ETV Bharat / city

ऑनलाइन सट्टेबाजी पर लगेगी नकेल, गहलोत सरकार मानसून सत्र में लाएगी संशोधित पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस 2021

राजस्थान विधानसभा का मानसून सत्र 9 सितंबर से शुरू हो रहा है. जिसमें गहलोत सरकार संशोधित पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस 2021 को मानसून सत्र में लाने की तैयारी में है.

पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस 2021, Public Gambling Ordinance 2021
संशोधित पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस 2021
author img

By

Published : Aug 16, 2021, 4:54 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 10:47 PM IST

जयपुर. ऑनलाइन सट्टे पर नकेल कसने के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार संशोधित पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस 2021 इस मानसून सत्र में लाने की तैयारी कर रही है. 9 सितम्बर से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है.

पढ़ेंः खाकी का सियासी रंग, DGP एमएल लाठर ने कहा कि राजस्थान में 37 फीसदी महिला अपराध के दर्ज होते हैं झूठे मामले

कोरोना संक्रमण के बीच माना यह जा रहा है कि यह सत्र 5 से 6 दिन का ही होगा, लेकिन गहलोत सरकार इस संक्षिप्त सत्र में भी 11से 12 विधेयक लाने की संभावना में है. जिनमें संशोधित पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस 2021 और जवाबदेही कानून शामिल है.

राजस्‍थान की अशोक गहलोत सरकार जुआ और ऑनलाइन सट्टेबाजी को सामाजिक बुराई मानते हुए 9 सितम्बर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस-1949 के स्थान पर नया विधेयक ला रही है.

9 सितम्बर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस-1949 को संशोधित करते हुए पब्लिक गैंबलिंग विधेयक- 2021 ला रही है. जिसके जरिए ऑनलाइन जुआबाजी और सट्टे को रोकने के कठोर प्रावधान किए गए हैं. राज्य में ऑनलाइन जुआबाजी को पहली बार कानून अपराध माना गया है.

इसमे किस तरह के प्रावधान किए जाए इसको लेकर पिछले दिनों गृह विभाग प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार की अध्यक्षता में प्रदेश के सभी जिला अधीक्षक और आईजी रेंज के अधिकारियों से सुझाव लिए गए. इन सभी सुझाव के बाद इसे गृह विभाग के विधेयक को कैबिनेट ने सरकुलेशन के माध्यम से मंजूरी देगा.

विधेयक में जुआबाजी रोकने के लिए अलग-अलग धाराओं में सजा की अवधि और आर्थिक दंड में बढ़ोतरी के प्रावधान में किया गया है. जिसमे सूत्रों की माने तो सजा की अवधि जो अब तक 3 साल की थी. जिसमें जमानत का भी प्रावधान था. उसे बढ़ाकर 5 से 7 साल किया जा सकता है इसके साथ ही जुर्माना राशि 50 हजार से ऊपर की जाएगी.

ये सुझाव आए- गृह विभाग प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई. जिसमें यह सुझाव सामने आए कि ऑनलाइन सट्टेबाजी को लेकर जो मौजूदा वक्त में सजा का प्रावधान है, उसमें 3 साल से कम सजा का प्रावधान है. 3 साल की सजा तक आरोपी को जेल नहीं जाना पड़ता है और कोर्ट से जमानत मिल जाती है. ऐसे में सजा के प्रावधान को बढ़ाया जाए तो आरोपी को जेल की सलाखों के अंदर रहना पड़ेगा. जिससे ठगों में डर बनेगा.

विधेयक संशोधन की जरूरत- जैसे-जैसे सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ऑनलाइन ठगी के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. अब ऑनलाइन सट्टेबाजी को कानून अपराध मानते हुए इसे दंडनीय अपराध माना है.

पढ़ेंः राजस्थान में वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी का विशेष अभियान, 5 सप्ताह में 10 हजार से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार

इसमें किसी भी तरीके से ग्रुप बना के गेम खेलने या अन्य किसी जरिए से की जाने वाली सट्टेबाजी को कानूनन अपराध के रूप में शामिल किया गया है. राजस्थान की बात करें तो नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार हर दिन 10 से 12 मामले प्रदेश में ऑनलाइन सट्टेबाजी और ठगी के मामले सामने आ रहे हैं .

