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गहलोत सरकार का फैसला: राजस्थान में खनन क्षेत्र को भी मिलेगा सस्ता डीजल

सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने खनन क्षेत्र के लिए हाईस्पीड डीजल की वैट दर कम करने का निर्णय लिया है. इससे अब खनन क्षेत्र को भी सस्ता डीजल मिलेगा.

Rajasthan Mining Area,  Government of Rajasthan
गहलोत सरकार का फैसला
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Published : Jun 14, 2021, 8:19 PM IST

जयपुर. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने प्रदेश में खनन क्षेत्र के लिए हाईस्पीड डीजल की वैट दर कम करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने खनन व्यवसायियों को राहत देने के उद्देश्य से उत्पादक और संनिर्माण उद्योग क्षेत्रों की तर्ज पर सस्ता डीजल उपलब्ध कराने की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है.

पढ़ें- CM का संवेदनशील निर्णय, हाथी पालक परिवारों को मिलेगी मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक मदद

वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में डीजल की दरें कम होने से व्यवसायिक गतिविधियों के लिए डीजल की थोक खरीद प्रदेश के बाहर से की जाती है. इसके मद्देनजर पूर्व में ही उत्पादक और संनिर्माण उद्योगों को प्रदेश में स्थित तेल कंपनियों से डीजल खरीदने पर राज्य वैट दर (Rajasthan VAT Rate) में रियायत दी जा चुकी है. इस क्रम में खनन उद्योग को भी राजस्थान में स्थित तेल कंपनियों से डीजल खरीदने पर घटी हुई वैट दर का लाभ दिया जाएगा. इस निर्णय से राजस्थान में खनन क्षेत्र को प्रदेश में ही सस्ती दर पर डीजल खरीद का लाभ मिलेगा और राजस्थान सरकार (Gehlot Government) को 108.84 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.

प्रबोधकों के 5 हजार पद वरिष्ठ प्रबोधक में क्रमोन्नत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रबोधक (लेवल-10) के 5 हजार पदों को वरिष्ठ प्रबोधक (लेवल-11) में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे प्रबोधकों को राहत मिलेगी.

राजस्थान पंचायती राज प्रबोधक सेवा नियम-2008 के तहत वरिष्ठ प्रबोधक का पद 100 फीसदी पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है. इन नियमों के लागू होने से अब तक वरिष्ठ प्रबोधक का एक भी पद सृजित नहीं होने से प्रबोधकों को अभी तक पदोन्नति का अवसर नहीं मिला. वर्तमान में कार्यरत सभी 24 हजार 829 प्रबोधकों को पहले से ही एसीपी लेवल-11 स्वीकृत की गई है. ऐसे में ये सभी वरिष्ठ प्रबोधक का वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं.

पढ़ें- राजस्थान: मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर लगा विराम, कम से कम दो महीने तो कुछ नहीं हो पाएगा...

प्रबोधकों के 5 हजार पदों को वरिष्ठ प्रबोधक में क्रमोन्नत करने से अब उन्हें वरिष्ठ प्रबोधक का पदनाम मिलेगा. साथ ही वे प्रारंभिक शिक्षा के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अपने विषय के अध्यापन के अलावा विद्यालय संचालन और उनसे संबंधित कार्य भी कर सकेंगे.

जयपुर. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने प्रदेश में खनन क्षेत्र के लिए हाईस्पीड डीजल की वैट दर कम करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने खनन व्यवसायियों को राहत देने के उद्देश्य से उत्पादक और संनिर्माण उद्योग क्षेत्रों की तर्ज पर सस्ता डीजल उपलब्ध कराने की अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन कर दिया है.

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वित्त विभाग के प्रस्ताव के अनुसार राजस्थान के पड़ोसी राज्यों में डीजल की दरें कम होने से व्यवसायिक गतिविधियों के लिए डीजल की थोक खरीद प्रदेश के बाहर से की जाती है. इसके मद्देनजर पूर्व में ही उत्पादक और संनिर्माण उद्योगों को प्रदेश में स्थित तेल कंपनियों से डीजल खरीदने पर राज्य वैट दर (Rajasthan VAT Rate) में रियायत दी जा चुकी है. इस क्रम में खनन उद्योग को भी राजस्थान में स्थित तेल कंपनियों से डीजल खरीदने पर घटी हुई वैट दर का लाभ दिया जाएगा. इस निर्णय से राजस्थान में खनन क्षेत्र को प्रदेश में ही सस्ती दर पर डीजल खरीद का लाभ मिलेगा और राजस्थान सरकार (Gehlot Government) को 108.84 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.

प्रबोधकों के 5 हजार पद वरिष्ठ प्रबोधक में क्रमोन्नत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रबोधक (लेवल-10) के 5 हजार पदों को वरिष्ठ प्रबोधक (लेवल-11) में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे प्रबोधकों को राहत मिलेगी.

राजस्थान पंचायती राज प्रबोधक सेवा नियम-2008 के तहत वरिष्ठ प्रबोधक का पद 100 फीसदी पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है. इन नियमों के लागू होने से अब तक वरिष्ठ प्रबोधक का एक भी पद सृजित नहीं होने से प्रबोधकों को अभी तक पदोन्नति का अवसर नहीं मिला. वर्तमान में कार्यरत सभी 24 हजार 829 प्रबोधकों को पहले से ही एसीपी लेवल-11 स्वीकृत की गई है. ऐसे में ये सभी वरिष्ठ प्रबोधक का वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं.

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प्रबोधकों के 5 हजार पदों को वरिष्ठ प्रबोधक में क्रमोन्नत करने से अब उन्हें वरिष्ठ प्रबोधक का पदनाम मिलेगा. साथ ही वे प्रारंभिक शिक्षा के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अपने विषय के अध्यापन के अलावा विद्यालय संचालन और उनसे संबंधित कार्य भी कर सकेंगे.

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