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जयपुर: 70 फीसदी वार्डों में नहीं पहुंची कचरा कलेक्शन गाड़ियां, रविवार को भी सेवाएं रहेंगी बाधित

नगर निगम, बीवीजी कंपनी और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर संचालकों का आपसी विवाद शहर वासियों के लिए परेशानी का सबब बन गया. शनिवार को विद्याधर नगर, सिविल लाइंस, हवामहल पूर्व, हवामहल पश्चिम, मोती डूंगरी और मानसरोवर जोन के करीब 70 फीसदी वार्डों में हूपर नहीं पहुंचे. परेशान जनता ने निगम की हेल्पलाइन पर फोन किया तो वहां से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला.

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Published : Jul 12, 2020, 1:22 AM IST

कचरा संग्रहण  हूपर संचालक  कार्य बहिष्कार  work boycott  hopper operator  garbage collection
रविवार को भी सेवाएं रहेंगी बाधित

जयपुर. शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर संचालकों को वेतन नहीं मिल रहा. यही नहीं कोरोना काल में सेफ्टी किट तक मुहैया नहीं कराई गई. ऐसे में हूपर संचालकों का गुस्सा शनिवार को फूट पड़ा. नतीजन शहर के 70 फीसदी वार्डों में कचरा संग्रहण की सेवाएं बाधित रही.

कचरा संग्रहण  हूपर संचालक  कार्य बहिष्कार  work boycott  hopper operator  garbage collection
रविवार को भी सेवाएं रहेंगी बाधित

यही नहीं परेशान जनता ने जब निगम हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, तो वहां से भी संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. ऐसे में लोग एक बार फिर घरों के बाहर सड़क पर कचरा डालते ही नजर आए. उधर, निगम का तर्क है कि बीवीजी कंपनी को हर घर से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र करने के निर्देश हैं. लेकिन शहर से केवल कचरा उठाया जा रहा है. उसको सेग्रीगेट नहीं किया जा रहा.

यह भी पढ़ेंः जयपुर पुलिस ने चलाया जागरूकता अभियान, संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में दी जानकारी

यही नहीं सड़क पर ओपन डीपो वापस दिखाई दे रहे हैं. इसके अलावा परकोटे की गंदी गलियों की सफाई की जिम्मेदारी भी बीवीजी कंपनी के टेंडर में शामिल थी. लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. वहीं अब आरोप है कि कंपनी नगर निगम से भुगतान तो ले रही है. लेकिन हूपर चालकों को भुगतान नहीं करने से विवाद गहराता जा रहा है. वहीं हूपर संचालकों ने भुगतान नहीं होने तक कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है.

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब हूपर संचालकों ने कार्य बहिष्कार किया हो. बीते कई महीनों से चार से पांच बार यही हालत रहे हैं. बीवीजी कंपनी और हूपर संचालकों के बीच भुगतान के इसी विवाद का खामियाजा कहीं ना कहीं शहर की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.

जयपुर. शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर संचालकों को वेतन नहीं मिल रहा. यही नहीं कोरोना काल में सेफ्टी किट तक मुहैया नहीं कराई गई. ऐसे में हूपर संचालकों का गुस्सा शनिवार को फूट पड़ा. नतीजन शहर के 70 फीसदी वार्डों में कचरा संग्रहण की सेवाएं बाधित रही.

कचरा संग्रहण  हूपर संचालक  कार्य बहिष्कार  work boycott  hopper operator  garbage collection
रविवार को भी सेवाएं रहेंगी बाधित

यही नहीं परेशान जनता ने जब निगम हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, तो वहां से भी संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. ऐसे में लोग एक बार फिर घरों के बाहर सड़क पर कचरा डालते ही नजर आए. उधर, निगम का तर्क है कि बीवीजी कंपनी को हर घर से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र करने के निर्देश हैं. लेकिन शहर से केवल कचरा उठाया जा रहा है. उसको सेग्रीगेट नहीं किया जा रहा.

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यही नहीं सड़क पर ओपन डीपो वापस दिखाई दे रहे हैं. इसके अलावा परकोटे की गंदी गलियों की सफाई की जिम्मेदारी भी बीवीजी कंपनी के टेंडर में शामिल थी. लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. वहीं अब आरोप है कि कंपनी नगर निगम से भुगतान तो ले रही है. लेकिन हूपर चालकों को भुगतान नहीं करने से विवाद गहराता जा रहा है. वहीं हूपर संचालकों ने भुगतान नहीं होने तक कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है.

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब हूपर संचालकों ने कार्य बहिष्कार किया हो. बीते कई महीनों से चार से पांच बार यही हालत रहे हैं. बीवीजी कंपनी और हूपर संचालकों के बीच भुगतान के इसी विवाद का खामियाजा कहीं ना कहीं शहर की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.

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