जयपुर. कोरोना के संक्रमण ने जहां पूरे विश्व की जीवनशैली को बदल दिया है. वहीं कई तरह के नए उद्योगों को भी जन्म दिया है, उनमें से एक है खादी ग्राम उद्योग. संभवतया देश मे ऐसा पहली बार हो रहा है कि खादी के निर्माण यूनिट में पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर बनाने की स्वीकृति जारी की गई है. खादी ग्रामोद्योग आयोग के इस ऐतिहासिक फैसले से ना सिर्फ गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय उपकरणों का निर्माण होगा बल्कि लाखों लोगों के रोजगार के द्वार भी खुलेंगे.
आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली खादी अब कोरोना के खिलाफ इस जंग में भी उतर चुकी है. खादी परिधान, साैंदर्य प्रसाशन और साबुन-शैंपू बनाने वाला खादी अब पीपीई किट, मास्क, सैनिटाइजर और वेंटिलेटर जैसे मेडिकल उपकरणों का निर्माण भी करेगा.
खादी उद्योग को पुनर्जीवित करने के सरकार के निरंतर प्रयासों और खादी को दैनिक जीवन की आवश्यकता के रूप में अपनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील करने के परिणामस्वरूप केवीआईसी लगातार विकास कर रहा है. यही वजह की अब इस संकटकाल में यूनिट ऑफ वेंटिलेटर एंड एसेसरीज, पीपीई किट फॉर मेडिकल स्टॉफ, यूनिट ऑफ सैनिटाइजर लिक्विड, फैस रिकोग्नाइशन टेंपरेचर मॉनिटरिंग और मास्क मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में मेडिकल सामग्री का निर्माण होगा.
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दरअसल, कोरोना काल मे पीएमईजीपी योजना में कुछ विशेष परियोजनाएं शुरू की गई है. जिसके तहत खादी में कोरोना काल के दौरान प्रवासी मजदूरों को जोड़ने के लिए अभी तकरीबन 300 लोगों को अगले माह बुनकर का प्रशिक्षण देकर खादी से जोड़ा जाएगा. इस वर्ष 20 केआरडीपी परियोजनाएं स्थापित की जाएगी. इसमें 8 खादी की परियोजनाएं जो कि 6 करोड़ की अनुमोदित कर मुख्यालय को भेज दी गई है, इनमें 500 प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा खादी की नई संस्थाएं खोली जा रही है, जिससे प्रवासी मजदूरों को जोड़ा जाएगा.
जाने प्रवासी मजदूरों को कैसे मिलेगा रोजगार
स्फूर्ति योजना में राजस्थान में 40 परियोजनाएं स्थापित की जा रही है, जोकि 200 करोड़ की होगी. इससे 20 हजार लोगों को रोजगार का लक्ष्य रखा गया है. वहीं पीएमईजीपी के तहत 35 प्रतिशत सब्सिडी सामान्य पुरुष को छोड़कर दी जा रही है. योजनांतर्गत 10 लाख सेवा इकाई के लिए और 25 लाख उत्पादन परियोजनाओं के लिए स्वीकृति दी जा रही है.
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नए नोटिफिकेशन के अनुसार डिटीएफसी की बाध्यता को हटाकर स्कोर कॉर्ड के आधार पर ऑनलाइन आवेदन करने के बाद सीधे वित्तीय बैंक शाखा को 5 दिन के अंदर अग्रसारित किया जाएगा. जिसका लाभ सीधे प्रवासी मजदूरों के परिवारों को मिलेगा. खादी ग्रामोद्योग आयोग के इस फैसले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में भी मदद मिलेगी. प्रवासी मजदूरों को रोजगार से जोड़ने का ये एक प्रयास है. साथ ही जिन प्रवासी मजदूरों का रोजगार छिन गया उनके लिए ये एक संजीवनी साबित होगी.