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आर्मी और FCI में नौकरी लगाने के नाम पर 1 करोड़ की ठगी, 3 साल बाद दर्ज हुआ मामला - Gang Of Thugs In Jaipur

आर्मी और एफसीआई में आला अधिकारियों से संबंध के नाम पर ठगों के गैंग ने कुल 1 करोड़ रुपए ठग (Fraud on Job Pretext In Jaipur) लिए. पुलिस के मुताबिक ये हर कैंडिडेट से 5 लाख रुपए नौकरी के नाम पर मांगते थे. पीड़ित ने 3 साल पुलिस के चक्कर काटे जिसके बाद अदालत के आदेश पर केस दर्ज किया गया.

Jaipur Fraudster ran away with Rupee 1 crore
नौकरी लगाने के नाम पर 1 करोड़ की ठगी
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Published : May 7, 2022, 12:19 PM IST

जयपुर. राजधानी के सिंधी कैंप थाना इलाके में सेना और एफसीआई में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 1 करोड़ रुपए की ठगी (Jaipur Fraudster ran away with Rupee 1 crore) करने का मामला सामने आया है. चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने नौ धाराओं में नामजद केस दर्ज किया है और आरोपियों की तलाश की जा रही है. प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि टोंक निवासी पीड़ित राजेन्द्र कुमार मीणा अपने बेटे का इंजीनियरिंग में एडमिशन कराने के लिए साल 2018 में निवाई आए थे और वहां पर बस स्टैंड के पास खड़े थे. इस दौरान लाखन सिंह नाम का व्यक्ति वहां पर अपने कॉलेज का प्रचार कर रहा था.

लाखन सिंह की राजेन्द्र मीणा से मुलाकात हुई और लाखन सिंह ने बताया कि वह आर्मी और एफसीआई का विशेषज्ञ है. आर्मी और एफसीआई में उसके आला अधिकारियों से संबंध है और उन लोगों से मिलकर अब तक सैंकड़ों बच्चों की सरकारी नौकरी लगवा चुके हैं. लाखन सिंह की बातों में राजेन्द्र मीणा आ गया और उसके बाद जयपुर के सिंधी कैंप स्थित उसकी कोचिंग में आ गया. बाद में राजेन्द्र ने अपने बेटे का एडमिशन यहां कराने की तैयारी कर ली.

5 लाख दो और सरकारी नौकरी पाओ: राजेन्द्र मीणा ने पुलिस को बताया कि लाखन सिंह ने कुछ दिन के बाद जयपुर के सिंधी कैंप इलाके में अपने साथी विशाल और अभिषेक से मिलावाया (Gang Of Thugs In Jaipur). दोनो ने राजेन्द्र और उसके साथ आए कुछ अन्य लोगों को सरकारी दस्तावेज दिखाए. उन्होनें बताया कि पिछले कुछ सालों में कई बच्चों को आर्मी और एफसीआई में सैट कर दिया है. उनके परमिशन लैटर और ज्वाइनिंग लैटर भी राजेन्द्र को दिखाए गए. विशाल, अभिषेक और लाखन सिंह ने राजेन्द्र को कहा कि हर बच्चे के पांच लाख रुपए लेते हैं और नौकरी की पक्की गारंटी देते हैं. किसी कारण से यदि नौकरी नहीं लगेगी तो सारा पैसा वापस कर देंगे.

पढ़ें- Maha Thug Arrested: सरकारी नौकरी के नाम पर की थी करोड़ों की ठगी, 21 प्रकरण दर्ज...पुलिस ने किया गिरफ्तार

एक करोड़ लिए और फिर हुए फरार: राजेन्द्र मीणा ने अपने बेटे के साथ ही परिवार के अन्य लोगों के बच्चों को भी नौकरी लगाने की बात की और करीब बीस बच्चों के दस्तावेज जमा कर लिए. इन बच्चों को आर्मी और एफसीआई में लगाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई. पहली बार में राजेन्द्र ने इन लोगों को 45 लाख कैश दिया और उसके कुछ दिन के बाद 55 लाख रुपए और दे दिए. राजेन्द्र का विश्वास जीतने के लिए तीनों ठगों ने अपने चौथे साथी अमन से मुलाकात करवाई.

ठगी का मेरठ कनेक्शन: ठग अमन ने उनमें से एक बच्चे को मेरठ बुलाया (Jaipur Thug In Meerut) और वहां पर एफसीआई का ऑफिस बताते हुए एक कार्यालय जैसे कमरे में करीब एक महीने तक काम कराया और ट्रेनिंग दी. जिससे राजेन्द्र और उसके परिवार के लोगों का विश्वास और बढ़ गया. लेकिन जब एक करोड़ रुपए खाते से निकल कर ठगों के पास चले गए तो न तो किसी को नौकरी मिली (Jaipur Fraudster ran away with Rupee 1 crore) और न ही फिर ठगों ने फोन उठाया. ठगों ने राजेन्द्र को बच्चों के सरकारी नौकरी के जो जॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड दिए थे वो सभी फर्जी पाए गए. तीन साल तक कभी टोंक और कभी जयपुर में पुलिस के चक्कर लगाने के बाद राजेंद्र ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट की दखलंदाजी के बाद आखिर सिंधी कैंप थाने में शुक्रवार को मुकदमा दर्ज किया गया.

