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जेल में फैले संक्रमण को लेकर सतर्क हुई सरकार, पुलिस द्वारा गिरफ्तारी पर SOP की जारी - बदमाश की गिरफ्तारी पर एसओपी जारी

कोरोना वायरस का संक्रमण चारों ओर फैल रहा है. ऐसे में जयपुर सेंट्रल जेल के कैदी भी इससे अछूता नहीं है. वहीं हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद राज्य के गृह विभाग ने आरोपी की गिरफ्तारी से लेकर जेल पहुंचाने तक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी की है.

बदमाश की गिरफ्तारी पर एसओपी जारी, SOP issued on arrest of crook
संक्रमण को लेकर सतर्क हुई सरकार
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Published : May 22, 2020, 11:46 PM IST

जयपुर. जयपुर सेंट्रल जेल और डिस्ट्रिक्ट जेल में कोरोना संक्रमण विस्फोट के बाद राज्य सरकार सतर्क हो गई है. हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद राज्य के गृह विभाग ने आरोपी की गिरफ्तारी से लेकर जेल पहुंचाने तक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी की एसओपी जारी की है.

बदमाश की गिरफ्तारी पर एसओपी जारी, SOP issued on arrest of crook
बदमाश की गिरफ्तारी पर एसओपी जारी

बता दे कि, जयपुर सेंट्रल जेल और डिस्ट्रिक्ट जेल में कोरोना संक्रमण के लगभग 170 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है. इधर हाईकोर्ट स्व प्रेरित प्रसंज्ञान के तहत सरकार को आरोपी की गिरफ्तारी से लेकर जेल भेजने तक विशेष मानक प्रक्रिया अपनाने के आदेश दिए हैं. इसके बाद गृह विभाग से शुक्रवार को SOP जारी की गई.

पढ़ेंः CM गहलोत का महत्वपूर्ण निर्णय, कृषक कल्याण शुल्क में दी बड़ी राहत

ऐसे में अब जेल भेजने से पहले आरोपी को जांच कराना अनिवार्य होगा. जांच के लिए आरोपी को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाएगा. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मेडिकल विभाग के प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई होगी. वहीं नेगेटिव रिपोर्ट आने पर जिला और सेंट्रल जेल भेजा जाएगा. जेल में आइसोलेशन वार्ड में आरोपी 21 दिन तक क्वॉरेंटाइन रहेगा. इस दौरान आरोपी की नियमित मेडिकल जांच कराई जाएगी. जेल आइसोलेशन में रहने के दौरान आरोपी जमानत पर छूटता है तो वह 14 दिन घर पर ही क्वॉरेंटाइन रहेगा.

हालांकि आरोपी की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर जमानत खारिज होने पर जेल के सामान्य वार्ड में रखा जाएगा. इस दौरान पुलिस बहुत जरूरी होने पर ही आरोपी को जांच के बाद रिमांड पर लेगी. रिमांड पर लेने के बाद वापस जेल भेजने के दौरान दोबारा संपूर्ण प्रक्रिया अपनाई जाएगी. कैदियों से सीधे संपर्क में आने वाले जेल स्टाफ और उनके परिजनों को रेंडम जांच करवानी होगी. जेल में चिकित्सा अधिकारी कैदियों के नियमित परीक्षण करेंगे और रिकॉर्ड रखेंगे.

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वहीं गिरफ्तारी के वक्त आरोपी को कैप और मास्क पहनाया जाएगा. पुलिस अधिकारी भी गिरफ्तारी और तलाशी के दौरान मास्क और दस्ताने पहनेंगे. थाने के लॉकअप को सैनिटाइज किया जाएगा और सोशल डिस्टेंस की पालना कराई जाएगी. आरोपी के छुटने के बाद फिर लॉकअप को सैनिटाइज किया जाएगा. वहीं पकड़े गए व्यक्ति को तुरंत व्यक्तिगत या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होगा.

जयपुर. जयपुर सेंट्रल जेल और डिस्ट्रिक्ट जेल में कोरोना संक्रमण विस्फोट के बाद राज्य सरकार सतर्क हो गई है. हाईकोर्ट में दायर याचिका के बाद राज्य के गृह विभाग ने आरोपी की गिरफ्तारी से लेकर जेल पहुंचाने तक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी की एसओपी जारी की है.

बदमाश की गिरफ्तारी पर एसओपी जारी, SOP issued on arrest of crook
बदमाश की गिरफ्तारी पर एसओपी जारी

बता दे कि, जयपुर सेंट्रल जेल और डिस्ट्रिक्ट जेल में कोरोना संक्रमण के लगभग 170 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है. इधर हाईकोर्ट स्व प्रेरित प्रसंज्ञान के तहत सरकार को आरोपी की गिरफ्तारी से लेकर जेल भेजने तक विशेष मानक प्रक्रिया अपनाने के आदेश दिए हैं. इसके बाद गृह विभाग से शुक्रवार को SOP जारी की गई.

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ऐसे में अब जेल भेजने से पहले आरोपी को जांच कराना अनिवार्य होगा. जांच के लिए आरोपी को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाएगा. रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर मेडिकल विभाग के प्रोटोकॉल के अनुसार कार्रवाई होगी. वहीं नेगेटिव रिपोर्ट आने पर जिला और सेंट्रल जेल भेजा जाएगा. जेल में आइसोलेशन वार्ड में आरोपी 21 दिन तक क्वॉरेंटाइन रहेगा. इस दौरान आरोपी की नियमित मेडिकल जांच कराई जाएगी. जेल आइसोलेशन में रहने के दौरान आरोपी जमानत पर छूटता है तो वह 14 दिन घर पर ही क्वॉरेंटाइन रहेगा.

हालांकि आरोपी की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर जमानत खारिज होने पर जेल के सामान्य वार्ड में रखा जाएगा. इस दौरान पुलिस बहुत जरूरी होने पर ही आरोपी को जांच के बाद रिमांड पर लेगी. रिमांड पर लेने के बाद वापस जेल भेजने के दौरान दोबारा संपूर्ण प्रक्रिया अपनाई जाएगी. कैदियों से सीधे संपर्क में आने वाले जेल स्टाफ और उनके परिजनों को रेंडम जांच करवानी होगी. जेल में चिकित्सा अधिकारी कैदियों के नियमित परीक्षण करेंगे और रिकॉर्ड रखेंगे.

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वहीं गिरफ्तारी के वक्त आरोपी को कैप और मास्क पहनाया जाएगा. पुलिस अधिकारी भी गिरफ्तारी और तलाशी के दौरान मास्क और दस्ताने पहनेंगे. थाने के लॉकअप को सैनिटाइज किया जाएगा और सोशल डिस्टेंस की पालना कराई जाएगी. आरोपी के छुटने के बाद फिर लॉकअप को सैनिटाइज किया जाएगा. वहीं पकड़े गए व्यक्ति को तुरंत व्यक्तिगत या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होगा.

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