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सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान होगा सिरमौर, गहलोत सरकार ने बनाया साल 2024-25 तक 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य - Jaipur News

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में राजस्थान को सिरमौर बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने के निर्देश दिए हैं. गहलोत ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को गति देने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 और सोलर-विंड हाईब्रिड ऊर्जा नीति-2019 लागू की है. इससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और मेगा सोलर पार्क परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिला है.

अशोक गहलोत, Rajasthan Politics
अशोक गहलोत
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Published : Jul 2, 2021, 10:05 PM IST

जयपुर. प्रदेश में एक बार फिर गहलोत सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ाव देने की योजना बना रही है. सरकार वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगी.

'ऊर्जा नीति- 2019 से परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा'

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में राजस्थान को सिरमौर बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने के निर्देश दिए. गहलोत ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को गति देने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 और सोलर-विंड हाईब्रिड ऊर्जा नीति-2019 लागू की है. इससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और मेगा सोलर पार्क परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिला है.

'साल 2024-25 तक लक्ष्य पूरा करने का प्रयास'

सीएम गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की समीक्षा बैठक ली. उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड और हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल हैं और यहां वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं.

यह भी पढ़ेंः कोरोना पीक गुजरने के बाद ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने पर भड़की BJP, कहा-आपदा में फायदा ढूंढ रही गहलोत सरकार

'राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता'

गहलोत ने कहा कि राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता है. हमें इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में नई सोच और तकनीक के साथ काम करना होगा. इससे न केवल प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा हब बन सकेगा, बल्कि इससे रोजगार के बड़े अवसरों का सृजन भी संभव होगा.

'ऊर्जा उत्पानद में निवेश को प्रोत्साहित किया'

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी भूमि डीएलसी दरों पर आवंटित करने, 10 वर्ष तक परियोजना के लिए विद्युत शुल्क में पूर्ण छूट देने, सौर ऊर्जा उपकरण निर्माताओं को स्टाम्प शुल्क में छूट और राज्य जीएसटी में 90 प्रतिशत तक निवेश अनुदान देने जैसे महत्वपूर्ण फैसले किए हैं.

'सौर या पवन ऊर्जा परियोजना के लिए कई प्रकार के छूट दिए'

साथ ही, निजी कृषि भूमि पर सौर अथवा पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित करने पर भू-रूपान्तरण की अनिवार्यता समाप्त करने और भूमि खरीद के लिए सीलिंग लिमिट में छूट का प्रावधान भी किया है. इन नीतियों और योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए.

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'राज्य में 1.5 लाख करोड़ निवेश होने की संभावना'

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने प्रदेश में कुछ बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं को कस्टमाइज पैकेज स्वीकृत किया है. इससे राज्य में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है. विभाग अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी बजट और अन्य घोषणाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास करें.

कुसुम योजना के क्रियान्वयन की बाधाओं को दूर किया जाए

गहलोत ने कहा कि कुसुम योजना के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से समन्वय किया जाए, ताकि अपनी भूमि में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के इच्छुक किसानों को कम ब्याज दर पर बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के वित्तीय संस्थाओं से ऋण मिल सके.

सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता में राजस्थान का देश में दूसरा स्थान

प्रदेश में अक्षय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 11 हजार 117 मेगावाट तक पहुंच गई है. सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता में राजस्थान का देश में दूसरा स्थान है. जोधपुर के भडला में 2245 मेगावाट क्षमता का विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क स्थापित किया गया है.

यह भी पढ़ेंः रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी पर CM गहलोत का तीखा हमला, कहा- सिलेंडर इतना महंगा कि महिलाएं चूल्हे पर खाना पकाने को मजबूर

दिसम्बर 2018 से मई 2021 तक करीब 49 हजार मेगावाट की नई अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का पंजीकरण किया गया है और बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट की ओर से 34 हजार 200 मेगावाट की परियोजनाओं को कस्टमाइज पैकेज दिया गया है.

