जयपुर. प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए अच्छी खबर (Good news for Rajasthan players) है. सरकारी नौकरियों में अब खेल कोटे में बाहरी राज्यों के खिलाड़ी शामिल नहीं होंगे. विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सरकार के स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए यह निर्देश दिए कि यह कोटा राज्य के खिलाड़ियों के लिए है और उन्हें ही इसका लाभ मिले. सरकार को खेल कोटे नियमों में रिव्यू करना चाहिए.
दरअसल, डूंगरगढ़ से आने वाले विधायक गिरधारी लाल ने विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लगाया, जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य में खेल कोटे से खिलाड़ियों के लिए जो भर्तियां (Recruitment of players in sports quota in Rajasthan) हो रही हैं उसमें बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों को शामिल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पुलिस की सीधी भर्ती निकाली, जिसमें खेल कोटे से 70 पदों में से 28 पदों पर अन्य राज्यों के खिलाड़ी भर्ती हुए. जबकि कई राज्यों में बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों के शामिल होने पर रोक है. पुलिस भर्ती के अलावा अन्य भर्तियों में भी बाहरी राज्यों की खिलाड़ियों को शामिल किया गया.
अकेले कबड्डी में कुल 14 में से 12 में हरियाणा और हिमाचल के अभ्यर्थी चयनित हुए. जबकि मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में दूसरे राज्यों में खेल कोटे में सीधी भर्ती में शामिल नहीं किया जाता है. उन्होंने सदन के माध्यम से मांग की कि इस मामले पर चर्चा कराई जाए और पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान सरकार भी खेल कोटे में बाहरी राज्यों के खिलाड़ियों पर रोक लगाए ताकि राजस्थान के खिलाड़ियों को अधिक से अधिक मौका मिल सके.
उन्होंने इसके लिए नीति बनाने और इस पर सदन में चर्चा करने की मांग रखी. गिरधारी लाल के उठाए गए सवाल के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि जो सवाल उठाया गया है यह सवाल वाजिब है, क्योंकि जिस तरीके से यह कोटा निर्धारित किया गया है वह राज्य के खिलाड़ियों के लिए निर्धारित किया गया है. राज्य के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए यह स्टेट स्पेसिफिक योजना है और इसके अंदर राज्य के खिलाड़ियों को शामिल किया जाना चाहिए.
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सीपी जोशी ने कहा कि सरकार को अगर इसमें कुछ रिव्यू करना है तो उस पर बैठकर चर्चा करें और नियमों में कुछ बदलाव करने की जरूरत है तो उसके लिए बदलाव करें. उन्होंने कहा कि राज्य के खिलाड़ियों को ही इस भर्ती में लाभ मिलना चाहिए.