जयपुर. GIS विद्युत सब स्टेशन मानव रहित संचालित हो सकेगा. पिछले दिनों ऐसे ही अत्याधुनिक तकनीक से लैस जीआईएस विद्युत सब स्टेशन (GIS Sub Station in Rajasthan) जनाना अस्पताल के पास भी बनाया गया था. जयपुर में यह दोनों ही सब स्टेशन किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में आने स्थापित किए गए हैं.
गैस इंसुलेटेड सिस्टम पर आधारित 33 KV सब स्टेशन का कांटेक्ट डिजाइन है, जो सामान्य सब स्टेशन से 4 गुना कम जमीन पर बनाया जा सकता है. स्थानीय कांग्रेस विधायक अमीन कागजी और जयपुर डिस्कॉम एमडी नवीन अरोड़ा के अनुसार इस अत्याधुनिक सब स्टेशन में ऑपरेशन का कार्य सुरक्षित होगा.
वहीं, स्पार्किंग की स्थिति नहीं के बराबर रहती है. नई तकनीक वाले सब स्टेशन का सबसे बड़ा फायदा बाधा रहित विद्युत सप्लाई है और विद्युत लॉस भी कम होती है. इसके अलावा फॉल्ट होने की स्थिति में आसानी से इसमें लोड शिफ्टिंग किया जा सकता है. नई तकनीक पर आधारित यह विद्युत सब स्टेशन 9 हजार उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की क्षमता रखता है. इस सब स्टेशन को लगाने में सामान्य सब स्टेशन की तुलना में लागत 3 गुना आती है, लेकिन सालाना करीब 50 लाख रुपये तक की बचत डिस्कॉम को बिजली छीजत कम होने से मिल पाएगी. भारत सरकार की आईपीडीएस योजना के तहत बनाए गए इस सब स्टेशन पर साढ़े 7 करोड़ रुपये की लागत आई है.
दिसंबर के अंत तक जयपुर को मिलेंगे दो और नए सब स्टेशन...
केंद्र सरकार की आईपीडीएस योजना के तहत रामगंज इलाके के बाद अब अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस तरह के 2 अन्य सब स्टेशन महेश नगर के पास भगवती नगर और नाहरी का नाका क्षेत्र में भी तैयार किए जा रहे हैं. संभावता दिसंबर माह के अंत तक लोकार्पण किया जा सकता है.