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विधायकों से मिल रहे 'सक्रिय' पायलट, गहलोत खेमे को आलाकमान के निर्देश का इंतजार - राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी

सीएम गहलोत ने शुक्रवार को एलान कर दिया कि वो कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे (Congress President Election). इसके बाद पिक्चर कुछ हद तक साफ हुई, लेकिन अभी भी कई ऐसे सवाल हैं जो बीते दिन की गहमागहमी के बीच कुलबुला रहे हैं. ये सवाल इसलिए भी क्योंकि राजस्थान की राजनीति के दिग्गजों की हैपनिंग शुक्रवार की कुछ तस्वीरें, कुछ क्लिपिंग्स ऐसी सामने आईं जो गहलोत बनाम पायलट के बीच की दूरियों को दर्शाती हैं!

Gehlot Loyalists waiting for High Command order
विधायकों से मिल रहे 'सक्रिय पायलट'
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Published : Sep 24, 2022, 11:10 AM IST

Updated : Oct 1, 2022, 1:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष (congress President Election) का चुनाव लड़ेंगे ये तय हो चुका है. गहलोत खुद साफ कर चुके हैं कि वो राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे तो राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे. ऐसे में राजस्थान ही नहीं देश की जनता के जेहन में यह सवाल दौड़ रहे हैं, कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पद नामांकन भरने के साथ ही छोड़ेंगे या फिर 19 अक्टूबर को रिजल्ट आने के बाद. इससे भी बड़ा यक्ष प्रश्न ये है कि गहलोत की कुर्सी का उत्तराधिकारी कौन होगा? वो गांधी परिवार की पहली पसंद सचिन पायलट होंगे, सीपी जोशी होंगे, गोविंद डोटासरा या कोई और!

पायलट पर सस्पेंस: सचिन पायलट जिन्हें लेकर कहा जा रहा है कि वह गांधी परिवार की पहली पसंद है लेकिन अब भी राजस्थान में विधायक गांधी परिवार के क्लियर इंडिकेशन के इंतजार में वेट एंड वॉच की स्थिति में आ गए हैं (Gehlot Vs Pilot). यही कारण है कि गहलोत कैंप में शामिल रहे विधायक सचिन पायलट को सामने देख साथ खड़े तो हो जाते हैं लेकिन आगे चलकर पायलट तक नहीं पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को विधानसभा में भी यही देखा गया.

सक्रिय पायलट की दिक्कत: पायलट विधानसभा पहुंचे तो उन्हें रिसीव करने वाले उनके कैंप के माने जाने वाले विधायकों के साथ ही गहलोत कैम्प में रहे G-6 के विधायक थे. हालांकि जब पायलट विधानसभा पहुंचे तो उनके सामने आने वाले सभी विधायक न केवल उनसे खुलकर मिलते दिखाई दिए बल्कि स्पीकर सीपी जोशी के कक्ष में भी विधायक सचिन पायलट से सामान्य बातचीत करते दिखाई दिए.

पढ़ें-गहलोत के इस मंत्री के बदले सुर, कहा- CM के लिए केवल पायलट फिट

गहलोत खेमा इंतजार में: राजस्थान कांग्रेस के विधायकों को कांग्रेस आलाकमान से सीधे और साफ निर्देश का इंतजार है. यही कारण है कि विधायक सचिन पायलट के साथ बातचीत तो कर रहे हैं लेकिन आगे बढ़कर उनके पास नहीं जा रहे. डर है कि कहीं ऐसा न हो कि कयास धरे के धरे रह जाएं, कुछ खेल हो जाए और कोई तीसरा नाम सामने आ जाए. ऐसे में अब G-6 में शामिल चार बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, वाजिब अली और दो कांग्रेस विधायकों को छोड़ कोई और विधायक खुलकर पायलट के सामने नहीं जा रहा.

साफ है की बीते 2 साल से विधायकों और सचिन पायलट के बीच जमी हुई रिश्तो की बर्फ पिघलना तो शुरू हो गई है लेकिन अभी भी विधायकों को इस बात का इंतजार है कि आलाकमान उन्हें राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा इसके स्पष्ट संकेत दे.

28 सितंबर को गहलोत भरेंगे पर्चा: सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 28 सितंबर को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे. गहलोत गांधी फैमिली के करीबियों में से एक हैं. यही वजह है कि उनके 10 प्रस्तावकों में से राजस्थान से पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा समेत इक्का-दुक्का नेता ही शामिल होंगे, बाकी प्रस्तावक देश के अलग-अलग हिस्सों से बनेंगे. इनके अलावा वो विधायक भी दिखाई देंगे जो राजस्थान के मुख्यमंत्री रहते उनके साथ खड़े रहे.

27 को गहलोत समर्थक मंत्री और विधायक दिल्ली जा सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो यह अपने आप में गहलोत का वो शक्ति प्रदर्शन होगा, जिसके जरिए वो संकेत देंगे कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर कौन बैठे उसमें गहलोत की राय सबसे महत्वपूर्ण होगी? जब गहलोत खुद कांग्रेस के आलाकमान बनने जा रहे हैं तो फिर फैसले में उनकी राय को गांधी परिवार महत्वपूर्ण मानेगा.

