जयपुर. लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले संघनिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ीकी भाजपा में वापसी की कवायद है. कारण साफ है कि कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी तिवाड़ी पूरी तरह कांग्रेस के नहीं हो पाए। यही कारण है कि पहले तिवाड़ी जयपुर में हुए CAA के खिलाफ कांग्रेस के शांति मार्च में शामिल नहीं हुए और अब राहुल गांधी की युवा आक्रोश रैली से भी दूर रहे. इस बीच आए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा के एक बयान ने चर्चाओं के बाजार को और बल देने का काम किया है.
ज्ञानदेव आहूजा ने कहा है की तिवाड़ीमन से, आत्मा से और भावना से भाजपा के थे और हमेशा रहेंगे. आहूजा ने कहा कि तिवाड़ीव्यक्तिगत कारणों से भाजपा से अलग हुए थे लेकिन वापस भी आएंगे. आहूजा के अनुसार भाजपा के कई लोग किन्ही कारणों से पार्टी से दूर हुए, लेकिन अब आप देखेंगे कि जल्द ही ऐसे कई लोग और वह लोग भी जो कांग्रेस के नेता थे, अब भाजपा में आना चाहते हैं. आहूजा के अनुसार घनश्याम तिवाड़ीपक्के राष्ट्रभक्त है. यही कारण है कि वह नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हुए कांग्रेस के शांति मार्च से भी दूर और जयपुर राहुल गांधी की रैली में भी शामिल नहीं हुए.
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बता दें कि घनश्याम तिवाड़ीभाजपा के दिग्गज नेता रहे हैं, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने खुद की राजनीतिक पार्टी बना ली थी, लेकिन वह सक्सेस नहीं रही. इसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान घनश्याम तिवाड़ीने कांग्रेस जॉइन कर ली लेकिन कांग्रेस के कार्यक्रमों में उसके बाद नजर नहीं आए। अब माना जा रहा है. भाजपा और संघनिष्ठ नेताओं का एक खेमा तिवाड़ीको वापस भाजपा मे लाने के प्रयास में है और ज्ञानदेव आहूजा का यह बयान इसी ओर इशारा कर रहा है.