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JCB से बनाया जा रहा 515 क्विंटल चूरमा, जानें किस दिन बंटेगा यह महाप्रसाद - BHAIRU BABA FAIR

कोटपुतली-बहरोड़ जिले में प्रसाद तैयार करने के लिए ग्रामीण एक महीने से जुटे हैं. 515 क्विंटल चूरमा जेसीबी से बनाया जा रहा है.

Bhairu Baba Unique Fair
JCB से बनाया जा रहा 515 क्विंटल चूरमा (ETV Bharat Kotputli)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 28, 2025, 7:53 PM IST

कोटपुतली-बहरोड़ : जिले में श्री छापा वाले भैरूबाबा का 16वां वार्षिक मेला 30 जनवरी को आयोजित होगा, जहां प्रसाद तैयार करने के लिए ग्रामीण एक महीने पहले से जुटे हुए हैं. ग्रामीणों के द्वारा चूरमा बनाने के लिए आग में बाटी को सेक कर स्टॉक कर लिया गया है और एक साथ थ्रेसर से चूरमा बनाकर जेसीबी से देशी घी मिलाया जाएगा. यह मेला ग्राम कल्याणपुरा कुहाड़ा में भरेगा.

सैकड़ों ग्रामीण बैठक कर जुटे तैयारियों में : मेले के आयोजन से पहले सैकड़ों गांवों के लोग एक मंच पर मौजूद हुए. मेले में देश भर से लाखों श्रद्धालु पहुंच कर भैरूबाबा के दर्शन करते हैं. मेले की तैयारियों को लेकर कुहाड़ा, पद्मा की ढाणी, कल्याणपुरा कलां व पंवाला के समस्त पंच पटेल सहित ग्रामीणों ने बैठक कर 30 जनवरी को मेला भरने का निर्णय लिया. ग्रामीण जयराम जैलदार ने बताया कि 29 जनवरी को विशाल कलश यात्रा व 30 जनवरी को भैरूंबाबा का लक्खी मेले व वार्षिकोत्सव का आयोजन होगा. मेले में राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से भी श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.

तैयार हो रहा भैरूबाबा का महाप्रसाद (ETV Bharat Kotputli)

मेले को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इसको लेकर पिछले एक महीने से ग्रामीण जनसहयोग से भंडारे की तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं, भंजारे के लिए एक सप्ताह से ग्रामीणों द्वारा जेसीबी की सहायता से चूरमा बनाया जाता है. सरपंच विक्रम छावड़ी ने बताया कि भंडारे में लाखों श्रद्धालू भैरूबाबा का प्रसादी पाएंगे, जिनके लिए करीब 515 क्विंटल (51 हजार 500 किलो) चूरमा तैयार किया जा रहा है. जिसे बनाने के लिए कई दर्जन जेसीबी, सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां व थ्रेसर काम में लिए जा रहे हैं. यह मेला इस खास अंदाज में बनाए जाने वाले चूरमे के कारण ही जाना जाता है. मेले में आसपास के ग्रामीण अपने स्तर पर मैनेजमेंट संभालते हैं. मान्यता है कि यहां भैरू जी को विशेष प्रसाद में चूरमे का भोग लगाया जाता है. गांव के प्रत्येक घर से एक व्यक्ति रोजाना अपना समय निकालकर यहां अपनी सेवा दे रहा है.

Preparation of Mahaprasad
महाप्रसाद की तैयारी में जुटे ग्रामीण (ETV Bharat Kotputli)

पढ़ें : Rajasthan: जोधपुर में इस चूरमे की चक्की के लोग हैं दीवाने, 85 साल से वही स्वाद और तरीका, लेने के लिए लगती है लाइन - FAMOUS SWEET OF JODHPUR

116 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर परिसर तक पहुंचते हैं भक्त : यह मंदिर कोटपुतली-सीकर स्टेट हाईवे पर है. इसके लिए मुख्य सड़क से 2 किलोमीटर अंदर जाना होता है. इन दो किमी में तीन भव्य दरवाजों से गुजरना पड़ता है. वहीं, करीब 116 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर परिसर तक पहुंचा जा सकता है. मंदिर परिसर में प्राचीन भैरूबाबा की मूर्ति स्थापित है. इसके साथ ही सवाई भोज, शेड माता व हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है. वार्षिकोत्सव पर सवाई माधोपुर, ग्वालियर, झालावाड़, कोटा, पीपलखेड़ा, मुरैना, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली समेत दूर-दराज से श्रद्धालु भैरूबाबा के दर्शन करने आते हैं.