ये भी पढ़ें-पायलट के स्वागत में विधानसभा के गेट पर पहुंचे गहलोत समर्थक MLA

दिल्ली में पायलट: विधानसभा में शुक्रवार को विधायकों से मुलाकात करने जयपुर पहुंचे सचिन पायलट से रात को भी कुछ विधायकों और ब्यूरोक्रेट्स ने मुलाकात की. हालांकि इनमें उनके कैंप में शामिल विधायक ही थे. बाकी विधायक अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में है. सचिन शनिवार को दिल्ली में होंगे और सूत्रों की मानें तो अगली रणनीति वो दिल्ली में ही बनाते दिखेंगे.

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष (congress President Election) का चुनाव लड़ेंगे ये तय हो चुका है. गहलोत खुद साफ कर चुके हैं कि वो राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे तो राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ देंगे. ऐसे में राजस्थान ही नहीं देश की जनता के जेहन में यह सवाल दौड़ रहे हैं, कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पद नामांकन भरने के साथ ही छोड़ेंगे या फिर 19 अक्टूबर को रिजल्ट आने के बाद. इससे भी बड़ा यक्ष प्रश्न ये है कि गहलोत की कुर्सी का उत्तराधिकारी कौन होगा? वो गांधी परिवार की पहली पसंद सचिन पायलट होंगे, सीपी जोशी होंगे, गोविंद डोटासरा या कोई और!

पायलट पर सस्पेंस: सचिन पायलट जिन्हें लेकर कहा जा रहा है कि वह गांधी परिवार की पहली पसंद है लेकिन अब भी राजस्थान में विधायक गांधी परिवार के क्लियर इंडिकेशन के इंतजार में वेट एंड वॉच की स्थिति में आ गए हैं (Gehlot Vs Pilot). यही कारण है कि गहलोत कैंप में शामिल रहे विधायक सचिन पायलट को सामने देख साथ खड़े तो हो जाते हैं लेकिन आगे चलकर पायलट तक नहीं पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को विधानसभा में भी यही देखा गया.

सक्रिय पायलट की दिक्कत: पायलट विधानसभा पहुंचे तो उन्हें रिसीव करने वाले उनके कैंप के माने जाने वाले विधायकों के साथ ही गहलोत कैम्प में रहे G-6 के विधायक थे. हालांकि जब पायलट विधानसभा पहुंचे तो उनके सामने आने वाले सभी विधायक न केवल उनसे खुलकर मिलते दिखाई दिए बल्कि स्पीकर सीपी जोशी के कक्ष में भी विधायक सचिन पायलट से सामान्य बातचीत करते दिखाई दिए.

पढ़ें-गहलोत के इस मंत्री के बदले सुर, कहा- CM के लिए केवल पायलट फिट

गहलोत खेमा इंतजार में: राजस्थान कांग्रेस के विधायकों को कांग्रेस आलाकमान से सीधे और साफ निर्देश का इंतजार है. यही कारण है कि विधायक सचिन पायलट के साथ बातचीत तो कर रहे हैं लेकिन आगे बढ़कर उनके पास नहीं जा रहे. डर है कि कहीं ऐसा न हो कि कयास धरे के धरे रह जाएं, कुछ खेल हो जाए और कोई तीसरा नाम सामने आ जाए. ऐसे में अब G-6 में शामिल चार बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, वाजिब अली और दो कांग्रेस विधायकों को छोड़ कोई और विधायक खुलकर पायलट के सामने नहीं जा रहा.

साफ है की बीते 2 साल से विधायकों और सचिन पायलट के बीच जमी हुई रिश्तो की बर्फ पिघलना तो शुरू हो गई है लेकिन अभी भी विधायकों को इस बात का इंतजार है कि आलाकमान उन्हें राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा इसके स्पष्ट संकेत दे.

28 सितंबर को गहलोत भरेंगे पर्चा: सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 28 सितंबर को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करेंगे. गहलोत गांधी फैमिली के करीबियों में से एक हैं. यही वजह है कि उनके 10 प्रस्तावकों में से राजस्थान से पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा समेत इक्का-दुक्का नेता ही शामिल होंगे, बाकी प्रस्तावक देश के अलग-अलग हिस्सों से बनेंगे. इनके अलावा वो विधायक भी दिखाई देंगे जो राजस्थान के मुख्यमंत्री रहते उनके साथ खड़े रहे.

27 को गहलोत समर्थक मंत्री और विधायक दिल्ली जा सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो यह अपने आप में गहलोत का वो शक्ति प्रदर्शन होगा, जिसके जरिए वो संकेत देंगे कि राजस्थान में मुख्यमंत्री पद पर कौन बैठे उसमें गहलोत की राय सबसे महत्वपूर्ण होगी? जब गहलोत खुद कांग्रेस के आलाकमान बनने जा रहे हैं तो फिर फैसले में उनकी राय को गांधी परिवार महत्वपूर्ण मानेगा.

ये भी पढ़ें-पायलट के स्वागत में विधानसभा के गेट पर पहुंचे गहलोत समर्थक MLA

दिल्ली में पायलट: विधानसभा में शुक्रवार को विधायकों से मुलाकात करने जयपुर पहुंचे सचिन पायलट से रात को भी कुछ विधायकों और ब्यूरोक्रेट्स ने मुलाकात की. हालांकि इनमें उनके कैंप में शामिल विधायक ही थे. बाकी विधायक अभी वेट एंड वॉच की स्थिति में है. सचिन शनिवार को दिल्ली में होंगे और सूत्रों की मानें तो अगली रणनीति वो दिल्ली में ही बनाते दिखेंगे.

Last Updated : Oct 1, 2022, 1:44 PM IST
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