जयपुर. ऑनलाइन सट्टे पर नकेल कसने के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार संशोधित पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस 2021 इस मानसून सत्र में लाने की तैयारी कर रही है. 9 सितम्बर से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है.

पढ़ेंः खाकी का सियासी रंग, DGP एमएल लाठर ने कहा कि राजस्थान में 37 फीसदी महिला अपराध के दर्ज होते हैं झूठे मामले

कोरोना संक्रमण के बीच माना यह जा रहा है कि यह सत्र 5 से 6 दिन का ही होगा, लेकिन गहलोत सरकार इस संक्षिप्त सत्र में भी 11से 12 विधेयक लाने की संभावना में है. जिनमें संशोधित पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस 2021 और जवाबदेही कानून शामिल है.

राजस्‍थान की अशोक गहलोत सरकार जुआ और ऑनलाइन सट्टेबाजी को सामाजिक बुराई मानते हुए 9 सितम्बर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस-1949 के स्थान पर नया विधेयक ला रही है.

9 सितम्बर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पब्लिक गैंबलिंग ऑर्डिनेंस-1949 को संशोधित करते हुए पब्लिक गैंबलिंग विधेयक- 2021 ला रही है. जिसके जरिए ऑनलाइन जुआबाजी और सट्टे को रोकने के कठोर प्रावधान किए गए हैं. राज्य में ऑनलाइन जुआबाजी को पहली बार कानून अपराध माना गया है.

इसमे किस तरह के प्रावधान किए जाए इसको लेकर पिछले दिनों गृह विभाग प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार की अध्यक्षता में प्रदेश के सभी जिला अधीक्षक और आईजी रेंज के अधिकारियों से सुझाव लिए गए. इन सभी सुझाव के बाद इसे गृह विभाग के विधेयक को कैबिनेट ने सरकुलेशन के माध्यम से मंजूरी देगा.

विधेयक में जुआबाजी रोकने के लिए अलग-अलग धाराओं में सजा की अवधि और आर्थिक दंड में बढ़ोतरी के प्रावधान में किया गया है. जिसमे सूत्रों की माने तो सजा की अवधि जो अब तक 3 साल की थी. जिसमें जमानत का भी प्रावधान था. उसे बढ़ाकर 5 से 7 साल किया जा सकता है इसके साथ ही जुर्माना राशि 50 हजार से ऊपर की जाएगी.

ये सुझाव आए- गृह विभाग प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई. जिसमें यह सुझाव सामने आए कि ऑनलाइन सट्टेबाजी को लेकर जो मौजूदा वक्त में सजा का प्रावधान है, उसमें 3 साल से कम सजा का प्रावधान है. 3 साल की सजा तक आरोपी को जेल नहीं जाना पड़ता है और कोर्ट से जमानत मिल जाती है. ऐसे में सजा के प्रावधान को बढ़ाया जाए तो आरोपी को जेल की सलाखों के अंदर रहना पड़ेगा. जिससे ठगों में डर बनेगा.

विधेयक संशोधन की जरूरत- जैसे-जैसे सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ऑनलाइन ठगी के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. अब ऑनलाइन सट्टेबाजी को कानून अपराध मानते हुए इसे दंडनीय अपराध माना है.

पढ़ेंः राजस्थान में वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी का विशेष अभियान, 5 सप्ताह में 10 हजार से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार

इसमें किसी भी तरीके से ग्रुप बना के गेम खेलने या अन्य किसी जरिए से की जाने वाली सट्टेबाजी को कानूनन अपराध के रूप में शामिल किया गया है. राजस्थान की बात करें तो नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार हर दिन 10 से 12 मामले प्रदेश में ऑनलाइन सट्टेबाजी और ठगी के मामले सामने आ रहे हैं .

Last Updated : Aug 16, 2021, 10:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.