कोटपुतली-बहरोड़ : जिले में श्री छापा वाले भैरूबाबा का 16वां वार्षिक मेला 30 जनवरी को आयोजित होगा, जहां प्रसाद तैयार करने के लिए ग्रामीण एक महीने पहले से जुटे हुए हैं. ग्रामीणों के द्वारा चूरमा बनाने के लिए आग में बाटी को सेक कर स्टॉक कर लिया गया है और एक साथ थ्रेसर से चूरमा बनाकर जेसीबी से देशी घी मिलाया जाएगा. यह मेला ग्राम कल्याणपुरा कुहाड़ा में भरेगा.

सैकड़ों ग्रामीण बैठक कर जुटे तैयारियों में : मेले के आयोजन से पहले सैकड़ों गांवों के लोग एक मंच पर मौजूद हुए. मेले में देश भर से लाखों श्रद्धालु पहुंच कर भैरूबाबा के दर्शन करते हैं. मेले की तैयारियों को लेकर कुहाड़ा, पद्मा की ढाणी, कल्याणपुरा कलां व पंवाला के समस्त पंच पटेल सहित ग्रामीणों ने बैठक कर 30 जनवरी को मेला भरने का निर्णय लिया. ग्रामीण जयराम जैलदार ने बताया कि 29 जनवरी को विशाल कलश यात्रा व 30 जनवरी को भैरूंबाबा का लक्खी मेले व वार्षिकोत्सव का आयोजन होगा. मेले में राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से भी श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.

तैयार हो रहा भैरूबाबा का महाप्रसाद (ETV Bharat Kotputli)

मेले को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इसको लेकर पिछले एक महीने से ग्रामीण जनसहयोग से भंडारे की तैयारियों में जुटे हुए हैं. वहीं, भंजारे के लिए एक सप्ताह से ग्रामीणों द्वारा जेसीबी की सहायता से चूरमा बनाया जाता है. सरपंच विक्रम छावड़ी ने बताया कि भंडारे में लाखों श्रद्धालू भैरूबाबा का प्रसादी पाएंगे, जिनके लिए करीब 515 क्विंटल (51 हजार 500 किलो) चूरमा तैयार किया जा रहा है. जिसे बनाने के लिए कई दर्जन जेसीबी, सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्रॉलियां व थ्रेसर काम में लिए जा रहे हैं. यह मेला इस खास अंदाज में बनाए जाने वाले चूरमे के कारण ही जाना जाता है. मेले में आसपास के ग्रामीण अपने स्तर पर मैनेजमेंट संभालते हैं. मान्यता है कि यहां भैरू जी को विशेष प्रसाद में चूरमे का भोग लगाया जाता है. गांव के प्रत्येक घर से एक व्यक्ति रोजाना अपना समय निकालकर यहां अपनी सेवा दे रहा है.

Preparation of Mahaprasad
महाप्रसाद की तैयारी में जुटे ग्रामीण (ETV Bharat Kotputli)

पढ़ें : Rajasthan: जोधपुर में इस चूरमे की चक्की के लोग हैं दीवाने, 85 साल से वही स्वाद और तरीका, लेने के लिए लगती है लाइन - FAMOUS SWEET OF JODHPUR

116 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर परिसर तक पहुंचते हैं भक्त : यह मंदिर कोटपुतली-सीकर स्टेट हाईवे पर है. इसके लिए मुख्य सड़क से 2 किलोमीटर अंदर जाना होता है. इन दो किमी में तीन भव्य दरवाजों से गुजरना पड़ता है. वहीं, करीब 116 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर परिसर तक पहुंचा जा सकता है. मंदिर परिसर में प्राचीन भैरूबाबा की मूर्ति स्थापित है. इसके साथ ही सवाई भोज, शेड माता व हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है. वार्षिकोत्सव पर सवाई माधोपुर, ग्वालियर, झालावाड़, कोटा, पीपलखेड़ा, मुरैना, मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली समेत दूर-दराज से श्रद्धालु भैरूबाबा के दर्शन करने आते हैं.

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