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न वसुंधरा को पसंद आया और न ही गहलोत के मन को भाया अगस्ता का रास्ता, अब नीलामी में भी नाकामी

गहलोत सरकार 2005 में भाजपा सरकार के समय 30 करोड़ रुपए में खरीदे गए अगस्ता हेलीकॉप्टर को महज 4.5 करोड़ रुपए में बेचने को तैयार है. लेकिन फिर भी इस हेलीकॉप्टर को कोई खरीददार नहीं मिल रहा. हेलीकॉप्टर से यात्रा करते हुए वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत दोनों बाल-बाल बचे थे. जिसके बाद से इसकी सेवाएं लेना बंद कर दिया गया.

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मुख्यमंत्रियों के लिए असुरक्षित कहे जाने वाले अगस्ता हेलीकॉप्टर को नहीं मिल रहे खरीददार
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Published : Mar 18, 2021, 4:00 PM IST

Updated : Mar 18, 2021, 5:28 PM IST

जयपुर. दो मुख्यमंत्रियों को यात्रा कराने वाले अगस्ता हेलीकॉप्टर गहलोत सरकार के लिए 'सफेद हाथी' बन गया है. 2005 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे ने हेलिकॉप्टर को 30 करोड़ रुपये में खरीदा, उसे अब गहलोत सरकार साढ़े 4 करोड़ में बेचने को तैयार है. लेकिन कोई खरीददार नहीं मिल रहा है. सरकार की ओर से 11 बार इस अगस्ता हेलीकॉप्टर को बेचने के रेट में कटौती करते हुए नीलाम किया फिर भी खरीददार नहीं मिला. 3 मार्च को आयोजित नीलामी में भी किसी ने हेलीकॉप्टर खरीदने में इंटरेस्ट नहीं दिखाया.

अगस्ता हेलीकॉप्टर बना सरकार के गले की फांस

पढ़ें: फिल्म तेजस की शूटिंग करने चूरू पहुंची कंगना को किसानों ने दिखाए काले झंडे

राजस्थान के दो-दो मुख्यमंत्रियों पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देश के विभिन्न भागों में यात्रा कराने वाले हेलीकॉप्टर को खरीदने के लिए सेवा प्रदाता कंपनियों ने कोई रुचि नहीं दिखाई. 3 मार्च को सांगानेर एयरपोर्ट पर वीआईपी स्टेट हैंगर में खड़े इस हेलीकॉप्टर की एसेसरीज के साथ मौके पर ही नीलामी आयोजित हुई. लेकिन किसी ने हेलीकॉप्टर पर दांव नहीं खेला. इससे पहले 2 फरवरी को भी नीलामी हुई थी.

राजस्थान सरकार ने 2005 में अगस्ता हेलिकॉप्टर को 30 करोड़ रुपये में खरीदा था. अब सरकार 4.5 करोड़ रुपए में बेचने को तैयार है लेकिन कोई खरीददार नहीं मिल रहा है. 7 साल पहले इस हेलीकॉप्टर के 18 करोड़ रुपये मिल रहे थे, लेकिन इसे बेचा नहीं गया. मुख्यमंत्री की उड़ान के समय पंखे की ब्लेड टूटने के बाद 7 साल से ग्राउंड पर हेलीकॉप्टर खड़ा है. सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से पावर हेलीकॉप्टर ए 109 ई खरीदा था. पिछले 7 सालों में इसे 11 बार बेचने का प्रयास किया जा चुका है.

अगस्ता हेलीकॉप्टर का विवादों से नाता

सरकार ने जब 2005 में इसे खरीदा था, तब से यह लगातार विवादों में रहा. कभी सीएम की यात्रा के दौरान पंखे की ब्लेड उखड़ने को लेकर, तो कभी खरीद और मेंटेनेंस में घोटाले के आरोप लगते रहे. सरकार ने हेलीकॉप्टर को बेचने के लिए इसकी रिजर्व प्राइस मात्र साढे 4 करोड़ रुपये रखी है.

अगस्ता हेलीकॉप्टर से जुड़ी अहम जानकारी

  • अगस्ता A109E पावर हेलीकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी (अब लियोनार्दो) का बनाया हुआ है
  • 2005 में राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने इसे 30 करोड़ रुपए में खरीदा था
  • इसका रजिस्ट्रेशन नंबर VT-RAJ और सीरियल नंबर 11635 है
  • अब तक हेलीकॉप्टर 1521 घंटे की उड़ान भर चुका है
  • डबल इंजन के इस हेलीकॉप्टर में 2 क्रू मेंबर और 5 पैसेंजर बैठ सकते हैं
  • इस वीआईपी हेलीकॉप्टर में पैसेंजर एरिया को साउंडप्रूफ भी किया जा सकता है
  • पीछे वाली वीआईपी सीटें बहुत ही आरामदायक सोफे जैसी हैं

मुख्यमंत्रियों के लिए असुरक्षित है अगस्ता!

