जयपुर. प्रदेश की बच्चियों और किशोरियों को अब घर बैठे सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध होगा. बाल संरक्षण आयोग ने इसके लिए संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग को निर्देश दिए है. लॉकडाउन की वजह से स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए मिलने वाली सेनेटरी नैपकिन की सुविधा बच्चियों और किशोरियों को नहीं मिल रही थी. जिसपर बाल संरक्षण आयोग ने इसे संज्ञान में लिया.
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि वर्तमान सरकार स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये बच्चियों और किशोरियों को सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराया जा रहा था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन की वजह से स्कूल और आंगनबाड़ी किशोरी और बालिकाओं को सेनेटरी नैपकिन नहीं मिल रहे हैं. महामारी के वक्त होने वाली परेशानी और शिकायतें आयोग के पास लगातार हर जिले से आ रही थी. जिसके बाद आयोग ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए किशोरियों और बच्चियों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं हो, इसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग को निर्देशित किया.
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जिसमें कहा कि वह घर तक सेनेटरी नैपकिन सुविधा उपलब्ध करावाएं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इससे पहले भी बीकानेर शिक्षा निदेशक ने सभी जिला के शिक्षा अधिकारियों को यह निर्देश दिए थे कि वह स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों को चिन्हित करके उनके पास तक सेनेटरी नैपकिन पहुंचे. बता दें कि प्रदेश की सरकार ने किशोरी और बालिकाओं को सेनेटरी नैपकिन निःशुल्क उपलब्ध कराने के लिए स्कूल और आंगनबाड़ी के जरिए यह सुविधा उपलब्ध कराई, लेकिन प्रदेश में कोरोना संक्रमण के वजह से 3 महीने से अधिक लॉकडाउन में किशोरियों तक यह सुविधा नहीं पहुंच रही थी. इससे उनके स्वास्थ्य पर लगातार दुष्प्रभाव पड़ रहे थे.