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गहलोत सरकार ने दिया किसानों को दीवाली का तोहफा, वीसीआर सहित 4 बड़ी घोषणाएं

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Published : Sep 26, 2020, 1:33 AM IST

प्रदेश की गहलोत सरकार ने किसानों के लिए 4 घोषणाएं की हैं. पहले जहां वीसीआर की राशि का 70 प्रतिशत जमा कराने पर समझौता समिति में मामला दर्ज होता था. अब केवल 20 प्रतिशत राशि जमा करने से ही समझौता समिति में मामला दर्ज हो जाएगा. इसके साथ कोरोना काल में बिजली बिल नहीं भरने वाले किसानों को विलंब शुल्क से छूट और कृषि कनेक्शनों के संबंध में घोषणाएं की हैं.

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गहलोत सरकार ने दिया किसानों को दीवाली का तोहफा

जयपुर. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए दीवाली से पहले राहत का बड़ा पिटारा खोल दिया है. केन्द्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध के बीच में सूबे की गहलोत सरकार की ओर हुई किसानों को राहत देने वाली चार बड़ी घोषणाओं के जरिए प्रदेश कांग्रेस ने सियासी तौर पर मास्टर स्ट्रोक लगा दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

  • आज जनघोषणा पत्र क्रियान्वयन कमेटी की बैठक @tamradhwajsahu0 जी की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें पंजाब सांसद अमर सिंह जी, मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी और सभी मंत्रीगण शामिल रहे। कमेटी ने सरकार के जनघोषणा पत्र पर राज्य सरकार की प्रगति को लेकर संतोष व्यक्त किया।@ajaymaken pic.twitter.com/1iLUHtYU5p

    — Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) September 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: बिहार में कांग्रेस गठबंधन को जिताएगी जनता, देगी 'जो किसान का नहीं वह किसी काम का नहीं' का संदेशः सुरजेवाला

डोटासरा ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार किसान विरोधी बिल लाकर किसानों के ईमान को गिरवी रखना चाहती है. दूसरी तरफ किसानों की हितेषी कांग्रेस सरकार ने एक साथ चार बड़े फैसले लेकर केन्द्र सरकार को आइना दिखाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो कहती है वह निश्चित समय में करके भी दिखाती है. कांग्रेस सरकार ने किसानों की सबसे बड़ी मांग वीसीआर के मामले में 70 फीसदी राशि जमा कराने पर ही समझौता समिति में प्रकरण दर्ज होने की अनिवार्यता को हटा दिया है. अब प्रदेश के किसान महज 20 फीसदी राशि जमा कराकर अपने बिजली चोरी के मामले को समझौता समिति में ले जा सकेंगे. इसके अलावा कृषि कनेक्शन, स्वैच्छिक भार वृद्धि और कोरोनाकाल में विलंब शुल्क की छूट सहित अन्य फैसले लिए हैं. डोटासरा ने बताया कि सभी फैसले प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में लागू होंगे.

  • विद्युत चोरी के प्रकरणों के निस्तारण के संदर्भ में,वर्ष 20-21 में कृषि कनेक्शन जारी करने के संदर्भ में,कृषि उपभोक्ताओं के लिए विलंब भुगतान शुल्क माफी योजना,कृषि कनेक्शन के अनाधिकृत बढ़े हुए भार की स्वैच्छिक भार वृध्दि घोषणा योजना लागू करने के संदर्भ में राज्य सरकार के 4बड़े फैसले pic.twitter.com/2i7RZlE1Tf

    — Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) September 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गहलोत सरकार ने कौनसे बड़े फैसले लिए?

वीसीआर मामले में अब नहीं जमा करानी होगी 70 फीसदी राशि

प्रदेश के किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या वीसीआर के मामलों को समझौता समिति में लेकर जाने की आ रही थी. बिजली कंपनियों ने समझौता समिति में मामले को लेकर जाने पर वीसीआर की कुल राशि का 70 फीसदी जमा कराना अनिवार्य कर दिया था. लेकिन अब सरकार ने महज 20 फीसदी राशि जमा कराने पर ही समझौता समिति में ही मामला दर्ज कर लिया जाएगा. यह राशि भी किसान सहायक अभियंता कार्यालय में जमा करा सकता है. बिजली कंपनियों को सरकार ने दस दिन में बिजली चोरी के प्रकरणों का समाधान करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा किसान यदि 50 फीसदी राशि एकमुश्त जमा कराता है तो वीसीआर के मामले का पूरी तरह निपटारा कर दिया जाएगा.

विलंब शुल्क में छूट

राज्य सरकार ने कोरोना काल में बिल जमा नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं को राहत दी है. ऐसे उपभोक्ता जिनका मासिक उपभोग 50 यूनिट तक है और उन्होंने बिल जमा नहीं कराया तो उनको विलंब शुल्क की छूट मिलेगी. यह आदेश प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में 31 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा.

दिसम्बर तक स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना

प्रदेश के ऐसे किसान जो कोरोना की वजह से अपने कृषि कनेक्शनों का लोड नहीं बढ़वा सके, उनको भी कांग्रेस सरकार ने बड़ी राहत है. पहले यह योजना मार्च 2020 तक थी. सरकार ने अब योजना 31 दिसम्बर 2020 तक बढ़ा दी है. इस योजना से भी प्रदेश के हजारों किसानों को फायदा मिलेगा.

