जयपुर. राजधानी जयपुर के डेडिकेटेड कोविड सेंटर RUHS अस्पताल के आईसीयू से हाल ही में एक फोटो वायरल हो रही है. जहां एक ओर आईसीयू में एक कोविड-19 संक्रमित मरीज ने दम तोड़ दिया तो वहीं चिकित्सक अन्य मरीजों की जान बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. जिस मरीज की मौत हो गई है उसे पॉलिथीन में रैप करके रखा गया है.
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बता दें कि कोरोना मृतक के अंतिम संस्कार को लेकर राज्य सरकार ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश के तहत अब मृतक के परिजन ही मृतक का अंतिम संस्कार करेंगे. इसके तहत राज्य सरकार की ओर से कुछ गाइडलाइन तैयार की गई है और इसकी पालना करते हुए ही मृतक का अंतिम संस्कार या सुपुर्द ए खाक किया जाएगा. चिकित्सा विभाग की ओर से इसे लेकर एक पूरी गाइडलाइन तैयार की गई है.
ये हैं नियम...
- प्रत्येक मृतक की कोविड-19 जांच करवाया जाना आवश्यक नहीं है. केवल उसी मृत व्यक्ति की कोविड-19 जांच की जाए, जिनकी मृत्यु ILI और SARI के लक्षण से हुई हो.
- मृत व्यक्ति की देह कोविड-19 की जांच रिपोर्ट का इंतजार किए बिना परिजनों को हस्तांतरित की जा सकेगी.
- मृतक देह का शव परीक्षण नहीं किया जाए. यदि किन्हीं विशेष कारणों से शव परीक्षण किया जाना आवश्यक हो तो संक्रमण को रोकने के लिए विशेष रूप से भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश की पालना की जाए.
- अस्पताल प्रशासन की ओर से मृतक की देह को पूरी तरह निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार साफ, पारदर्शी, लीक प्रूफ जिपर बॉडी बैग में पैककर निर्धारित प्रपत्र में संबधित मृतक की जानकारी अंकित कर उनके परिजनों को अंतिम संस्कार के सभी प्रोटोकॉल समझाकर और उनकी पालना किए जाने का शपथ पत्र लेते हुए पाबंद कर परिजनों को सुपुर्द की जाए.
- ऐसी स्थिति में मृतक के परिजन मृतक देह को अंतिम संस्कार हेतु अपने पैतृक स्थान के श्मशान/कब्रिस्तान पर ले जाने हेतु स्वतंत्र होंगे, लेकिन संबंधित जिला प्रशासन को सूचित करने का दायित्व मृतक के परिजनों का होगा.
- बॉडी बैग जिसमें मृतक देह पैक है, उसको 1 प्रतिशत हाईपोक्लोराईट से विसंक्रमित किया जाए.
- मृतक की देह को अंतिम संस्कार हेतु अस्पताल से सीधे श्मशान/कब्रिस्तान ले जाने का शपथ पत्र लिया जाकर परिजनों को पाबंद किया जाएगा.
- परिजनों की ओर से कोविड-19 से पॉजिटिव का शव लेने की अनिच्छा जाहिर करने पर अस्पताल प्रशासन को इस संबंध में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर स्थानीय नगर निकाय द्वारा मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप शव का निर्धारित प्रोटोकॉल के अन्तर्गत अंतिम संस्कार किया जाए. ऐसे प्रकरणों के प्रबंधन हेतु अस्पताल में एक हेल्प डेस्क स्थापित की जाएगी, जिसमें अस्पताल प्रशासन व स्थानीय निकाय का एक-एक कर्मचारी नियुक्त किया जाए.
- मृतक के बॉडी बैग को नहीं खोला जाए और मृतक देह को स्नान नहीं करवाया जाए. मृतक शरीर को छूना, लिपटना, गले लगना, चूमना इत्यादि न किया जाए.
- मृतक के रिश्तेदार/परिजन मृतक देह के अंतिम दर्शन सुरक्षित दूरी से मृतक के बॉडी बैग को खोले बिना कर सकेंगे. ऐसी धार्मिक रीति रिवाज जिसमें मृतक देह को छूने की आवश्यकता नहीं हो और धार्मिक ग्रंथ का पठन, पवित्र जल छिड़का जाना आदि की अनुमति दी जा सकती है.
- अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले व्यक्तियों की अधिकतम संख्या 20 ही होगी, जिनके द्वारा कोविड-19 के बाद के समस्त सुरक्षात्मक उपाय मास्क, दस्ताने, सुरक्षित शारीरिक दूरी, खांसने या छीकने का शिष्टाचार, हाथों की सफाई आदि की पूर्ण पालना की जाए.
- मृतक के अंतिम संस्कार करने वाले व्यक्ति द्वारा मृतक का अंतिम संस्कार कोविड-19 से बचाव के समस्त सुरक्षात्मक उपाय जैसे पीपीई किट, दस्ताने, मास्क, सामाजिक दूरी आदि का उपयोग करते हुए किया जाएगा. अंतिम संस्कार करने वाले व्यक्ति को पीपीई किट संबंधित अस्पताल प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी.
- अंतिम संस्कार में शामिल व्यक्ति अंतिम संस्कार के बाद इस्तेमाल किए गए पीपीई किट, दस्ताने, मास्क आदि का निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार निस्तारण कर स्नान करें एवं साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोने और हाथों की सफाई का विशेष ध्यान रखें.
- मृतक की देह को एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने के लिए संबंधित जिला प्रशासन की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी. अस्पताल प्रशासन और मृतक के परिजनों द्वारा इसकी सूचना संबंधित जिला प्रशासन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं स्थानीय निकाय को दिया जाना आवश्यक है.
- मृतक का अंतिम संस्कार नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित उपखण्ड अधिकारी के प्रतिनिधि की उपस्थिति में किया जाएगा. यदि मृतक व्यक्ति के कोविड-19 की जांच पॉजिटिव पाई जाती है तो उसके संपर्क में आए व्यक्तियों की सूची तैयार कर कोविड-19 की स्क्रीनिंग इत्यादि करवाई जाए.
- मृत शरीर का परिवहन अस्पताल से श्मशान तक ले जाने में एम्बुलेंस/शय वाहन/मोक्ष वाहिनी का ही उपयोग किया जाए, निजी वाहन का नहीं.
- यदि होम आइसोलेशन में किसी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो मृतक के परिजनों द्वारा संबंधित जिला प्रशासन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं स्थानीय निकाय को सूचित किए जाने के बाद मृतक का अंतिम संस्कार नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित उपखण्ड अधिकारी के प्रतिनिधि की उपस्थिति में किया जाएगा.