जयपुर. प्रदेश में शराबबंदी की मांग गाहे-बगाहे उठती रहती है. पिछले दिनों विधानसभा सत्र में भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इससे जुड़ा सवाल लगाया था. मदन दिलावर की ओर से लगाए गए सवाल का जवाब आया है, जिसमें प्रदेश में शराबबंदी का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं होना बताया गया है. साथ ही यह भी जानकारी दी गई है कि शराब के जरिए इस वित्तीय वर्ष में करीब 13,000 करोड़ की आय का लक्ष्य है. सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में अच्छी क्वालिटी की शराब उपलब्ध कराई जा रही है.
दिलावर ने लगाया था ये सवाल
रामगंजमंडी से भाजपा विधायक मदन दिलावर ने विधानसभा में सवाल लगाया था कि प्रदेश में 2 वर्षों में शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से कितनी दुर्घटना हुई और उसमें कितने लोग घायल और मारे गए. शराब के सेवन से प्रदेश में महिला और बच्चियों के साथ दुष्कर्म, हत्या, लूट और चोरी की वारदात कब और कितनी हुई. साथ ही दिलावर ने यह भी पूछा था कि इन गंभीर हादसों के बावजूद क्या शराब को पूर्णता प्रतिबंधित करना उचित और आवश्यक नहीं है. यदि नहीं तो इस प्रकार की गंभीर घटनाओं को क्या सरकार उचित मानती है, स्पष्ट रूप से बताएं.
सरकार ने दिया ये जवाब
मदन दिलावर की ओर से लगाए गए सवाल पर सरकार की ओर से मिले जवाब में यह माना गया कि प्रदेश में साल 2019 और 2020 में शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से कुल 73 दुर्घटनाएं हुईं. जिसमें 64 लोग घायल और 30 लोगों की मौत हो गई. जवाब में यह भी बताया गया कि प्रदेश में संयम नीति लागू है, जिसके तहत अवैध मदिरा से जुड़ी गतिविधियों पर कार्रवाई की जाती है. मदिरा उत्पाद पर नियंत्रण रखते हुए मदिरा उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त शराब उपलब्ध कराया जाना भी सरकार का उद्देश्य है. साथ ही यह भी बताया गया है कि वर्तमान में प्रदेश में शराब को पूर्णता प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है.
देश के सभी राज्यों में होनी चाहिए शराबबंदी
राजस्थान सरकार की ओर से दिए गए जवाब से भाजपा विधायक मदन दिलावर संतुष्ट नहीं हैं. यही कारण है कि दिलावर मांग कर रहे हैं कि प्रदेश में पूर्ण रूप से शराब बंदी लागू की जाए. दिलावर के अनुसार देश के अन्य राज्यों में भी शराब बंदी लागू होना चाहिए क्योंकि यह देश के हित में जरूरी है. माना जा रहा है कि 9 सितंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के सत्र में अब दिलावर इस मामले को फिर से सरकार को घेरेंगे.