50 हजार किसानों को कृषि कनेक्शन

प्रदेश के 50 हजार किसानों को इस साल कृषि कनेक्शन देने का सरकार ने लक्ष्य रखा है. इसके तहत प्रदेश के किसानों को कनेक्शन इसी वित्तीय वर्ष में जारी किए जाएंगे. किसानों के लिए यह भी बड़ी घोषणा है. किसानों को डिमांड नोटिस कृषि कनेक्शन नीति 2017 के तहत जारी किए.

जयपुर. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किसानों के लिए दीवाली से पहले राहत का बड़ा पिटारा खोल दिया है. केन्द्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध के बीच में सूबे की गहलोत सरकार की ओर हुई किसानों को राहत देने वाली चार बड़ी घोषणाओं के जरिए प्रदेश कांग्रेस ने सियासी तौर पर मास्टर स्ट्रोक लगा दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

  • आज जनघोषणा पत्र क्रियान्वयन कमेटी की बैठक @tamradhwajsahu0 जी की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें पंजाब सांसद अमर सिंह जी, मुख्यमंत्री @ashokgehlot51 जी और सभी मंत्रीगण शामिल रहे। कमेटी ने सरकार के जनघोषणा पत्र पर राज्य सरकार की प्रगति को लेकर संतोष व्यक्त किया।@ajaymaken pic.twitter.com/1iLUHtYU5p

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पढ़ें: बिहार में कांग्रेस गठबंधन को जिताएगी जनता, देगी 'जो किसान का नहीं वह किसी काम का नहीं' का संदेशः सुरजेवाला

डोटासरा ने कहा कि एक तरफ मोदी सरकार किसान विरोधी बिल लाकर किसानों के ईमान को गिरवी रखना चाहती है. दूसरी तरफ किसानों की हितेषी कांग्रेस सरकार ने एक साथ चार बड़े फैसले लेकर केन्द्र सरकार को आइना दिखाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जो कहती है वह निश्चित समय में करके भी दिखाती है. कांग्रेस सरकार ने किसानों की सबसे बड़ी मांग वीसीआर के मामले में 70 फीसदी राशि जमा कराने पर ही समझौता समिति में प्रकरण दर्ज होने की अनिवार्यता को हटा दिया है. अब प्रदेश के किसान महज 20 फीसदी राशि जमा कराकर अपने बिजली चोरी के मामले को समझौता समिति में ले जा सकेंगे. इसके अलावा कृषि कनेक्शन, स्वैच्छिक भार वृद्धि और कोरोनाकाल में विलंब शुल्क की छूट सहित अन्य फैसले लिए हैं. डोटासरा ने बताया कि सभी फैसले प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में लागू होंगे.

  • विद्युत चोरी के प्रकरणों के निस्तारण के संदर्भ में,वर्ष 20-21 में कृषि कनेक्शन जारी करने के संदर्भ में,कृषि उपभोक्ताओं के लिए विलंब भुगतान शुल्क माफी योजना,कृषि कनेक्शन के अनाधिकृत बढ़े हुए भार की स्वैच्छिक भार वृध्दि घोषणा योजना लागू करने के संदर्भ में राज्य सरकार के 4बड़े फैसले pic.twitter.com/2i7RZlE1Tf

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गहलोत सरकार ने कौनसे बड़े फैसले लिए?

वीसीआर मामले में अब नहीं जमा करानी होगी 70 फीसदी राशि

प्रदेश के किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या वीसीआर के मामलों को समझौता समिति में लेकर जाने की आ रही थी. बिजली कंपनियों ने समझौता समिति में मामले को लेकर जाने पर वीसीआर की कुल राशि का 70 फीसदी जमा कराना अनिवार्य कर दिया था. लेकिन अब सरकार ने महज 20 फीसदी राशि जमा कराने पर ही समझौता समिति में ही मामला दर्ज कर लिया जाएगा. यह राशि भी किसान सहायक अभियंता कार्यालय में जमा करा सकता है. बिजली कंपनियों को सरकार ने दस दिन में बिजली चोरी के प्रकरणों का समाधान करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा किसान यदि 50 फीसदी राशि एकमुश्त जमा कराता है तो वीसीआर के मामले का पूरी तरह निपटारा कर दिया जाएगा.

विलंब शुल्क में छूट

राज्य सरकार ने कोरोना काल में बिल जमा नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं को राहत दी है. ऐसे उपभोक्ता जिनका मासिक उपभोग 50 यूनिट तक है और उन्होंने बिल जमा नहीं कराया तो उनको विलंब शुल्क की छूट मिलेगी. यह आदेश प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों में 31 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा.

दिसम्बर तक स्वैच्छिक भार वृद्धि योजना

प्रदेश के ऐसे किसान जो कोरोना की वजह से अपने कृषि कनेक्शनों का लोड नहीं बढ़वा सके, उनको भी कांग्रेस सरकार ने बड़ी राहत है. पहले यह योजना मार्च 2020 तक थी. सरकार ने अब योजना 31 दिसम्बर 2020 तक बढ़ा दी है. इस योजना से भी प्रदेश के हजारों किसानों को फायदा मिलेगा.

50 हजार किसानों को कृषि कनेक्शन

प्रदेश के 50 हजार किसानों को इस साल कृषि कनेक्शन देने का सरकार ने लक्ष्य रखा है. इसके तहत प्रदेश के किसानों को कनेक्शन इसी वित्तीय वर्ष में जारी किए जाएंगे. किसानों के लिए यह भी बड़ी घोषणा है. किसानों को डिमांड नोटिस कृषि कनेक्शन नीति 2017 के तहत जारी किए.

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