जयपुर. राज्यसभा चुनाव से कुछ घंटों पहले जयपुर के संभागीय आयुक्त की ओर से आमेर क्षेत्र में इंटरनेट बंद करने का आदेश निकालने के बाद राजनीतिक गलियारों में इसकी काफी चर्चा हो रही है. बाड़ेबंदी की राजनीति के दौरान सरकार की ओर से अपने ही मंत्रियों और विधायकों को नेटबंदी के भंवर में फंसाने को लेकर विपक्ष इस मुद्दे को भुनाने का पूरा प्रयास कर रही है. ताज्जुब की बात है न तो आज जयपुर में कोई परीक्षा है और न ही ऐसे कोई हालात उत्पन्न हुए हैं जिसके चलते नेट बंदी का कदम उठाना पड़े. लेकिन फिर भी आमेर क्षेत्र में की गई नोटबंदी अपने आप में कई तरह के सवाल खड़े कर रही है. वहीं, जयपुर के संभागीय आयुक्त की ओर से नेटबंदी का ऑर्डर निकाले जाने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक तंज कसते हुए ट्वीट किया कि 'पर्चा लीक होने के डर से आमेर में इंटरनेट बंद.'
प्रतिरक्षित व्यक्तियों के आवागमन का हवाला देकर बंद किया इंटरनेट- यदि बात जयपुर के संभागीय आयुक्त की ओर से गुरुवार रात निकाले गए इंटरनेट बंद के आदेश की करें तो आदेश में इस बात का हवाला दिया गया है कि आमेर क्षेत्र में प्रतिरक्षित व्यक्तियों का आवागमन व ठहराव है. विश्वस्त सूत्रों के द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार प्रतिरक्षित व्यक्तियों की सुरक्षा को गंभीर खतरा है, साथ ही ऐसी परिस्थिति में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है. जिसे देखते हुए आमेर के पूरे क्षेत्र में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया जाना अति आवश्यक है. जिसे देखते हुए शुक्रवार दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध जयपुर पुलिस कमिश्नर द्वारा किया गया है.
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सता रहा इंटरनेट कॉल के जरिए हॉर्स ट्रेडिंग का डर- पुलिस सूत्रों की मानें तो आमेर क्षेत्र में स्थित होटल लीला पैलेस में कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी की जा रही है. हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका को देखते हुए जांच एजेंसियों द्वारा फोन टेपिंग भी की जा रही है. ऐसे में विधायक और अन्य अधिकारी इस दौरान इंटरनेट कॉल के जरिए एक दूसरे से संपर्क कर रहे हैं. राज्यसभा चुनाव से कुछ घंटे पहले ही हॉर्स ट्रेडिंग की प्रबल संभावना को देखते हुए इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात सामने आ रही है.