जयपुर. सीएए, एनसीआर और एनपीआर को लेकर शहर के शहीद स्मारक पर चल रहे अनिश्चित कालीन धरने पर सियासत तेज हो गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार शाम को धरना स्थल पहुंचे, तो विपक्ष ने इस पर सवाल दाग दिए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि शुक्रवार को पुलवामा शहीदों के सम्मान का दिन था, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शहीदों के सम्मान करने की बजाए कथित चंद लोग जो शहीद स्मारक को शाहीन बाग बनना चाहा रहे है, उनके समर्थन में जा रहे है.
इतना ही नहीं सीएम गहलोत वहां पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहते है कि वो सीएए को प्रदेश में लागू नहीं करगें की बात कहते है. सीएम गहलोत संसद और संविधान को चुनौती दे रहे है जबकि ये सीएम का नैतिक अधिकार नहीं है, कि वो इस तरह के बयान दे. साथ ही कहा कि सीएम गहलोत ये सिर्फ इस लिए बोल रहे है, कयोंकि उन्हें नहरू गांधी खानदान में सीआर बढ़ानी है. ये बड़ा दुर्भाग्य पूर्ण है कि कोई संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति संविधान को चुनौती दे रहा है.
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दरअसल जयपुर के शहीद स्मारक पर 31 जनवरी से करीब दो दर्जन से अधिक सामाजिक संगठन सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है. इस धरने में शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहुंचे थे और उन्होंने धरने के सम्भोधित करते हुए प्रदेश में सीएए लागू नहीं करने बयान दिया था. जिसके बाद से प्रदेश में सियासी बयान बाजी तेज हो गई है.