जयपुर. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन की राज्यसभा चुनाव से चल रही राजस्थान से दूरी आखिर अब समाप्त हो गई है. माकन ने सोमवार को पहले तिजारा और फिर देर रात करीब 3 घंटे तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ लंबी राजनीतिक चर्चा की. हालांकि तीनों नेताओं के बीच हुई राजनीतिक चर्चाओं को लेकर कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया, लेकिन जिस तरह से माकन, गहलोत और डोटासरा के बीच चल रही मुलाकात के दौरान ही बसपा से कांग्रेस में आए विधायक वाजिब अली और संदीप यादव को राजनीतिक नियुक्तियां दी गईं, इससे साफ है कि उस मुलाकात में प्रदेश में चल रही राजनीतिक परिस्थितियों पर गंभीरता से चर्चा हुई.
अब तीनों नेताओं की मुलाकात के बाद प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक नियुक्तियों के तीसरे चरण (Political appointments in Rajasthan) , प्रदेश कांग्रेस संगठन में विस्तार और प्रदेश में कैबिनेट के पुनर्गठन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. कहा जा रहा है कि अगस्त महीने के अंत तक ये तीनों काम कर लिए जाएंगे. आपको बता दें कि नवंबर में जब गहलोत कैबिनेट का विस्तार किया गया था, उसी समय मुख्यमंत्री गहलोत और माकन ने यह साफ कर दिया था कि जल्द ही कैबिनेट में फिर फेरबदल होगा. क्योंकि गहलोत कैबिनेट में पूरे 30 मंत्री हैं. ऐसे में गहलोत कैबिनेट में किसी भी नए विधायक को एंट्री देने के लिए कैबिनेट पुनर्गठन करना ही एकमात्र रास्ता होगा.
गहलोत बन सकते हैं कांग्रेस के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष: राजनीतिक हलकों में बीते कुछ दिनों से लगातार यह चर्चा चल रही है कि कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से राहुल गांधी ने एक बार फिर इनकार कर दिया है. ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी की कमान कौन संभालेगा. यही कारण है कि बीते कुछ दिनों से लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर भी यह कहा जा रहा है कि वह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं. हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के साथ ही पूर्णकालिक अध्यक्ष बनने की जगह कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर यह पद संभाल सकते हैं. वैसे भी गांधी परिवार के सबसे विश्वसनीय नेताओं की बात की जाए, तो उनमें गहलोत एक हैं. हालांकि इन चर्चाओं में कितनी सच्चाई है, यह आने वाला समय ही बताएगा.