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SC-ST के विकास कार्यों के लिए अब गारंटी कानून लाने की तैयारी में गहलोत सरकार...60 फीसदी वोट बैंक पर नजर

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Published : Jan 28, 2022, 7:48 PM IST

Updated : Jan 28, 2022, 10:02 PM IST

कैबिनेट में 30 फीसदी एससी-एसटी मंत्रियों के बाद अब गहलोत सरकार इसी सत्र में एससी-एसटी विकास की गारंटी का कानून (guarantee law for SC ST developement works) लाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस विकास कार्यों का गारंटी कानून लाकर प्रदेश के करीब 60 फीसदी वोट बैंक पर सीधी पकड़ बनाना चाहती है.

guarantee law for SC ST developement works
गारंटी कानून लाने की तैयारी में गहलोत सरकार

जयपुर. राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जहां गहलोत मंत्रिमंडल में पहली बार 4 एससी कैबिनेट मंत्री और 5 एसटी तबके के मंत्री बनाकर 30 फीसदी हिस्सेदारी एससी-एसटी वर्ग को दी गई है. वहीं अब गहलोत सरकार इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए एससी-एसटी के विकास के कामों के लिए गारंटी कानून (guarantee law for SC ST developement works) लाने की तैयारी कर रही है.

खास बात यह है की इसी बजट सत्र में यह विधेयक राजस्थान विधानसभा (guarantee law in this Budget session) में रख दिया जाएगा. जिसके पास होने के बाद मनरेगा की तर्ज पर एससी- एसटी के विकास की योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए प्रशासनिक मशीनरी की जवाबदेही तय होगी.

गारंटी कानून लाने की तैयारी में गहलोत सरकार

पढ़ें. कानून व्यवस्था की समीक्षा दूसरा दिन: हर पीड़ित को शीघ्र न्याय मिले, प्रो-एक्टिव पुलिसिंग से अपराध पर कसें लगाम- मुख्यमंत्री गहलोत

दरअसल 2011 की जनगणना को देखा जाए तो अनुसूचित जाति की जनसंख्या करीब 17.83 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की संख्या 13.48 फीसदी है. अब इस 32 फीसदी जनसंख्या जिसे कांग्रेस अपना परंपरागत वोट बैंक मानती है. इसे साधने का यह प्रयास है.

खास बात यह है की SC-ST ही नहीं बल्कि इस कानून के जरिए मुस्लिम और ओबीसी तबके को भी साधने का प्रयास किया जाएगा. इस कानून में एससी- एसटी के साथ ही मुस्लिमों और ओबीसी के लिए विकास के कामों की गारंटी के कानून के रूप में यह विधेयक पेश होगा. ऐसे में साफ है की राजस्थान की गहलोत सरकार अब अपने परंपरागत वोट बैंक को पूरी तरीके से कांग्रेस के साथ फिक्स करने में जुट गई है. एससी- एसटी के साथ ही माइनॉरिटी और ओबीसी के लिए विकास कार्यों का गारंटी कानून लाकर वह प्रदेश के करीब 60 फ़ीसदी वोट बैंक पर सीधी पकड़ बनाना चाहती है.

पढ़ें. कांग्रेस सरकार ने किए किसानों के कर्ज माफ, किसानों के जमीन की कुर्की केंद्र के अधीन बैंक निकालती है: गहलोत

दिए थे सुझाव
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के एससी-एसटी और माइनॉरिटी विभागों के इंचार्ज के राजू गुरुवार को जयपुर पहुंचे थे. उन्होंने ऑनलाइन सदस्यता अभियान को लेकर बैठक की. लेकिन इस बैठक में उन्होंने एससी -एसटी ,माइनॉरिटी और ओबीसी विभागों के अध्यक्षों को भी बुलाया था. इस बैठक के जरिए के राजू ने यह सुझाव संगठन के अध्यक्षों से लेकर मुख्यमंत्री को दिए हैं जो इन नेताओं को लगता है कि विधेयक में शामिल होने चाहिए. के राजू ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर संगठन के सुझाव भी मुख्यमंत्री को दे दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जहां गहलोत मंत्रिमंडल में पहली बार 4 एससी कैबिनेट मंत्री और 5 एसटी तबके के मंत्री बनाकर 30 फीसदी हिस्सेदारी एससी-एसटी वर्ग को दी गई है. वहीं अब गहलोत सरकार इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए एससी-एसटी के विकास के कामों के लिए गारंटी कानून (guarantee law for SC ST developement works) लाने की तैयारी कर रही है.

खास बात यह है की इसी बजट सत्र में यह विधेयक राजस्थान विधानसभा (guarantee law in this Budget session) में रख दिया जाएगा. जिसके पास होने के बाद मनरेगा की तर्ज पर एससी- एसटी के विकास की योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए प्रशासनिक मशीनरी की जवाबदेही तय होगी.

गारंटी कानून लाने की तैयारी में गहलोत सरकार

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दरअसल 2011 की जनगणना को देखा जाए तो अनुसूचित जाति की जनसंख्या करीब 17.83 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की संख्या 13.48 फीसदी है. अब इस 32 फीसदी जनसंख्या जिसे कांग्रेस अपना परंपरागत वोट बैंक मानती है. इसे साधने का यह प्रयास है.

खास बात यह है की SC-ST ही नहीं बल्कि इस कानून के जरिए मुस्लिम और ओबीसी तबके को भी साधने का प्रयास किया जाएगा. इस कानून में एससी- एसटी के साथ ही मुस्लिमों और ओबीसी के लिए विकास के कामों की गारंटी के कानून के रूप में यह विधेयक पेश होगा. ऐसे में साफ है की राजस्थान की गहलोत सरकार अब अपने परंपरागत वोट बैंक को पूरी तरीके से कांग्रेस के साथ फिक्स करने में जुट गई है. एससी- एसटी के साथ ही माइनॉरिटी और ओबीसी के लिए विकास कार्यों का गारंटी कानून लाकर वह प्रदेश के करीब 60 फ़ीसदी वोट बैंक पर सीधी पकड़ बनाना चाहती है.

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दिए थे सुझाव
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के एससी-एसटी और माइनॉरिटी विभागों के इंचार्ज के राजू गुरुवार को जयपुर पहुंचे थे. उन्होंने ऑनलाइन सदस्यता अभियान को लेकर बैठक की. लेकिन इस बैठक में उन्होंने एससी -एसटी ,माइनॉरिटी और ओबीसी विभागों के अध्यक्षों को भी बुलाया था. इस बैठक के जरिए के राजू ने यह सुझाव संगठन के अध्यक्षों से लेकर मुख्यमंत्री को दिए हैं जो इन नेताओं को लगता है कि विधेयक में शामिल होने चाहिए. के राजू ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर संगठन के सुझाव भी मुख्यमंत्री को दे दिए हैं.

Last Updated : Jan 28, 2022, 10:02 PM IST

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