जयपुर. प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर गरमाई राजनीति के बीच राज्य सरकार ने विश्नोई जाति को अन्य पिछड़ा वर्ग की केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को सिफारिश भेजी है. इससे पहले राज्य सरकार ने धौलपुर-भरतपुर के जाटों को ओबीसी में शामिल करने की सिफारिश भेजी हुई है.
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सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की 22 साल पुरानी रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय आयोग के सदस्य सचिव को चिट्ठी भेजी है. इसमें कहा है कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिश के आधार पर विश्नोई जाति सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक रूप से पिछड़ी हुई है और आयोग की सिफारिश के आधार पर 22 साल पहले प्रदेश में विश्नोई जाति को ओबीसी में शामिल कर लिया गया. इसी आधार पर विश्नोई जाति को अब ओबीसी की केंद्रीय सूची में शामिल करने की सिफारिश की गई है.
भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज के लिए भी लिखी थी चिट्ठी...
बता दें कि हाल ही में प्रदेश की गहलोत सरकार ने भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज को ओबीसी में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश की चिट्ठी लिखी थी. भरतपुर और धौलपुर के जाट समाज लंबे समय से अन्य जिलों की तर्ज पर जाट समाज को ओबीसी में शामिल करने की मांग कर रहे थे. भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के आंदोलन की चेतावनी के बीच सरकार ने उनकी मांग को मानते हुए पिछले दिनों केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी.
केंद्र से नहीं आया अभी तक कोई जवाब...
इसी तरह से विश्नोई समाज भी लंबे समय से विश्नोई जाति को ओबीसी में शामिल करने की मांग करता रहा था. उसी की मांग को देखते हुए सरकार ने केंद्र को पत्र लिखी है. हालांकि, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के सूत्रों की मानें तो भरतपुर-धौलपुर जाट समाज को ओबीसी में शामिल करने के बारे में केंद्र से अभी कोई जवाब नहीं आया है.