जयपुर. रोडवेज कर्मचारियों के लिए खुशी की खबर है. अब रोडवेज कर्मचारियों को अवकाश लेने के लिए उच्च अधिकारियों को बताने की जरूरत नहीं होगी. राजस्थान रोडवेज एमडी शुचि शर्मा की पहल पर रोडवेज कर्मचारियों में पारदर्शिता लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. अगर कर्मचारी के खाते में छुट्टियां बकाया हैं, तो कंप्यूटर अपने आप ही छुट्टी जारी कर देगा. इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा और बसों के आवागमन के लिए भी आईटी संबंधी नवाचार किए जा रहे हैं.
रोडवेज एमडी शुचि शर्मा ने बताया कि चालक परिचालक सहित निचले स्तर के कर्मचारियों को छुट्टी लेने के लिए अफसरों की अनुमति का इंतजार नहीं करना होगा. कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए इस प्रकार की पहल की जा रही है. पार्टी में नवाचार करते हुए रोडवेज प्रशासन सभी बसों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम नए सिरे से इंस्टॉल करवाने जा रहा हैं. इस तरह का प्रयोग 5 साल पहले भी किया गया था. लेकिन, अनुबंध में विवाद होने के बाद यह प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सका.
बताया जा रहा है कि रोडवेज प्रशासन बसों की रियल टाइम लोकेशन जानने के लिए जीपीएस आधारित व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाएगा. इससे बस अड्डे पर बसों के आगमन की सटीक जानकारी मिलेगी. साथ ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में पैनिक बटन भी लगवाए जाएंगे. राजस्थान रोडवेज में अब मैन पावर का बेहतर उपयोग हो सकेगा. न तो ड्यूटी लगने में गफलत रहेगी, ना ही कर्मचारियों को यह मलाल रहेगा कि छुट्टियां बाकी रहने के बावजूद उन्हें अवकाश नहीं मिल रहा है.
ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट के लिए रोडवेज प्रशासन आईटी का नवाचार शुरू करने जा रहा है. इससे न केवल सभी कर्मचारियों और अधिकारियों का डाटा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा, बल्कि प्रत्येक दिन का रूट चार्ट कर्मचारियों का रोस्टर भी ऑनलाइन बन सकेगा. रोडवेज प्रशासन का मानना है कि इससे ड्यूटी लगने में होने वाला भ्रष्टाचार भी रुकेगा.
दरअसल, पसंदीदा रूट पर चलने के लिए चालक परिचालक उच्चाधिकारियों से सिफारिश करते हैं. पसंदीदा रूट पर बसों में यात्रियों को बिना टिकट यात्रा करवाकर रोडवेज को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं. इसे रोकने के लिए रोडवेज प्रशासन ऑनलाइन सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है. रोडवेज की प्रदेशभर में 56 इकाइयों पर ऑनलाइन एचआरएमएस यानी ह्युमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम कियोस्क लगाने का कार्य 31 अक्टूबर तक कर लिया जाएगा. रोडवेज एमडी शुचि शर्मा ने पद संभालने के साथ ही रोडवेज की वित्तीय हालत सुधारने के लिए आईटी का सहारा लेना शुरू कर दिया है. प्रबंध निदेशक का मानना है कि आईटी को बढ़ावा देकर ही रोडवेज में पारदर्शिता लाई जा सकती है, जिससे रोडवेज के आर्थिक घाटे को कम करने में मदद मिलेगी.