जयपुर. गहलोत सरकार ने दी किसानों को बड़ी राहत देते हुए बेमौसमी बारिश से फसलों में नुकसान की विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में पश्चिमी विक्षोभ के कारण हुई बेमौसमी बारिश से फसलों को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को फसलों में हुए नुकसान का जल्द आंकलन कराने के निर्देश दिए.
सीएम अशोक गहलोत फसलों में नुकसान को लेकर बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में समीक्षा की. संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर और कृषि विभाग के अधिकारी भी इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े. मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश में डीएपी खाद की उपलब्धता और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजे के वितरण की भी समीक्षा की.
एसएसपी के उपयोग को बढ़ावा देगी सरकार
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार दलहनी और तिलहनी फसलों में डीएपी के विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट (एसएसपी) के उपयोग को बढ़ावा देगी. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि किसानों को बताया जाए कि सिंगल सुपर फॉस्फेट और यूरिया का मिश्रण तिलहनी के साथ दलहनी फसलों के लिए अन्य उर्वरकों की तरह ही लाभदायक और किफायती है. बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि विभाग की ओर से गोष्ठियों और कॉल सेंटर के माध्यम से किसानों को एसएसपी के उपयोग के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है. जिला कलेक्टरों को भी डीएपी के समुचित वितरण के संबंध में मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं.
16 से 18 अक्टूबर को हुई बेमौसमी बरसात
बैठक में कृृषि विभाग की ओर से बताया गया कि 16 अक्टूबर से 18 अक्टूबर के दौरान राज्य के कई जिलों में बेमौसमी बरसात से खरीफ की सोयाबीन, धान, मूंग, बाजरा एवं उड़द की फसलों को नुकसान पहुंचने की सूचना प्राप्त हुई है. इसी प्रकार जिन खेतों में रबी की सरसों और चने की बुआई हो गई थी, उनमें भी बीज नष्ट होने के कारण किसानों को दुबारा बुआई करनी पड़ेगी. विशेषकर पूर्वी राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़, बारां, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, भरतपुर, अलवर, टोंक, दौसा आदि जिलों में फसलों में नुकसान की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है.
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ओलावृष्टि से 7 जिलों में हुआ था नुकसान
इस वर्ष जुलाई में हुई अतिवृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की मुख्यमंत्री के निर्देश पर विशेष गिरदावरी कराई गई थी. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर 7 जिलों-बारां, बूंदी, धौलपुर, झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर और टोंक के 3704 गांवों में 6 लाख 79 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 33 प्रतिशत और इससे अधिक खराबे का आकलन किया गया है. जिसके आधार पर करीब 12 लाख 11 हजार प्रभावित किसानों को कृषि आदान-अनुदान वितरित किए जाने के संबंध में कार्यवाही की जा रही है. इसके तहत अधिकतम 2 हैक्टेयर तक के मुआवजे का प्रावधान है.