जयपुर. उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड (Udaipur Murder case) को लेकर चल रही सियासी उठापटक के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार ने मृतक कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने का फैसला कर लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में नियमों में संशोधन करते हुए दोनों बेटों को नौकरी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में वेब मीडिया पर सरकारी विज्ञापन संबंधी पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी.
बता दें कि कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद लगातार पीड़ित परिवार के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने की मांग की जा रही थी. अलग-अलग संगठनों और विपक्ष की ओर से उठाई गई मांग के बाद सरकार ने नियमों में संशोधन करते हुए दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक हुई. इसमें कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने के प्रस्ताव पर नियमों में संशोधन किया (Rules modified to provide jobs to both sons of Kanhaiyalal) गया और प्रस्तााव को मंजूरी दे दी गई.
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गहलोत ने दिया था आश्वासन: दरअसल मुख्यमंत्री गहलोत जब उदयपुर पीड़ित परिवार से मुलाकात करने गए थे. उस वक्त परिवार और कई संगठनों की ओर से कन्हैयालाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई थी. इस पर गहलोत ने आश्वस्त किया था कि सरकार इस पूरे मामले पर संवेदनशील है. जल्द ही नियमों में संशोधन करके उचित फैसला लेंगे. बता दें कि मुख्य सचिव उषा शर्मा ने भी जब पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी, तो उन्हें आश्वस्त किया था कि सरकार मृतक के दोनों बच्चों को नौकरी देने को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है.
वेब मीडिया पर सरकारी विज्ञापन संबंधी पॉलिसी को भी मंजूरी: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वेब मीडिया पर सरकारी विज्ञापन संबंधी पॉलिसी को भी मंजूरी दे दी गई. अब वेबसाइट को भी समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तर्ज पर सरकार की ओर से दिए जाने वाला विज्ञापन मिल सकेगा.