जयपुर. सम्पूर्ण किसानों की कर्ज माफी को लेकर लगातार विपक्ष मुद्दा उठाती रहा है. इसी मुद्दे पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार ने बैंकों को एकमुश्त ऋण माफी योजना का प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव को क्रियान्वित कर राष्ट्रीयकृत बैंक किसानों की कर्ज माफी में राज्य सरकार का सहयोग करें.
सीएम गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति यानी एसएलबीसी की 151वीं बैठक और नाबार्ड की राजस्थान राज्य स्तरीय ऋण संगोष्ठी 2022-23 को से जुड़े. उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की ओर से हाल ही लाई गई एकमुश्त ऋण माफी योजना (onetime loan waiver for farmers) में एनपीए में वर्गीकृत कृषि ऋणों की माफी की गई है. जिसमें 90 प्रतिशत ऋण बैंक ने माफ किया है जबकि शेष 10 प्रतिशत कृषक ने दिया है.
इसी योजना की तर्ज पर अन्य बैंक भी योजना लाकर गरीब किसानों को राहत दें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसमें कृषक के हिस्से की 10 प्रतिशत राशि देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और बैंकों का मकसद किसानों को राहत देना है. आमजन को राहत देने और विकास की गति को बनाए रखने के लिए पिछले तीन साल में राज्य सरकार की और से कई प्रयास किए गए हैं. सरकार बनते ही सबसे पहले हमने किसानों के ऋण माफी के आदेश जारी कर अब तक 14 हजार करोड़ का सहकारी बैंकों का कर्ज माफ किया. इसमें पिछली सरकार का भी 6 हजार करोड़ का कर्ज शामिल है. राज्य सरकार की घोषणा के अनुसार 30 नवम्बर, 2018 को एनपीए घोषित राष्ट्रीयकृत बैंकों के कृषक खातों के कर्ज माफ किए जाने शेष हैं.
गहलोत ने कहा कि कोरोना काल के आर्थिक संकट में ग्रामीण क्षेत्र में नरेगा योजना ने लोगों को काफी संबल दिया. शहरी क्षेत्र में ऐसी योजना नहीं होने के कारण राज्य सरकार युवाओं को संबल देने के लिए ‘इन्दिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना’ लेकर आई. योजना के तहत युवाओं को रोजगार/स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए 50 हजार रुपए का ऋण बिना ब्याज का उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस योजना के साथ ही इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, स्वयं सहायता समूहों और अन्य योजनाओं से जुड़े लोगों को ऋण उपलब्ध कराने में बैंक आगे आकर सहयोग करें.
मुख्यमंत्री ने नाबार्ड के वर्ष 2022-23 के स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया. उन्होंने कहा कि नाबार्ड ने इसमें प्राथमिकता क्षेत्रों के लिए संभावित ऋण का आकलन 2.50 लाख करोड़ का किया है, जो पिछले वर्ष के संभावित आकलन की तुलना में 7.3 प्रतिषत अधिक है. गहलोत ने कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में रिजर्व बैंक और अन्य प्रमुख राष्ट्रीयकृत बैंकों के प्रतिनिधियों की ओर से जो महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं उन्हें क्रियान्वित करने का पूरा प्रयास किया जाएगा.
कार्यक्रम में इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, इंदिरा गांधी शहरी क्रेडिट कार्ड योजना, स्वयं सहायता समूह और अन्य योजनाओं में लाभार्थियों को चैक वितरित किए गए. तिब्बती शरणार्थियों को खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण के चैक भी दिए.