16 साल में 30 करोड़ का हेलीकॉप्टर 4.50 करोड़ में सरकार बेचने को तैयार है. 25 करोड़ से अधिक घाटे का यह सौदा चर्चा में है. इस हेलीकॉप्टर को मुख्यमंत्रियों के लिए असुरक्षित माना जाता है. एक बार जब वसुंधरा राजे के इस हेलीकॉप्टर में सवार होकर जा रही थी तो मध्य प्रदेश के अंकलेश्वर में इसका ऑटो पायलट फेल हो गया था. तब इसकी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. 20 नवंबर 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जब इस हेलीकॉप्टर में सवार होकर जा रहे थे तो पिलानी के पास इसका एक ब्लेड का टिप उखड़ गया था. जिससे हेलीकॉप्टर का संतुलन बिगड़ गया और इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी.

जयपुर. दो मुख्यमंत्रियों को यात्रा कराने वाले अगस्ता हेलीकॉप्टर गहलोत सरकार के लिए 'सफेद हाथी' बन गया है. 2005 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे ने हेलिकॉप्टर को 30 करोड़ रुपये में खरीदा, उसे अब गहलोत सरकार साढ़े 4 करोड़ में बेचने को तैयार है. लेकिन कोई खरीददार नहीं मिल रहा है. सरकार की ओर से 11 बार इस अगस्ता हेलीकॉप्टर को बेचने के रेट में कटौती करते हुए नीलाम किया फिर भी खरीददार नहीं मिला. 3 मार्च को आयोजित नीलामी में भी किसी ने हेलीकॉप्टर खरीदने में इंटरेस्ट नहीं दिखाया.

अगस्ता हेलीकॉप्टर बना सरकार के गले की फांस

पढ़ें: फिल्म तेजस की शूटिंग करने चूरू पहुंची कंगना को किसानों ने दिखाए काले झंडे

राजस्थान के दो-दो मुख्यमंत्रियों पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देश के विभिन्न भागों में यात्रा कराने वाले हेलीकॉप्टर को खरीदने के लिए सेवा प्रदाता कंपनियों ने कोई रुचि नहीं दिखाई. 3 मार्च को सांगानेर एयरपोर्ट पर वीआईपी स्टेट हैंगर में खड़े इस हेलीकॉप्टर की एसेसरीज के साथ मौके पर ही नीलामी आयोजित हुई. लेकिन किसी ने हेलीकॉप्टर पर दांव नहीं खेला. इससे पहले 2 फरवरी को भी नीलामी हुई थी.

राजस्थान सरकार ने 2005 में अगस्ता हेलिकॉप्टर को 30 करोड़ रुपये में खरीदा था. अब सरकार 4.5 करोड़ रुपए में बेचने को तैयार है लेकिन कोई खरीददार नहीं मिल रहा है. 7 साल पहले इस हेलीकॉप्टर के 18 करोड़ रुपये मिल रहे थे, लेकिन इसे बेचा नहीं गया. मुख्यमंत्री की उड़ान के समय पंखे की ब्लेड टूटने के बाद 7 साल से ग्राउंड पर हेलीकॉप्टर खड़ा है. सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से पावर हेलीकॉप्टर ए 109 ई खरीदा था. पिछले 7 सालों में इसे 11 बार बेचने का प्रयास किया जा चुका है.

अगस्ता हेलीकॉप्टर का विवादों से नाता

सरकार ने जब 2005 में इसे खरीदा था, तब से यह लगातार विवादों में रहा. कभी सीएम की यात्रा के दौरान पंखे की ब्लेड उखड़ने को लेकर, तो कभी खरीद और मेंटेनेंस में घोटाले के आरोप लगते रहे. सरकार ने हेलीकॉप्टर को बेचने के लिए इसकी रिजर्व प्राइस मात्र साढे 4 करोड़ रुपये रखी है.

अगस्ता हेलीकॉप्टर से जुड़ी अहम जानकारी

  • अगस्ता A109E पावर हेलीकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी (अब लियोनार्दो) का बनाया हुआ है
  • 2005 में राजस्थान की वसुंधरा सरकार ने इसे 30 करोड़ रुपए में खरीदा था
  • इसका रजिस्ट्रेशन नंबर VT-RAJ और सीरियल नंबर 11635 है
  • अब तक हेलीकॉप्टर 1521 घंटे की उड़ान भर चुका है
  • डबल इंजन के इस हेलीकॉप्टर में 2 क्रू मेंबर और 5 पैसेंजर बैठ सकते हैं
  • इस वीआईपी हेलीकॉप्टर में पैसेंजर एरिया को साउंडप्रूफ भी किया जा सकता है
  • पीछे वाली वीआईपी सीटें बहुत ही आरामदायक सोफे जैसी हैं

मुख्यमंत्रियों के लिए असुरक्षित है अगस्ता!

16 साल में 30 करोड़ का हेलीकॉप्टर 4.50 करोड़ में सरकार बेचने को तैयार है. 25 करोड़ से अधिक घाटे का यह सौदा चर्चा में है. इस हेलीकॉप्टर को मुख्यमंत्रियों के लिए असुरक्षित माना जाता है. एक बार जब वसुंधरा राजे के इस हेलीकॉप्टर में सवार होकर जा रही थी तो मध्य प्रदेश के अंकलेश्वर में इसका ऑटो पायलट फेल हो गया था. तब इसकी इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. 20 नवंबर 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जब इस हेलीकॉप्टर में सवार होकर जा रहे थे तो पिलानी के पास इसका एक ब्लेड का टिप उखड़ गया था. जिससे हेलीकॉप्टर का संतुलन बिगड़ गया और इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी.

Last Updated : Mar 18, 2021, 5:28 PM IST
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