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Gangaur 2022 : कोरोना काल के दो साल बाद गणगौर-सिंजारा महोत्सव मनाने की तैयारी, पहले से भी भव्य होगा आयोजन

कोरोना काल में लगे 2 साल के ब्रेक के बाद इस बार जयपुर में गणगौर की सवारी निकालने की तैयारियां शुरू हो गई हैं. ग्रेटर नगर निगम की सांस्कृतिक समिति भी गणगौर और सिंजारा उत्सव मनाने की तैयारी कर रही (Greater Nagar Nigam preparations for Gangur Mela) है. समिति के अनुसार, इस साल यह आयोजन पहले से भी भव्य होगा. गणगौर की सवारी शहर के त्रिपोलिया गेट से निकलेगी.

Gangaur festival in Jaipur
पहले से भी भव्य होगा गणगौर महोत्सव का आयोजन
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Published : Mar 27, 2022, 7:12 PM IST

जयपुर. शाही लवाजमे और धूमधाम के साथ एक बार फिर राजधानी की सड़कों पर पारंपारिक गणगौर की सवारी निकलेगी. त्रिपोलिया गेट से शुरू होकर ये सवारी त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंचेगी. कोरोना काल में लगे 2 साल के ब्रेक के बाद इस बार गणगौर की सवारी निकालने की तैयारियां शुरू हो गई (Gangaur Mela in Jaipur after two years) है. जिसके लिए विभिन्न विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है.

जयपुर की प्रसिद्ध गणगौर की सवारी को देखने के लिए एक बार फिर देशी-विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा शहर में लगेगा. इस सवारी में गणगौर माता विशेष रूप से सजाए गए ऊंट, घोड़े, बैलगाड़ी और शाही हाथी के लवाजमे के साथ त्रिपोलिया गेट से निकलेगी. सवारी में कच्ची घोड़ी, गैर, कालबेलिया और चकरी जैसे लोक नृत्य का आयोजन होगा. साथ ही कई बैंड ग्रुप शामिल होंगे. गणगौर की सवारी जयपुर के परिदृश्य से अपना अलग ही महत्व रखती है. हालांकि बीते 2 साल कोरोना की वजह से गणगौर की सवारी नहीं निकाली गई. लेकिन इस बार गणगौर की सवारी फिर पर्यटकों और स्थानीय लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगी.

पहले से भी भव्य होगा गणगौर महोत्सव का आयोजन

पढ़ें: 16 दिवसीय गणगौर पूजन की शुरूआत, 4 अप्रैल को मनाया जाएगा महोत्सव

ग्रेटर नगर निगम की सांस्कृतिक समिति पारंपरिक गणगौर सिंजारे का आयोजन करने की प्लानिंग कर रही है. सांस्कृतिक समिति चेयरमैन दुर्गेश नंदिनी ने बताया कि राजस्थान की पहचान माने जाने वाले गणगौर और सिंजारा उत्सव का आयोजन करने की प्लानिंग कर रहे हैं. जब जयपुर में एक निगम था, उस वक्त जिस पारंपरिक तरीके से इस महोत्सव को मनाया जाता था, उसी अंदाज में हेरिटेज और ग्रेटर निगम मिलकर पहले से भी भव्य आयोजन करें. उन्होंने कहा कि 2 साल कोरोना काल में लोग बहुत ज्यादा परेशान रहे. लेकिन अब इस आयोजन को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा सकता है.

पढ़ें: जयपुर स्थापना के बाद दूसरी बार नहीं निकलेगी गणगौर पर शाही सवारी

आपको बता दें कि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को गणगौर का पर्व मनाया जाता है. इस दिन कुंवारी युवतियां और विवाहित महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. वहीं गणगौर माता का विशेष शृंगार कर शोभायात्रा निकाली जाती है. शोभायात्रा में माता के दर्शन कर विवाहित महिलाएं अपने सुहाग और युवतियां अच्छे वर की कामना करती हैं. विवाहित महिलाएं ससुराल में भी गणगौर का उद्यापन करती हैं. माना जाता है कि इस त्योहार को मनाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

जयपुर. शाही लवाजमे और धूमधाम के साथ एक बार फिर राजधानी की सड़कों पर पारंपारिक गणगौर की सवारी निकलेगी. त्रिपोलिया गेट से शुरू होकर ये सवारी त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंचेगी. कोरोना काल में लगे 2 साल के ब्रेक के बाद इस बार गणगौर की सवारी निकालने की तैयारियां शुरू हो गई (Gangaur Mela in Jaipur after two years) है. जिसके लिए विभिन्न विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है.

जयपुर की प्रसिद्ध गणगौर की सवारी को देखने के लिए एक बार फिर देशी-विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा शहर में लगेगा. इस सवारी में गणगौर माता विशेष रूप से सजाए गए ऊंट, घोड़े, बैलगाड़ी और शाही हाथी के लवाजमे के साथ त्रिपोलिया गेट से निकलेगी. सवारी में कच्ची घोड़ी, गैर, कालबेलिया और चकरी जैसे लोक नृत्य का आयोजन होगा. साथ ही कई बैंड ग्रुप शामिल होंगे. गणगौर की सवारी जयपुर के परिदृश्य से अपना अलग ही महत्व रखती है. हालांकि बीते 2 साल कोरोना की वजह से गणगौर की सवारी नहीं निकाली गई. लेकिन इस बार गणगौर की सवारी फिर पर्यटकों और स्थानीय लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगी.

पहले से भी भव्य होगा गणगौर महोत्सव का आयोजन

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ग्रेटर नगर निगम की सांस्कृतिक समिति पारंपरिक गणगौर सिंजारे का आयोजन करने की प्लानिंग कर रही है. सांस्कृतिक समिति चेयरमैन दुर्गेश नंदिनी ने बताया कि राजस्थान की पहचान माने जाने वाले गणगौर और सिंजारा उत्सव का आयोजन करने की प्लानिंग कर रहे हैं. जब जयपुर में एक निगम था, उस वक्त जिस पारंपरिक तरीके से इस महोत्सव को मनाया जाता था, उसी अंदाज में हेरिटेज और ग्रेटर निगम मिलकर पहले से भी भव्य आयोजन करें. उन्होंने कहा कि 2 साल कोरोना काल में लोग बहुत ज्यादा परेशान रहे. लेकिन अब इस आयोजन को हर्षोल्लास के साथ मनाया जा सकता है.

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आपको बता दें कि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को गणगौर का पर्व मनाया जाता है. इस दिन कुंवारी युवतियां और विवाहित महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. वहीं गणगौर माता का विशेष शृंगार कर शोभायात्रा निकाली जाती है. शोभायात्रा में माता के दर्शन कर विवाहित महिलाएं अपने सुहाग और युवतियां अच्छे वर की कामना करती हैं. विवाहित महिलाएं ससुराल में भी गणगौर का उद्यापन करती हैं. माना जाता है कि इस त्योहार को मनाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है.

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