जयपुर. राजस्थान में 3 विधानसभा सीटों सहाड़ा, राजसमंद और सुजानगढ़ में 17 अप्रैल को उपचुनाव होने जा रहे हैं. कांग्रेस हो या भाजपा, उनके स्टार प्रचारक और विधानसभा से बाहर के प्रचारक केवल 14 अप्रैल को शाम 5:00 बजे तक ही प्रचार कर सकेंगे. इसके बाद प्रत्याशी डोर टू डोर कम्पैन कर सकेंगे. दोनों ही प्रमुख पार्टियों के पास अपने प्रमुख प्रचारकों को मैदान में उतारने के लिए 3 दिन ही शेष हैं.
ज्योतिरादित्य, अनुराग से भाजपा की भरपाई
उपचुनाव में भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्टार प्रचारक होने के बावजूद कहीं प्रचार नहीं कर रही हैं. उनकी भरपाई राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को प्रचार के लिए बुलाकर की गई है. प्रचार के मामले में राजस्थान में सत्ताधारी दल कांग्रेस अभी पिछड़ा हुआ दिखाई दे रहा है. प्रचार की कमान राजस्थान की कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रभारी मंत्रियों और प्रभारी संगठन के नेताओं पर ही छोड़ दी है. क्योंकि राजस्थान के जो सबसे प्रमुख 2 स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट 30 मार्च को नामांकन रैली के सिवाय प्रचार करते हुए क्षेत्र में दिखाई नहीं दिए.
इन दोनों नेताओं की भरपाई के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने केंद्रीय नेतृत्व से भी किसी नेता को नहीं बुलाया है. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने अपने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की थी उसमें भी किसी केंद्रीय नेता का नाम नहीं शामिल था. ऐसे में यह पहले से ही तय था कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व में से कोई नेता इन उपचुनाव में प्रचार करने नहीं पहुंचेगा.
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कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सीएम प्रचार से दूर
मुख्यमंत्री इस प्रचार से इसलिए भी दूर हैं क्योंकि प्रदेश का सीएम होकर भी वे तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के दौर में रैली करते तो सवाल उठ सकता था. लेकिन मुख्यमंत्री राजस्थान में अपने बजट से लेकर अब तक लगातार ऐसी घोषणाएं कर रहे हैं जिनका अप्रत्यक्ष तौर पर ही सही लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी को लाभ मिलेगा. वहीं सत्ताधारी दल होने के चलते भी कांग्रेस को चुनाव में फायदा मिलने के अवसर ज्यादा हैं.
सचिन पायलट भी प्रचार से दूर
राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री रहे उपचुनाव में स्टार प्रचारक सचिन पायलट भी सिवाय नामांकन रैली के कोई चुनावी सभा या प्रचार करते हुए तीनों उपचुनाव सीटों पर नजर नहीं आए. पायलट का नहीं आना भी अपने आप में कई सवाल खड़े करता है. सचिन पायलट केरल, असम और बंगाल में तो प्रचार करते हुए दिखाई दिए थे लेकिन अपने ही राज्य में उन्होंने उपचुनाव में प्रचार से दूरी क्यों बनाई.
डोटासरा, माकन ने लगाया दम
प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी अजय माकन भी स्टार प्रचारक हैं. जिनके पद संभालने के बाद पहली बार किसी विधानसभा सीट पर चुनाव हो रहा है. लेकिन इन चुनावों में इन दोनों नेताओं ने भी अजीबोगरीब रणनीति अपनाई है. गोविंद डोटासरा एक के बाद एक लगातार चार दौरे कर सुजानगढ़ सीट जीतने के लिए पूरा दम लगा रहे हैं. तो वहीं राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अजय माकन ने राजसमंद और सहाड़ा विधानसभा सीट में प्रचार की कमान अपने हाथ में ली. 3 दिन राजसमंद और सहाड़ा रहने के बाद माकन वापस दिल्ली लौट गए.
ऐसे में अब उम्मीद कम ही है कि प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा बाकी बचे हुए 3 दिन में सहाड़ा और राजसमंद चुनाव में प्रचार करने जाएंगे. वहीं प्रदेश प्रभारी अजय माकन सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर प्रचार करें.