट थर्ड तक क्लासेस चल रही हैं. कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुमन भाटिया ने बताया कि इस कॉलेज को पूर्व में संचालित कंवर नगर बालिका विद्यालय में अस्थाई रूप में शुरू किया. यहीं लगती हुई जमीन कॉलेज को अलॉट हुईं, जहां स्मार्ट सिटी की ओर से भवन का काम निर्माणाधीन है.
सरकारी कॉलेज में साइंस स्ट्रीम भी, बजट में फीस : इन सरकारी कॉलेजों तक एडमिशन के लिए पहुंच रहे छात्रों ने बताया कि किसी किसी को दोस्तों से जानकारी मिली तो किसी को स्कूल की टीचर से नए कॉलेजों की जानकारी मिल रही है. एक छात्रा ने बताया कि उसकी दोस्त ने इस नए कॉलेज की जानकारी दी, जिसमें अप्लाई किया था वहां एडमिशन नहीं हुआ. अब ये नया कॉलेज घर के पास ही है. चूंकि घर में इनकम सोर्स भी कम है, इस वजह से प्राइवेट में एडमिशन हो नहीं पाता और चूंकि वो साइंस स्ट्रीम से पढ़ाई करना चाहती हैं, जिसकी फीस भी ज्यादा रहती है. लेकिन इन कॉलेज में साइंस फैकल्टी होने पर काफी बेनिफिट मिला है.