जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर जिले की लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति से सेवानिवृत्त हुए ग्राम विकास अधिकारी को पंचायत राज विभाग में समायोजित होने से पहले की सेवाओं का लाभ देने के आदेश दिए हैं. अदालत ने यह आदेश बाबूलाल मीणा की याचिका पर दिए.
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याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि याचिकाकर्ता की प्रथम नियुक्ति नगर पालिका में हुई थी. वहीं वर्ष 2001 में उसे अधिशेष घोषित कर ग्रामीण विकास व पंचायत राज विभाग में ग्राम सेवक के पद पर समायोजित कर दिया. इस दौरान उसे चयनित वेतनमान का लाभ दिया गया.
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इसके बाद दिसंबर 2018 में विभाग ने 2 अक्टूबर 2010 के परिपत्र के आधार पर उसकी पूर्व की सेवाओं को नहीं मानते हुए पंचायत राज विभाग में समायोजित होने की तारीख से ही सेवा परिलाभ देने के लिए कहा और पूर्व में वेतन के तौर पर ज्यादा दी गई राशि की भी रिकवरी कर ली. जिसे याचिका में चुनौती दी गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने समायोजन से पूर्व दी गई सेवाओं का भी लाभ देने को कहा है.