जयपुर. शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाले हूपर संचालकों को वेतन नहीं मिल रहा. यही नहीं कोरोना काल में सेफ्टी किट तक मुहैया नहीं कराई गई. ऐसे में हूपर संचालकों का गुस्सा शनिवार को फूट पड़ा. नतीजन शहर के 70 फीसदी वार्डों में कचरा संग्रहण की सेवाएं बाधित रही.
यही नहीं परेशान जनता ने जब निगम हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया, तो वहां से भी संतोषप्रद जवाब नहीं मिला. ऐसे में लोग एक बार फिर घरों के बाहर सड़क पर कचरा डालते ही नजर आए. उधर, निगम का तर्क है कि बीवीजी कंपनी को हर घर से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र करने के निर्देश हैं. लेकिन शहर से केवल कचरा उठाया जा रहा है. उसको सेग्रीगेट नहीं किया जा रहा.
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यही नहीं सड़क पर ओपन डीपो वापस दिखाई दे रहे हैं. इसके अलावा परकोटे की गंदी गलियों की सफाई की जिम्मेदारी भी बीवीजी कंपनी के टेंडर में शामिल थी. लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं. वहीं अब आरोप है कि कंपनी नगर निगम से भुगतान तो ले रही है. लेकिन हूपर चालकों को भुगतान नहीं करने से विवाद गहराता जा रहा है. वहीं हूपर संचालकों ने भुगतान नहीं होने तक कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है.
हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है, जब हूपर संचालकों ने कार्य बहिष्कार किया हो. बीते कई महीनों से चार से पांच बार यही हालत रहे हैं. बीवीजी कंपनी और हूपर संचालकों के बीच भुगतान के इसी विवाद का खामियाजा कहीं ना कहीं शहर की आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.