'30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य समय से होगा पूरा'

वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड और हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा करने के लक्ष्य के साथ देश में पहले पायदान पर पहुंचना है.

जयपुर. प्रदेश में एक बार फिर गहलोत सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ाव देने की योजना बना रही है. सरकार वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगी.

'ऊर्जा नीति- 2019 से परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा'

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में राजस्थान को सिरमौर बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने के निर्देश दिए. गहलोत ने कहा कि अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को गति देने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 और सोलर-विंड हाईब्रिड ऊर्जा नीति-2019 लागू की है. इससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और मेगा सोलर पार्क परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिला है.

'साल 2024-25 तक लक्ष्य पूरा करने का प्रयास'

सीएम गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम की समीक्षा बैठक ली. उन्होंने कहा कि वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड और हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल हैं और यहां वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं.

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'राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता'

गहलोत ने कहा कि राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता है. हमें इस लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में नई सोच और तकनीक के साथ काम करना होगा. इससे न केवल प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा हब बन सकेगा, बल्कि इससे रोजगार के बड़े अवसरों का सृजन भी संभव होगा.

'ऊर्जा उत्पानद में निवेश को प्रोत्साहित किया'

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी भूमि डीएलसी दरों पर आवंटित करने, 10 वर्ष तक परियोजना के लिए विद्युत शुल्क में पूर्ण छूट देने, सौर ऊर्जा उपकरण निर्माताओं को स्टाम्प शुल्क में छूट और राज्य जीएसटी में 90 प्रतिशत तक निवेश अनुदान देने जैसे महत्वपूर्ण फैसले किए हैं.

'सौर या पवन ऊर्जा परियोजना के लिए कई प्रकार के छूट दिए'

साथ ही, निजी कृषि भूमि पर सौर अथवा पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित करने पर भू-रूपान्तरण की अनिवार्यता समाप्त करने और भूमि खरीद के लिए सीलिंग लिमिट में छूट का प्रावधान भी किया है. इन नीतियों और योजनाओं का अधिकाधिक प्रचार-प्रसार किया जाए.

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'राज्य में 1.5 लाख करोड़ निवेश होने की संभावना'

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने प्रदेश में कुछ बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं को कस्टमाइज पैकेज स्वीकृत किया है. इससे राज्य में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है. विभाग अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी बजट और अन्य घोषणाओं को समय पर पूरा करने का प्रयास करें.

कुसुम योजना के क्रियान्वयन की बाधाओं को दूर किया जाए

गहलोत ने कहा कि कुसुम योजना के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार से समन्वय किया जाए, ताकि अपनी भूमि में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के इच्छुक किसानों को कम ब्याज दर पर बिना कोलेटरल सिक्योरिटी के वित्तीय संस्थाओं से ऋण मिल सके.

सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता में राजस्थान का देश में दूसरा स्थान

प्रदेश में अक्षय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 11 हजार 117 मेगावाट तक पहुंच गई है. सौर ऊर्जा की स्थापित क्षमता में राजस्थान का देश में दूसरा स्थान है. जोधपुर के भडला में 2245 मेगावाट क्षमता का विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क स्थापित किया गया है.

यह भी पढ़ेंः रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी पर CM गहलोत का तीखा हमला, कहा- सिलेंडर इतना महंगा कि महिलाएं चूल्हे पर खाना पकाने को मजबूर

दिसम्बर 2018 से मई 2021 तक करीब 49 हजार मेगावाट की नई अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं का पंजीकरण किया गया है और बोर्ड ऑफ इन्वेस्टमेंट की ओर से 34 हजार 200 मेगावाट की परियोजनाओं को कस्टमाइज पैकेज दिया गया है.

'30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा का लक्ष्य समय से होगा पूरा'

वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड और हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा करने के लक्ष्य के साथ देश में पहले पायदान पर पहुंचना है.

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