जयपुर. राजधानी के सिंधी कैंप थाना इलाके में सेना और एफसीआई में सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर 1 करोड़ रुपए की ठगी (Jaipur Fraudster ran away with Rupee 1 crore) करने का मामला सामने आया है. चार लोगों के खिलाफ पुलिस ने नौ धाराओं में नामजद केस दर्ज किया है और आरोपियों की तलाश की जा रही है. प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि टोंक निवासी पीड़ित राजेन्द्र कुमार मीणा अपने बेटे का इंजीनियरिंग में एडमिशन कराने के लिए साल 2018 में निवाई आए थे और वहां पर बस स्टैंड के पास खड़े थे. इस दौरान लाखन सिंह नाम का व्यक्ति वहां पर अपने कॉलेज का प्रचार कर रहा था.

लाखन सिंह की राजेन्द्र मीणा से मुलाकात हुई और लाखन सिंह ने बताया कि वह आर्मी और एफसीआई का विशेषज्ञ है. आर्मी और एफसीआई में उसके आला अधिकारियों से संबंध है और उन लोगों से मिलकर अब तक सैंकड़ों बच्चों की सरकारी नौकरी लगवा चुके हैं. लाखन सिंह की बातों में राजेन्द्र मीणा आ गया और उसके बाद जयपुर के सिंधी कैंप स्थित उसकी कोचिंग में आ गया. बाद में राजेन्द्र ने अपने बेटे का एडमिशन यहां कराने की तैयारी कर ली.

5 लाख दो और सरकारी नौकरी पाओ: राजेन्द्र मीणा ने पुलिस को बताया कि लाखन सिंह ने कुछ दिन के बाद जयपुर के सिंधी कैंप इलाके में अपने साथी विशाल और अभिषेक से मिलावाया (Gang Of Thugs In Jaipur). दोनो ने राजेन्द्र और उसके साथ आए कुछ अन्य लोगों को सरकारी दस्तावेज दिखाए. उन्होनें बताया कि पिछले कुछ सालों में कई बच्चों को आर्मी और एफसीआई में सैट कर दिया है. उनके परमिशन लैटर और ज्वाइनिंग लैटर भी राजेन्द्र को दिखाए गए. विशाल, अभिषेक और लाखन सिंह ने राजेन्द्र को कहा कि हर बच्चे के पांच लाख रुपए लेते हैं और नौकरी की पक्की गारंटी देते हैं. किसी कारण से यदि नौकरी नहीं लगेगी तो सारा पैसा वापस कर देंगे.

पढ़ें- Maha Thug Arrested: सरकारी नौकरी के नाम पर की थी करोड़ों की ठगी, 21 प्रकरण दर्ज...पुलिस ने किया गिरफ्तार

एक करोड़ लिए और फिर हुए फरार: राजेन्द्र मीणा ने अपने बेटे के साथ ही परिवार के अन्य लोगों के बच्चों को भी नौकरी लगाने की बात की और करीब बीस बच्चों के दस्तावेज जमा कर लिए. इन बच्चों को आर्मी और एफसीआई में लगाने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई. पहली बार में राजेन्द्र ने इन लोगों को 45 लाख कैश दिया और उसके कुछ दिन के बाद 55 लाख रुपए और दे दिए. राजेन्द्र का विश्वास जीतने के लिए तीनों ठगों ने अपने चौथे साथी अमन से मुलाकात करवाई.

ठगी का मेरठ कनेक्शन: ठग अमन ने उनमें से एक बच्चे को मेरठ बुलाया (Jaipur Thug In Meerut) और वहां पर एफसीआई का ऑफिस बताते हुए एक कार्यालय जैसे कमरे में करीब एक महीने तक काम कराया और ट्रेनिंग दी. जिससे राजेन्द्र और उसके परिवार के लोगों का विश्वास और बढ़ गया. लेकिन जब एक करोड़ रुपए खाते से निकल कर ठगों के पास चले गए तो न तो किसी को नौकरी मिली (Jaipur Fraudster ran away with Rupee 1 crore) और न ही फिर ठगों ने फोन उठाया. ठगों ने राजेन्द्र को बच्चों के सरकारी नौकरी के जो जॉइनिंग लेटर और आईडी कार्ड दिए थे वो सभी फर्जी पाए गए. तीन साल तक कभी टोंक और कभी जयपुर में पुलिस के चक्कर लगाने के बाद राजेंद्र ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट की दखलंदाजी के बाद आखिर सिंधी कैंप थाने में शुक्रवार को मुकदमा दर्ज किया गया.

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